शुक्रवार, 30 दिसंबर 2011

पेंच परियोजना में सरकार का नया रूख!


पेंच परियोजना में सरकार का नया रूख!



(नंद किशोर)

भोपाल (साई)। लगभग तीस साल से केंद्र और राज्य सरकार के बीच हिचखोले खाने वाली छिंदवाड़ा और सिवनी जिले के किसानों के लिए महात्वाकांक्षी पेंच व्यपवर्तन परियोजना के मामले में कुछ माह पूर्व राज्य सरकार ने इसे बंद करने की बात कही गई थी, अब भाजपा की सरकार दबाव में इसके लिए मुआवजे के नए पैकेज की घोषणा का पैंतरा फेंक नया कुछ बवंडर करने के मूड में दिखाई पड़ रही है।
राज्य सरकार ने छिंदवाड़ा जिले की पेंच डायवर्जन परियोजना के अंतर्गत किसानों को वर्तमान वित्तीय वर्ष की कलेक्टर गाइड लाइन और उस पर तीस प्रतिशत धनराशि के हिसाब से मुआवजा देने का फैसला किया है। ये फैसला भोपाल में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया।
जिन किसानों की जमीनें पूर्व में इस परियोजना के लिए ली जा चुकी हैं या जिन जमीनों का अधिग्रहण अभी किया जाना है, उन सभी को इसका लाभ मिलेगा। इस फैसले के साथ ही डूब क्षेत्र के लिए एक सौ अट्ठानवे करोड़ रूपए का प्रावधान बढ़कर तीन सौ एक करोड़ रूपए हो गया है।
मंत्रिमंडल ने इन्दौर की सुपर कॉरीडोर की जमीन से सौ-सौ एकड़ जमीन इन्फोसिस और टीसीएस को आवंटित करने के लिए सैद्धांतिक सहमति भी दे दी है। ये जमीन बीस लाख रूपए प्रति एकड़ की दर से आवंटित की जाएगी। मंत्रिपरिषद् ने एक फैसले में सहकारिता विभाग के अंतर्गत मध्य प्रदेश राज्य कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक मर्यादित भोपाल की नाबार्ड की देनदानियों के संबंध में एक सौ पचासी करोड़ पांच लाख रूपए के भुगतान का निर्णय किया है। राज्य मंत्रिमंडल ने जिला पंचायतों में डीआरडीए प्रशासन योजना के अंतर्गत स्वीकृत पदों मंे से पचास प्रतिशत संविदा पदों की अवधि फिर से पॉंच वर्ष बढ़ाने का फैसला किया है।

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