बुधवार, 23 मई 2012

मौके की तलाश में हैं बाबा रामदेव

मौके की तलाश में हैं बाबा रामदेव

मीडिया मुगल बनने की जुगत लगा रहे हैं रामकिशन यादव

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। इक्कीसवीं सदी के स्वयंभू योग गुरू राम किशन यादव उर्फ बाबा रामदेव पिछले कुछ दिनों से पार्श्व में अवश्य ही चल रहे हैं किन्तु अकूत दौलत के मालिक बाबा रामदेव जल्द ही मीडिया के क्षेत्र में पदार्पण करने वाले हैं। कांग्रेस के नेताओं की ऑफ दा रिकार्डप्लांट होने वाली स्टोरीज से आजिज आकर बाबा रामदेव ने अब धार्मिक चेनल्स के साथ ही साथ समाचार चेनल्स आरंभ करने का मन बना लिया है।
उत्तराखण्ड के कनखल स्थित बाबा रामदेव के पतांजली योगपीठ के एक वरिष्ठ सदस्य ने संकेतों में उक्ताशय की जानकारी देतु हुए कहा कि बाबा की इलेक्ट्रानिक, वेब और प्रिंट मीडिया में एक साथ उतरने की तैयारी है। पहचान उजागर ना करने की शर्त पर उक्त सदस्य ने कहा कि दरअसल, बाबा रामदेव, केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल की वादाखिलाफी के बाद रामलीला मैदान में हुए प्रकरण से बेहद क्षुब्ध हैं।
उन्होंने कहा कि बाबा रामदेव को सपने में भी उम्मीद नहीं थी कि कपिल सिब्बल इस तरह की धूर्तता करते हुए नेपाल मूल के आचार्य बाल किसन के पत्र को मीडिया में सार्वजनिक कर देंगे। इतना ही नहीं रामलीला मैदान में जो कुछ हुआ और जिस तरह से कांग्रेस के इशारों पर टीवी चेनल्स ने बाबा रामदेव की भद्द पीटी उससे बाबा बुरी तरह आहत हैं।
कांग्रेस के इस तरह के वार से अब बाबा रामदेव पूरी तरह चौकन्ने हैं। आने वाले समय में बाबा रामदेव पलटवार करने की तैयारी में हैं। उक्त सदस्य ने कहा कि बाबा रामदेव अब धार्मिक, आध्यात्मिक, आस्था वाले चेनल्स के साथ ही साथ समाचार चेनल्स आरंभ करने की तैयारी में हैं। बाबा रामदेव की तैयारी दो न्यूज चेनल्स लॉच करने की है। उक्त सदस्य के मुताबिक बाबा के पास पैसे की कोई कमी नहीं है, इसलिए वे यह काम जल्द ही अंजाम तक पहुंचाना चाह रहे हैं।
इसके साथ ही साथ राम किशन यादव उर्फ बाबा रामदेव प्रिंट मीडिया में भी उतरने जा रहे हैं। उक्त सदस्य की बातों पर अगर यकीन किया जाए तो बाबा रामदेव राष्ट्रीय स्तर पर हिंदी, अंग्रेजी और उर्दू जुबान में समाचार पत्र आरंभ करने जा रहे हैं। इनका प्रकाशन कहां से होगा यह बात अभी बाबा ने उजागर नहीं की है, पर अंग्रेजी और हिन्दी के अखबार दिल्ली से आरंभ होकर हिन्दी भाषी राज्यों की राजधानियों से जल्द ही प्रकाशित किए जाएंगे। उर्दू का अखबार लखनऊ से आरंभ हो सकता है।
कांग्रेस के रणनीतिकारों की चालों और उनके जरखरीद गुलाम वाले मीडिया में बाबा रामदेव के खिलाफ चलने वाले अभियान ेसे बाबा रामदेव बुरी तरह त्रस्त हो चुके हैं। बाबा रामदेव अब ईंट का जवाब पत्थर से देने की मंशा रख रहे हैं। आने वाले दिनों में बाबा रामदेव अपने दो समाचार चेनल और तीन भाषाओं में समाचार पत्र निकालकर कांग्रेस से युद्ध की तैयारी में दिख रहे हैं। बाबा का मिशन 2014 कहां तक सफल होगा यह बात तो वक्त ही बताएगा!

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