सोमवार, 10 अक्तूबर 2011

सोनिया की 18 लाख रूपए रोज की सदगी!


सोनिया की 18 लाख रूपए रोज की सदगी!

सोनिया की बीमारी रहस्यमय, खर्च भी अनाप शनाप!

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। कांग्रेस की राजमाता श्रीमति सोनिया गांधी अमेरिका से सर्जरी कराकर वापस आ चुकी हैं। उनकी बीमारी के मामले में कांग्रेस और कांग्रेसनीत केंद्र सरकार मौन है। जनता पार्टी के अध्यक्ष सुब्रम्हाण्यम स्वामी ने सोनिया गांधी पर अमेरिका में हुई सर्जरी में हुए खर्च पर सवाल उठाया है। बताया जाता है कि सर्जरी के बाद टीम सोनिया जिस अपार्टमेंट में रूकी थी उसका किराया अठ्ठारह लाख रूपए रोजना था।

वैसे तो सोनिया गांधी की बीमारी उनका निजी मामला है, किन्तु व्हीव्हीआईपी पर्सन्स के हर कदम को जानने के लिए रियाया उत्सुक रहती है। सोनिया की बीमारी पर कांग्रेस की चुप्पी ने लोगों की उत्सुकता बढ़ा दी है। कांग्रेस मुख्यालय के अंदरखाने से छन छन कर बाहर आ रही खबरों पर अगर यकीन किया जाए तो इस साल जून में वे अपनी बीमार मां का हाल जानने नहीं अपना ही इलाज करवाने विदेश गईं थीं।

कांग्रेस की सत्ता और शक्ति के शीर्ष केंद्र 10 जनपथ (सोनिया का सरकारी आवास) के सूत्रों का कहना है कि सोनिया गांधी का आपरेशन न्यूयार्क स्थित मेमोरियल स्लोन केटरिंग कैंसर सेंटर में हुआ है। उनका आपरेशन साधारण नहीं था और उनकी सर्जरी लगभग सात घंटे से अधिक समय तक चली। अपुष्ट समाचारों के अनुसार सोनिया को पेंक्रियाज में कैंसर था। इस तरह का कैंसर असामान्य ही माना जाता है क्योंकि यह लाखों लोगों में एक को होता है।

बहरहाल, सूत्रों के अनुसार आपरेशन के बाद सोनिया गांधी अपने लाव लश्कर के साथ वे न्यूयार्क के प्लस मैनहट्टन अपार्टमेंट में दो मंजिला आवास में रूकी थीं। सूत्रों ने यह भी बताया कि सोनिया गांधी के द्वारा किराए पर लिए इस आवास का किराया 40 हजार अमरीकि डालर अर्थात लगभग 18 लाख रूपए प्रतिदिन था।

गौरतलब है कि अभी ज्यादा दिन नहीं बीते हैं जबकि कांग्रेस की राजमाता श्रीमति सोनिया गांधी और युवराज राहुल गांधी द्वारा कांग्रेसियों को सादगी बरतने की नसीहत दी गई थी। सोनिया गांधी ने इसे अपनाते हुए दिल्ली से मुंबई तक की हवाई यात्रा इकानामी क्लास में बीस सीट खाली कराकर (सुरक्षा का हवाला देकर) और राहुल गांधी ने दिल्ली से चंडीगढ़ तक शताब्दी रेल में एक पूरी की पूरी बोगी बुक कराकर (सुरक्षा कारणों के चलते) सादगी का अद्भुत परिचय दिया था।

कहा जा रहा है कि सोनिया के इस लंबे चौड़े खर्च का भोगमान सोनिया के पीहर की ही एक फर्म ने भोगा है। अब देखना महज इतना है कि इस मसले पर विपक्ष क्या रूख अपनाता है? विपक्ष को यह एक बेहतरीन मुद्दा मिला है जिस पर वह कांग्रेस और सरकार को बुरी तरह घेर सकती है।

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