गुरुवार, 3 नवंबर 2011

कांग्रेस के निशाने पर है आरटीआई

कांग्रेस के निशाने पर है आरटीआई

आरटीआई को कमाई का धंधा बनाने से नाराज हैं राजमाता

लेनदेन के मामले सूंघ रही कांग्रेस

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। सूचना के अधिकार के कार्यकर्ताओं पर सरकार की नजरें जल्द ही इनायत होने वाली हैं। सरकार की नाक के बाल बन चुके आरटीआई एक्टिविस्ट अब कांग्रेस के रडार पर आ चुके हैं। दरअसल अरविंद केजरीवाल ने जिस तरह से सरकार की नाक में दम किया उससे कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमति सोनिया गांधी बुरी तरह आहत हैं।

एआईसीसी के सूत्रों का कहना है कि अधिकतर कांग्रेसियों का मानना है कि राष्ट्रीय सलाहकार परिषद (एनएसी) के दबाव में सरकार ने आरटीआई को आनन फानन लागू कर दिया है। देश भर में आरटीआई को आजीविका का साधन भी बनाया जा रहा है। जिला स्तर पर आरटीआई एक्टिविस्ट किसी के खिलाफ आवेदन देकर बाहर ही बाहर मामला रफा दफा कर देते हैं।

बड़े स्तर पर भी इसमें बहुत बड़े बड़े खेल खेले गए हैं। कांग्रेस अब इन आरटीआई एक्टिविस्ट, टीम अण्णा और कार्पोरेट सेक्टर की मिलीभगत को बेनकाब करने पर आमदा है। केजरीवाल और किरण बेदी प्रकरण इसकी एक बानगी माना जा सकता है। कांग्रेस के रणनीतिकार तथ्य जुटा रहे हैं। कितने आरटीआई आवेदन अब तक वापस लिए गए? कितने आवेदन में जानकारी नहीं उठाई गई? कांग्रेस अब विड्रा किए गए मामलों को सूंघने में लग गई है।

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