शुक्रवार, 25 नवंबर 2011

देवताओ के दरबार में भाजपा के खिलाफ न्‍याय की गुहार


देवताओ के दरबार में भाजपा के खिलाफ न्‍याय की गुहार

सरकार से निराश होकर आराध्य् देव की शरण में जा रहे हैं

(चन्द्रशेखर जोशी)

देहरादून। उत्तराखण्ड को देवों की भूमि कहा गय्ाा है, भाजपा सरकार से निराश होकर देवी देवताओं के दरबार में जाकर भाजपा सरकार के खिलाफ न्य्ााय्ा की गुहार लगा रही हैं, वहीं दूसरी ओर उत्तराखण्ड हाथ से न निकल जाए इसके लिए भाजपा चार दिसम्बर को अपने सेनापतिय्ाों का पदर्शन करने जा रही है, नैनीताल में पहली बार पार्टी के राष्ट्रीय्ा अध्य्ाक्ष नितिन गडकरी, मुख्य्ामंत्र्ाी बीसी खंडूडी, पूर्व अध्य्ाक्ष राजनाथ सिंह, सुषमा स्वराज, अरुण जेटली के साथ ही थावर चंद्र गहलौत, अनंत कुमार, रविशंकर पसाद, राम लाल, सौदान सिंह, किरण माहेरी, धम्रेद्र पधान सहित 11 राष्ट्रीय्ा महामंत्र्ाी, दो पूर्व मुख्य्ामंत्र्ाी भगत सिंह कोश्य्ाारी व डा. रमेश पोखरिय्ााल निशंकउत्तराखण्ड में जीत के लिए मंथन करेगें, परन्तु वहीं दूसरी ओर कुमाय्ाूं व गढवाल की जनता भाजपा की कुछ नीतिय्ाों से निराश होकर देवताओं की शरण में जाकर भाजपा के खिलाफ न्य्ााय्ा की गुहार लगांएगें, उत्तराखंड देवों की भूमि है। इसके कण कण में देवताओं का वास है। पांखू स्थित न्य्ााय्ा की देवी के दरबार में कहा जाएगा कि भाजपा ने क्षेत्र्ा की जनभावनाओं को जिस तरह से ठेस पहुंचाई है, टिहरी जनपद के अलावा उत्तरकाशी जिले के 180 गांवों के निवासी भी अपने आराध्य्ा देव की शरण में जा रहे हैं।

उत्तराखण्ड में न्य्ााय्ा के मंदिर भी है जहां जनता शासन सरकार से निराश होकर देवी देवताओं के दरबार में फरिय्ााद करती है, अदभूत व चमत्कारी न्य्ााय्ा होता है देवताओं के दरबार में, ज्ञात हो कि पूर्ववर्ती एनडी तिवारी के शासनकाल में भी न्य्ााय्ा की देवी के दरबार में न्य्ााय्ा की गुहार लगाय्ाी गय्ाी थी, फैसला सरकार के खिलाफ आय्ाा थान्य्ााय्ा की देवी कोटगाड़ी, अल्मोडा के गोल्ज्य्ाू कुमाय्ाूं के पसिद्व न्य्ााय्ा की मंदिर हैं, जहां फरिय्ाादी के साथ पूर्ण न्य्ााय्ा होता है, अब भाजपा सरकार के खिलाफ देवताओं के दरबार में अर्जी पहुंच गय्ाी है,

वहीं इस बार मामला आय्ाा है पिथौरागढ जनपद  के देवलथल उप तहसील को पूर्ण तहसील का दर्जा दिए जाने की मांग का, धरना के 266वें दिन भी जारी रहने से व उपेक्षा से आहत तहसील बनाओ संघर्ष समिति के पदाधिकारिय्ाों ने इस मामले को अब पांखू स्थित न्य्ााय्ा की देवी के दरबार तक पहुंचाने का फैसला किय्ाा है।

देवलथल में चल रहे क्रमिक अनशन स्थल पर   समिति के पदाधिकारिय्ाों ने कहा कि इस आंदोलन को नौ माह का समय्ा पूरा होने को है। लेकिन आंदोलन को इतना लंबा समय्ा बीतने के बाद भी पदेश सरकार द्वारा उनकी मांग पूरी नहीं की गई है। इसके खिलाफ नौ माह का समय्ा पूरा होने पर 28 नवंबर को विशाल जुलूस निकाला जाएगा। इसी दिन इस मामले को न्य्ााय्ा की देवी कोटगाड़ी के दरबार में ले जाने पर भी विचार किय्ाा जाएगा।

वक्ताओं ने कहा कि भाजपा ने क्षेत्र्ा की जनभावनाओं को जिस तरह से ठेस पहुंचाई है उसका जवाब विधान सभा चुनावों में दिय्ाा जाएगा। इसके लिए बाराबीसी क्षेत्र्ा के सभी संगठन एक मंच पर आकर रणनीति बनाएंगे। तहसील बनाओ संघर्ष समिति के महासचिव जगदीश कुमार ने पूरे क्षेत्र्ावासिय्ाों से 28 नवंबर को पस्तावित आंदोलन को सफल बनाने के लिए देवलथल पहुंचने का आह्नान किय्ाा।

इसी पकार गढवाल मण्डल के जनपद नई टिहरी के भिलंगना पखंड के बूढाकेदार गांव में 25 नवंबर को गुरु कैलापीर देवता के मेले में ही देवता को अपनी समस्य्ाा बताकर समाधान चाह रहे हैं। है। मेले के दिन सुबह ग्रामीण ढोलµनगाड़ों के साथ मंदिर परिसर में एकत्र्ा होते हैं। इसके बाद देवता की पूजाµअर्चना होती है। इसके बाद ग्रामीण देवता के पश्वा के मंदिर से बाहर आने का इंतजार करते हैं। फिर देवता की झ्ांडी को मंदिर से बाहर निकाला जाता है। पूजारी देवता के पश्वा को लेकर खेतों में जाते हैं। ग्रामीण उनके पीछे जाते हैं। अच्छी फसल व क्षेत्र्ा की खुशहाली के लिए ग्रामीण देवता के पश्वा के साथ खेतों में दौड़ लगाते हैं। अंतिम चक्कर में ग्रामीण देवता पर पुआल चढाते हैं। इसके बाद महिलाएं आशीर्वाद लेने को वहां पहुंचती है। इस दौरान लोग मंदिर में साड़ी चढाते हैं। साथ ही देवता के पश्वा को अपनी समस्य्ाा बताते हैं। भिलंगना पखंड का बूढाकेदार ऐसा ही एक गांव है, जहां गुरु कैलापीर मेले में ग्रामीण खुशहाली के लिए देवता के पश्वा के साथ खेतों में दौड़ लगाते हैं।  गुरु कैलापीर देवता टिहरी जनपद के अलावा उत्तरकाशी जिले के 180 गांवों के आराध्य्ा देव हैं।  इन जनपदों के निवासी भाजपा सरकार से निराश होकर आराध्य्ा देव की शरण में जा रहे हैं।

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