सोमवार, 13 फ़रवरी 2012

डिपो मैनेजर के संरक्षण में बदहाल बस स्टैंड


डिपो मैनेजर के संरक्षण में बदहाल बस स्टैंड



(अखिलेश दुबे)

सिवनी (साई)। अपने अस्त्वि की समाप्ति की कगार पर खडे मप्र राज्य परिवहन बस स्टेंड अब एक बार फिर सुर्खियों पर आने पर बेताब है यहां कोई अच्छे कामों को लेकर चर्चाओं मंे आने की बजाय एक बार फिर अपनी बुरी कथनी और करनी के लिये चर्चाओं का विषय बना हुआ है किसी समय मंे सभ्य नगर कहलाने वाला सिवनी शहर अब अश्लीलता का पर्याय बन रहा है अव्यवस्थित बसों का खडा होना जाम लगना यहां आम बात है व्यवस्थित बस स्टेंड की बजाय यहा पूर्णतः यह अव्यवस्था का बस स्टेंड बन चुका है।
देखा जाए तो बस स्टेंड मंे अगर नियम अनुसार बसों का आवागम हों तो यहां जाम की स्थिति नहीं बनेगी लेकिन बस संचालकों की मनमर्जी और डिपो मैनेजर की लापरवाही के कारण अब यह बस स्टेंड अव्यवस्थित रूप से संचालित हो रहा है सूत्र बताते हैं कि यहां खडे कई वाहन अपने नंबर पर नहीं होते उसके पश्चात भी यह सरकारी बस स्टेंड परिसर पर बैखोफ खडे रहते हैं और जाम की स्थिति बना देते हैं साथ ही बस ड्रायवर कंडेक्टर और हेल्परों की संख्या के साथ-साथ यह अपने मित्र बंधुओं को खडा कर गप्पेबाजी मंे व्यस्त रहते हैं तो वहीं ट्रेवल्स संचालकांे के द्वारा बस भराने के लिये एजेंटों को नियुक्त किया जाता है लेकिन ये एजेंट भी दो चार सडकछाप मजनुओं को अपने साथ खडे होकर चिडीबाजी करते नजर आते हैं।

क्यांे नहीं होती इन मजनुओं पर कार्यवाही
एजेंटों के साथ सडकछाप मजनुओं के हौंसले बुलंद होते जा रहे हैं बस स्टेंड परिसर पर यात्रा करने व अपने परिजनों को छोडने आए नागरिकों के साथ आए दिन उनकी बहू बेटियों व बहनों के साथ यहां छेडछाड की जाती है । लेकिन इस प्रति प्रशासन मौन रहता है जबकि पास मंे ही यातायात चौकी हैं। यहां अक्सर पुलिसकर्मी व यातायात कर्मी तैनात होते हैं इनकी उपस्थिति के पश्चात भी यहां न तो जाम की स्थिति की छुटकारा नागरिकों को मिल पाता है और न ही सडकछाप मजनुओं से प्रश्न यह उठता है कि क्या हमारा पुलिस प्रशासन इतना पंगु हो चुका है कि ऐसे सडकछाप मजनूं और जाम लगाने वाले बस संचालकों पर के आगे अपने आपको बौना समझ इन्हें अपनी मनमर्जी करने की खुली छूट दे रखी है यह समझ से परे है कि आखिर इन पर कार्यवाही क्यांे नही होती ।

समय पर साफ सफाई का आभाव
सरकारी बस स्टेंड परिसर पर घुसते ही यात्रियों को ऐसा प्रतीत होता है कि मानों किसी बस स्टेड पर नहीं बल्कि जिले के सबसे बडे पेशाबघर पर आ घुसे हैं। बदबू से बजबजाता सरकारी बस स्टेंड परिसर पर गंदगी का अंबार लगा हुआ रहता है यहां साफ सफाई का आभाव अक्सर रहता है जबकि वर्तमान पर सरकारी बस स्टेंड में एक सुव्यवस्थित पेशाबघर की व्यवस्था की गई है उसके पश्चात भी यह यात्रियों की न समझी ही है कि लोग पुराने पेशाबघर पर जाते हैं और साफ सफाई की व्यवस्था पर बटटा लगाते हैं। ऐसे मंे जिला प्रशासन को क्या करना चाहिए कि वह पुराने पेशाबघर को तोडकर उसे समतल कर देना चाहिए और परिसर पर मूत्र त्याग करने वाले पर दंड के रूप मंे जुर्माना लगाकर ऐसे अव्यवस्थित व्यवस्था पर रोक लगानी चाहिए।
कुछ दिनों पहले नगर पालिका अध्यक्ष राजेश त्रिवेदी के द्वारा साफ सफाई पर विशेष ध्यान दिया गया जो काबिले तारीफ थी लेकिन यह पहल भी कुछ दिनों के बाद ठंडी पडती नजर आई ऐसे मंे हमारे शहर के नेताओं को भी नगर की साफ सफाई को लेकर जागरूक रहना चाहिए जिससे शांत शहर के नाम से जाने जाना वाला हमारा सिवनी शहर साफ सफाई के नाम से पहला नंबर गिना जाए।

दोनो गेटों पर अतिक्रमण
संचालित बस स्टेंड परिसर पर अव्यवस्था और जाम का एक कारण यह भी है कि यहां पर बस स्टेंड परिसर पर आने जाने वाले दोंनो गेटो पर अवैध रूप से कुछ छोटे व्यापारियों के द्वारा अतिक्रमण कर लिया गया है जिससे यहां पर यात्री उसी स्थान से आना और जाना करते हैं जहां से वाहनों के प्रवेश और निकासी का रास्ता होता है । सूत्र बताते हैं कि बस स्टेंड के आसपास के परिसर मंे एवं दोनो गेटों मंे जिन व्यापारियों द्वारा अतिक्रमण किया गया है वे प्रतिमाह डिपो मैनेजर को चढोत्री चढाकर इस अतिक्रमण को बरकरार रखे हुए हैं और यही कारण है कि डिपो मैनेजर भी इस अतिक्रमण के प्रति मौन साधे बैठे हैं। यहीं नही विश्वसीय सूत्रो की मानें तो दोनो गेटो को टीन की चादरों से बंद कर चारों ओर से ढक दिया है। बताया जाता है कि यहां पर कुछ आसामाजिक तत्व आए दिन ताश की 52 पत्तियों की महफिल सजा और कुछ अनैतिक कार्यो को अंजाम देते हैं जो कार्यवाही का विषय है।

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