गुरुवार, 3 नवंबर 2011

थापर ग्रुप के लिए बनेंगी, चमचमाती सडकें

घंसौर को झुलसाने की तैयारी पूरी . . . 5

थापर ग्रुप के लिए बनेंगी, चमचमाती सडकें

लखनादौन खवासा के पहले बन जाएगी जबलपुर लखनादौन सड़क

झाबुआ पावर प्लांट में होगा इन सडकों से कोयला सप्लाई

सिवनी जिले की सडकों के उड जाएंगे धुर्रे

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। वर्ष 2008 से सिवनी जिले के नागरिक भले ही स्वर्णिम चतुर्भुज सड़क परियोजना के अंग उत्तर दक्षिण गलियारे में लखनादौन से खवासा तक के मार्ग में बेतहाशा गड्ढ़ों में हिचकोले खाते अपने वाहनों का सर्वनाश कराते रहें किन्तु जबलपुर से घंसौर बरास्ता धूमा, लखनादौन की सड़क चमचमाती बनकर तैयार हो जाएगी। इस सड़क को फोरलेन बनाने की तैयारी भी पूरी कर ली गई है।

देश की जानी मानी थापर ग्रुप ऑफ कम्पनीज को लाभ दिलाने के लिए देश के सबसे लंबे और व्यस्ततम राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक सात को चमचमाता फोरलेन में तब्दील करने का इन्तजाम किया जा रहा है। वैसे भी मध्य प्रदेश की संस्कारधानी जबलपुर से महज सौ किलोमीटर दूर बनने झाबुआ पावर लिमिटेड के पावर प्लांट की प्रोजेक्ट रिपोर्ट में ही अनेक विसंगतियां होने के बाद भी न तो मध्य प्रदेश सरकार ने ही उसकी ओर ध्यान दिया और न ही केन्द्र सरकार के आला अधिकारियों की नज़रें ही इस पर इनायत हो रही हैं।

केन्द्रीय कोयला मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि यद्यपि अभी तक झाबुआ पावर लिमिटेड के लिए कोल लिंकेज का अलाटमेंट नहीं किया गया है, फिर भी झाबुआ पावर लिमिटेड ने अपना कोल परिवहन अनूपपुर स्थित कोयला खदान से किया जाना दर्शाया है। इस मामले में सबसे रोचक तथ्य यह है कि कंपनी ने अपना कोल परिवहन रेल मार्ग से किया जाना प्रस्तावित किया गया है। सिवनी जिले के आदिवासी बाहुल्य घंसौर तहसील के बरेला ग्राम में प्रस्तावित इस पावर प्लांट के लिए कोयला ब्राड गेज से अनूपपुर से जबलपुर लाया जाएगा, इसके उपरान्त इसे अनलोड कर नेरो गेज में पुनः लोड कर घंसोर लाया जाएगा।

इन परिस्थितियों में कंपनी द्वारा सीधे अनूपपुर से ही कोयला सड़क मार्ग से परिवहन किए जाने के संकेत मिले हैं। अनूपपुर से कोयला सड़क मार्ग से या तो बरास्ता मण्डला सीधे घंसौर पहुंचाया जा सकता है या फिर जबलपुर के रास्ते इसे लाए जाने की तैयारी होगी। थापर ग्रुप ऑफ कंपनीज चूंकि देश की जानी मानी कंपनियों में से एक है इसलिए इसके लिए मार्ग प्रशस्त करना आरंभ हो गया है। प्रारंभिक तौर पर तो यही संकेत मिल रहे हैं कि कंपनी इसका परिवहन बरास्ता जबलपुर करेगी। यही कारण है कि रीवा से लखनादौन तक के नेशनल हाईवे नंबर सात के टुकड़े को फोरलेन में तब्दील करने के काम को आरंभ करने की कवायद युद्ध स्तर पर की जा रही है।

(क्रमशः जारी)

कोई टिप्पणी नहीं: