बुधवार, 29 फ़रवरी 2012

कमाल के गुण हैं अदरख में


हर्बल खजाना ----------------- 33

कमाल के गुण हैं अदरख में

(डॉ दीपक आचार्य)

अहमदाबाद (साई)। आम घरों के किचन में पाया जाने वाला अदरख खूब औषधिय गुणों से भरपूर है। सम्पूर्ण भारत में इसकी खेती की जाती है। अदरख का वानस्पतिक नाम ज़िन्ज़िबर आफ़ीसिनेल है। सभी प्रकार के जोड़ों की समस्याओं में रात्रि में सोते समय लगभग ४ ग्राम सूखा अदरख, जिसे सोंठ कहा जाता है, नियमित लेना चाहिए।
स्लिपडिस्क या लम्बेगो में इसकी इतनी ही मात्रा चूर्ण रूप में मधु के साथ ली जानी चाहिए। आदिवासियों के अनुसार बरसात में खान पान में हल्का भोजन करना चाहिये और भोजन के साथ मे आधा निंबू का रस तथा अदरख जरूर खाना चाहिये। नींबू और अदरख बरसात समय होने वाली अनेक तकलीफों का निवारण स्वतरू ही कर देते है।
दो चम्मच कच्ची सौंफ और ५ ग्राम अदरख  एक ग्लास पानी में डालकर उसे इतना उबालें कि एक चौथाई पानी बच जाये। एक दिन में ३-४ बार लेने से पतला दस्त ठीक हो जाता है। गैस और कब्ज में भी लाभदायक होता है। गाउट और पुराने गठिया रोग में अदरख एक अत्यन्त लाभदायक औषधि है।
अदरख लगभग (५ ग्राम) और अरंडी का तेल (आधा चम्मच) लेकर दो कप पानी में उबाला जाए ताकि यह आधा शेष रह जाए। प्रतिदिन रात्रि को इस द्रव का सेवन लगातार किया जाए तो धीमें धीमें तकलीफ़ में आराम मिलना शुरू हो जाता है। आदिवासियों का मानना है कि ऐसा लगातार ३ माह तक किया जाए तो पुराने से पुराना जोड दर्द भी छू-मंतर हो जाता है।

(साई फीचर्स)

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