सोमवार, 13 फ़रवरी 2012

जुंए की जद में शिव की नगरी!


जुंए की जद में शिव की नगरी!

(अखिलेश दुबे)

सिवनी (साई)। वर्तमान समय में तेजी से अमीर बननें की तमन्ना हर युवा अपनें दिल मंे संजोए बैठा है इस  इच्छा को पूरा करने के लिये आज प्रतिस्पर्धा इतनी बढ गई है कि कोई भी यह देखने को तैयार नहीं कि काम जो वो कर रहा है वह सहीं है या गलत। नगर में तो कई जुंए के अड्डे चल ही रहे हैं जहां चाह के बाद भी पुलिस को राह नजर नहीं आ रही है किंतु अचम्भे की बात यह है कि अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी ताश की पत्ती का यह खेल खेत-खेत में खेला जाने लगा है और इतना व्यापक स्वरूप ले चुका है कि शहरी क्षेत्र के जुंआडी भी गांवो मंे जाकर अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार सिवनी अडोस पडोस के जिलों में इसलिये ख्यातिलब्ध हो चुका है कि यहां बडे-बडे दांव अंदर बाहर होते हैं। जिसके चलते बालाघाट, छिंदवाडा, मंडला, नरसिंगपुर तक से लोग यहां आ रहे हैं और कभी जीत तो कभी हार कर रहे हैं।
ऐसा भी माना जा रहा है कि ये सब पुलिस की जानकारी मंे तो है किंतु पुलिसया विभाग भी इन पर कोई  कार्यवाही करने से गुरेज रखता है अब उसका कारण जो भी हो पर इतना तो सभी को ज्ञात है कि इन जुंए के फड लगाने वालों ने कई घरों से चिराग अपने हाथो से बुझाए हैं और अगर शीघ्र कार्यवाही करके ये सब काले धंधे बंद नहीं कराए गये तो वह दिन दूर नहीं जब या तो हर दिन कर्जे मंे दबे जुंआरी आत्महत्या करंेगे या फिर जुंआ खिलाने के धंधे के चलते गैंगवार होगा। जिला पुलिस अधीक्षक को अपने विभाग की लगाम कसकर खींचने की अत्यंत आवश्यकता  आन पडी है। लाने वाला बस स्टेंड कई अनैतिक कार्यो का अड्डा है जिसे हम अपने समाचार मंे पहले भी बता चुके हैं यह सारे कारनामों के बाद भी आजतक जिला प्रशासन बस स्टेंड परिसर मंे घूमते आवारा तत्व व अव्यवस्था के प्रति चौकन्ना होता नजर नहीं आया। ऐसा प्रतीत होता है कि जिला प्रशासन किसी बडी घटना का इंतजार कर रहा है शायद किसी बडी घटना के बाद भी जिला प्रशासन अपनी कुंभकरणीय नींद से जागेगा और उसके पश्चात भी शायद बस स्टेंड पर फैले अनैतिक कार्यो पर अंकुश लग पायेगा।

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