शुक्रवार, 25 नवंबर 2011

पंवार को मिली तल्ख तेवरों की सजा


बजट तक शायद चलें मनमोहन . . . 35

पंवार को मिली तल्ख तेवरों की सजा

झापड़ कांड के पार्श्व में कांग्रेस के होने का अंदेशा




(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। मराठा क्षत्रप शरद पंवार के अचानक उग्र हुए तेवरों से हलाकान कांग्रेस अब राहत महसूस कर रही है। ब्रहस्पतिवार को दिल्ली के एक आडीटोरियम में शरद पंवार पर सर्वाजनिक तौर पर पड़े झापड़ से मराठा क्षत्रप पंवार अब बैकफुट पर दिखाई पड़ रहे हैं। आडीटोरियम से सीधे घर पहंुच पंवार आत्म मंथन में जुट गए।

गौरतलब है कि सरकार और शरद पंवार दोनों ही इस वक्त रणभूमि के योद्धा की भांति ही नजर आ रहे थे। शरद पंवार को आखिर एकाएक क्या हो गया इस बात की तह में जाने का असफल प्रयास कर रहे थे, उधर पंवार हर रोज अन्य राजनैतिक दलों के नेताओं से मंत्रणा में लगना भी कांग्रेस के गले नहीं उतर रहा था।

पंवार के करीबियों का मानना था कि यह पंवार का अब तक का सबसे बड़ा हमला है। पंवार इन दिनों ममता बनर्जी, मुलायम सिंह यादव, नवींन पटनायक, जयललिता, बाला साहेब ठाकरे जैसे कांग्रेस के पक्ष और विपक्ष वाले नेताओं के संपर्क में हैं। भाजपा और संघ में उनकी गहरी पकड़ जगजाहिर ही है। भाजपा के नितिन गड़करी उनके अच्छे मित्रों में से हैं तो एल.के.आड़वाणी पर पंवार के अनेक कर्ज बताए जा रहे हैं। आड़वाणी की जनचेतना यात्रा में पंवार ने अघोषित तौर पर बेहतरीन सहयोग देकर उनका दिल जीता है।

सियासी गलियारों में चल रही चर्चाओं के अनुसार पंवार पर यह हमला कांग्रेस की सोची समझी साजिश का ही नतीजा था। पंवार इस तरह की हरकत के लिए तैयार नहीं थे। अब वे आगे की रणनीति में जुट गए हैं। चोट खाए मराठा क्षत्रप के समर्थक अब उग्र तेवर अपनाने की रणनीति बनाने में जुट गए हैं।

(क्रमशः जारी)

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