शुक्रवार, 25 नवंबर 2011

लोकसभा में मामला उठाने की तैयारी में एक सांसद


0 घंसौर को झुलसाने की तैयारी पूरी . . . 25

लोकसभा में मामला उठाने की तैयारी में एक सांसद

झाबुआ पावर की सारी जानकारियां बुलवाईं कांग्रेस के एक संसद सदस्य ने

ध्यानकर्षण में उठ सकता है आदिवासी हितों का मामला

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण मण्डल और मशहूर उद्योगपति गौतम थापर के स्वामित्व वाले आवंथा समूह के सहयोगी प्रतिष्ठान झाबुआ पावर लिमिटेड द्वारा आदिवासियों के हितों पर कुठाराघात किए जाने का मामला मध्य प्रदेश के एक कांग्रेसी संसद सदस्य ने उठाने का मन बना लिया है। इस हेतु वे आवश्यक प्रपत्र एकत्रित करने में जुट गए हैं। आश्चर्यजनक तथ्य यह है कि जिस स्थान पर यह संयंत्र संस्थापित होने वाला है वहां के कांग्रेस के सांसद बसोरी सिंह मसराम और पड़ोसी भाजपाई सांसद के.डी.देशमुख ने इस बारे में संसद में मौन साध रखा है।

लोकसभा परिसर में चहलकदमी कर रहे मध्य प्रदेश के एक संसद सदस्य ने मीडिया के एक वरिष्ठ सदस्य से इस बारे में चर्चा करते हुए कहा कि उन्हें विभिन्न माध्यमों से गौतम थापर द्वारा आदिवासियों के हितों के साथ खेलने की शिकायतें मिली हैं। उन्होंने कहा कि वे इस बारे में जानकारियां एकत्र कर रहे हैं और संसद में ध्यानाकर्षण में इस बात को उठाने का प्रयास करेंगे।

मीडिया के बीच चल रही चर्चाओं के अनुसार आदिवासियों के नाम पर सालों से राजनीति करने वाली कांग्रेस और भाजपा के क्षेत्रीय सांसदों द्वारा इस मसले को आखिर उठाया क्यों नहीं जा रहा है? गौरतलब है कि परिसीमन में समाप्त हुई सिवनी लोकसभा का आधा हिस्सा आरक्षित मण्डला और बाकी हिस्सा बालाघाट संसदीय क्षेत्र में मिला दिया गया है।

गौतम थापर के स्वामित्व वाले आवंथा समूह के सहयोगी प्रतिष्ठान झाबुआ पावर लिमिटेड द्वारा 1200 मेगावाट का प्रस्तावित जो कागजों पर अब 1260 मेगावाट का हो चुका है, का कोल आधारित संयंत्र आदिवासी बाहुल्य घंसौर तहसील में डाला जा रहा है। यह सिवनी जिले का हिस्सा है और मण्डला संसदीय क्षेत्र में आता है। मण्डला से आदिवासी समुदाय के कांग्रेस के सांसद बसोरी सिंह मसराम और जिले के शेष भाग के सांसद भाजपा के के.डी.देशमुख हैं।

यहां यह भी उल्लेखनीय है कि सिवनी जिले में परिसीमन के उपरांत बचे चार विधानसभा क्षेत्रों में एक में कांग्रेस और तीन पर भाजपा का कब्जा है। संयंत्र वाला हिस्सा लखनादौन विधानसभा का हिस्सा है यहां की भाजपा विधायक श्रीमति शशि ठाकुर खुद भी आदिवासी समुदाय से हैं। वहीं दूसरी ओर सिवनी से भाजपा की श्रीमति नीता पटेरिया, बरघाट से भाजपा के कमल मस्कोले तो केवलारी से कांग्रेस के हरवंश सिंह ठाकुर विधायक और विधानसभा उपाध्यक्ष हैं।

वर्तमान में लोकसभा के साथ ही साथ मध्य प्रदेश का विधानसभा का शीतकालीन सत्र भी चल रहा है। इसके वावजूद सिवनी जिले के चार विधायकों द्वारा इस मामले को विधानसभा में न उठाया जाना और दो सांसदों को अपने दामन में सहेजने वाले सिवनी जिले के आदिवासी हित के इस ज्वलंत मुद्दे को संसद में न उठाया जाना आश्चर्यजनक ही माना जा रहा है। यहां उल्लेखनीय होगा कि सिवनी जिले के हितों के लिए जिले के सांसदों ने कभी संसद में आवाज बुलंद नहीं की। नैनपुर से सिवनी छिंदवाड़ा अमान परिवर्तन का मामला भी 2005 में बिलासपुर के सांसद पुन्नू लाल माहौले ने ही उठाया था।

(क्रमशः जारी)

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