मंगलवार, 4 अक्तूबर 2011

निज़ाम नहीं वज़ीरे आज़म बनना चाह रहे हैं मोदी


निज़ाम नहीं वज़ीरे आज़म बनना चाह रहे हैं मोदी

संघ की पेशकश ठुकराई नरेंद्र मोदी ने

मोदी का इंकार दिला सकता है गड़करी को एक्सटेंशन

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी के कद को देखकर भाजपा के पितृ संगठन राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने उन्हें भाजपाध्यक्ष की कुर्सी की पेशकश की जो मोदी ने बहुत सम्मान के साथ अस्वीकार कर दी। दरअसल मोदी भाजपा के निजाम बनने के बजाए देश के वजीरे आजम बनने में ज्यादा दिलचस्पी रख रहे हैं। मोदी के इंकार से वर्तमान भाजपा निजाम नितिन गड़करी को एक और कार्यकाल मिलने से कोई नहीं रोक सकता है। मोदी के मन में 7 रेसकोर्स रोड (प्रधानमंत्री का सरकारी आवास) को अपना आशियाना बनाने की आकांक्षाएं बलवती हो रही हैं।

दिल्ली में झंडेवालान स्थित संघ मुख्यालय के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि नितिन गड़करी का कार्यकाल 2012 में समाप्त हो रहा है। इसके दो साल बाद आम चुनाव हैं। संघ चाहता है कि आम चुनावों में मोदी की छवि और उनके अनुभवों का इस्तेमाल वह पार्टी के लिए करे। यही कारण है कि संघ के आला नेताओं ने मोदी को भाजपा की कमान संभालने के लिए न्योता दे दिया।

सूत्रों की मानें तो मोदी ने मिशन 2014 के चलते संघ के आला नेताओं को यह कहकर शांत कर दिया कि मुख्यमंत्री रहते हुए उनके पास असीमित संवैधानिक अधिकार हैं, जिनके चलते कांग्रेस चाह कर भी उनका बाल बांका नहीं कर पा रही है। अगर उन्होंने मुख्यमंत्री पद छोड़ा तो कांग्रेस उन्हें चील कौओं के मानिंद नोच खाएगी। उनका आधे से ज्यादा समय कोर्ट कचहरियों में बीतेगा।

बताया जाता है कि मोदी ने अपने पिछले राजनैतिक रिकार्ड और इस दौरान उनके विरोधियों के बिना आवाज शमन के साथ ही साथ विपक्षी पार्टियों के आक्रमक के बजाए रक्षात्मक रवैए का भी हवाला खुलकर दिया। मोदी ने संघ को दो टूक कह दिया है कि संघ को अगर उनके लिए (मोदी के लिए) कुछ करना है तो वे उनके लिए सीएम से पीएम तक का मार्ग प्रशस्त कर दें।

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