शुक्रवार, 16 दिसंबर 2011

नए प्रांत बनने से हो सकता है सतपुड़ा संभाग का अभ्युदय


0 महाकौशल प्रांत का सपना . . . 11

नए प्रांत बनने से हो सकता है सतपुड़ा संभाग का अभ्युदय

राजनैतिक बिसात की सीढ़ियां चढ़ उतर रहा है संभागीय मुख्यालय



(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। अपने अंदर आकूत प्राकृतिक, राजनैतिक, सांस्कृतिक, सामाजिक संपदाएं सहेजने वाले महाकौशल प्रांत का अगर गठन कर दिया जाता है तो सालों से लटक रहे सतपुड़ा संभाग के गठन के मार्ग प्रशस्त होने से कोई रोक नहीं सकता है। वर्तमान में इसके संभागीय मुख्यालय को कहां रखा जाए इसे लेकर मामला अटका हुआ बताया जा रहा है।

मौटे तौर पर महाकौशल प्रांत की जो परिकल्पना लोगों के दिमाग में है उसमें वर्तमान में जबलपुर, रीवा, शहडोल और प्रस्तावित सतपुड़ा संभाग शामिल है। सतपुड़ा संभाग में सिवनी बालाघाट और छिंदवाड़ा जिलों को शामिल किया जाना प्रस्तावित है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की घोषणा के बाद भी महाकौशल का सतपुड़ा संभाग अस्तित्व में नही आ पा रहा है।

वस्तुतः देखा जाए तो इन तीन जिलों को मिलाकर प्रस्तावित सतपुड़ा संभाग में झगड़ा संभागीय मुख्यालय का है। भौगोलिक दृष्टि से इन तीनों जिलों का केंद्र सिवनी है, इस लिहाज से संभागीय मुख्यालय के लिए सिवनी एकदम मुफीद है, पर कमजोर और षणयंत्रकारी राजनैतिक नेतृत्व सिवनी के संभागीय मुख्यालय बनने में आड़े आ रहा है।

मध्य प्रदेश काडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम उजागर न करने की शर्त पर कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान चाहते हैं कि सतपुड़ा संभाग का मुख्यालय छिंदवाड़ा बने किन्तु केंद्रीय मंत्री कमल नाथ अपने संसदीय क्षेत्र जिला छिंदवाड़ा में दो पावर सेंटर (कलेक्टर और कमिश्नर) नहीं चाहते हैं। यही कारण है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सूबे के निजाम होने के बाद भी सतपुड़ा संभाग का संभागीय मुख्यालय अब तक तय नहीं कर पाए हैं।

उक्त अधिकारी ने आगे कहा कि 2003 दिसंबर में जब प्रदेश के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर उमा भारती बैठीं और उस समय उनके सबसे विश्वस्त प्रहलाद पटेल को कमल नाथ ने 2004 लोकसभा चुनावों में शिकस्त दी तब उमा भारती, कमल नाथ से जमकर खफा हो गईं थीं। यही कारण था कि कमल नाथ की इच्छा के खिलाफ उमा भारती ने छिंदवाड़ा में पुलिस उप महानिरीक्षक के कार्यालय की स्थापना कर दी थी।

भाजपाई गलियारों में यह बात चटखारे लेकर हो रही है कि प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान स्थानीय शासन मंत्री बाबूलाल गौर द्वारा कमल नाथ के संसदीय क्षेत्र को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के क्षेत्र से ज्यादा तवज्जो दी जा रही है, एवं मुख्यमंत्री चाहकर भी सतपुड़ा संभाग का संभागीय मुख्यालय छिंदवाड़ा में नहीं बना पा रहे हैं। अब तो यही संभवनाएं दिखाई पड़ रही हैं कि अगर महाकौशल प्रांत बना तभी सतपुड़ा संभाग के अस्तित्व में आने के मार्ग प्रशस्त हो सकेंगे।

(क्रमशः जारी)

कोई टिप्पणी नहीं: