शनिवार, 25 फ़रवरी 2012

मनमोहन के बजाए पुलक की छवि का हो रहा निर्माण


बजट तक शायद चलें मनमोहन. . . 92

मनमोहन के बजाए पुलक की छवि का हो रहा निर्माण

नौकरी बचाने के चक्कर में पचौरी दे रहे पुलक को तरजीह

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। यस बॉसना कह पाने के चलते अपनी नौकरी से हाथ धो बैठे तीक्ष्ण बुद्धि के धनी रहे पीएम के मीडिया एडवाईजर हरीश खरे के स्थान पर आए पंकज पचौरी की पीएमओ से रूखसती की खबरें अब थमती सी दिख रही हैं। इसका कारण यह है कि मीडिया में आजकल प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह के बजाए उनके प्रधान सचिव पुलक चटर्जी का महिमा मण्डन हो रहा है।
कांग्रेस की सत्ता और शक्ति के शीर्ष केंद्र 10 जनपथ (सोनिया का सरकारी आवास) से वरद हस्त प्राप्त पुलक चटर्जी की पीएमओ में आमद हुए महीना बीत चुका है पर वे आज भी अवैतनिक (चटर्जी का वेतन अब तक तय नहीं हो पाया है) ही काम कर रहे हैं। दिल्ली सहित देश भर के भाषाई विशेषकर हिन्दी मीडिया में हरीश खरे की बिदाई को लेकर अच्छी प्रतिक्रिया नहीं सामने आई है।
मीडिया इस बात को पचा नहीं पा रहा है कि 10, जनपथ के करीबी पुलक चटर्जी की पीएमओ में आखिर ताजपोशी कैसे कर दी गई, जबकि पीएमओ और 10, जनपथ के बीच खुद खाई आज भी उतनी ही गहरी ही है। पीएम के करीबी नगीनों को 10, जनपथ एक मिनिट भी बर्दाश्त करने की स्थिति में नहीं है, फिर भी पीएम उन्हें नाक का बाल बनाए हुए हैं।
पीएमओ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम उजागर न करने की शर्त पर कहा कि पुलक चटर्जी की कार्यप्रणाली समझ से परे ही है। पीएम के मीडिया एडवाईजर पंकज पचौरी के पीएमओ में दिन गिनती के ही बचे थे, चटर्जी द्वारा नया मीडिया एडवाईजर खोजा जा रहा था कि चटर्जी और पचौरी के बीच हुई मंत्रणा ने परिदृश्य ही बदल दिया।
उन्होंने कहा कि चटर्जी की शह पर वज़ीरे आज़म डॉ.मनमोहन सिंह के मीडिया एडवाईजर पंकज पचौरी द्वारा मीडिया में प्रधानमंत्री के बजाए प्रधानमंत्री कार्यालय के प्रधान सचिव पुलक चटर्जी की छवि के निर्माण का काम किया जा रहा है। पंकज पचौरी ने मीडिया के एक तबके को अपने साथ मिलाने की खबरें भी पत्रकारों के मिलन स्थल प्रेस क्लब से छन छन कर बाहर आने लगी हैं।
कहा जा रहा है कि इन पत्रकारों को सुविधाएं मुहैया करवाने, शहरी विकास मंत्री कमल नाथ के महकमे से बड़े और आलीशान सरकारी आवास दिलाने विदेश यात्राओं आदि का प्रलोभन देकर पुलक चटर्जी की छवि के निर्माण का काम जारी है। इन बातों में सच्चाई कितनी है यह बात तो मीडिया का वह तबका, पुलक चटर्जी अथवा पंकज पचौरी जानें, किन्तु पिछले कुछ दिनों से मीडिया में जिस तरह पीएम से ज्यादा पुलक चटर्जी की चर्चाएं हैं उससे इस बात को दम ही मिल रहा है।

(क्रमशः जारी)

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