गुरुवार, 28 जून 2012

सरकार के दबाव में मीडिया!


सरकार के दबाव में मीडिया!

(मनोज सिंह राजपूत)

भोपाल (साई)। आयकर छापों के बाद सरकार के दबाव में मीडिया ने कांग्रेस विधायक दल से दूरी बना ली है। दरअसल नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह द्वारा मुख्यमंत्री से पूछे गए 11 सवालों से संबंधित एक विज्ञापन मंगलवार को जारी किया गया था। इस विज्ञापन को कुछेक छोटे अखबारों को छोड़कर किसी ने प्रकाशित नहीं किया। यहां तक कि सरकार के खिलाफ मुखर होने का दावा करने वाले एक बड़े अखबार ने भी इस विज्ञापन को जारी नहीं किया।
आयकर विभाग की अन्वेषण शाखा द्वारा सत्ता से जुड़े ठेकेदार दिलीप सूर्यवंशी और माइनिंग किंग सुधीर शर्मा के यहां छापे की कार्रवाई के बाद कांग्रेस पर चुप रहने का इल्जाम मीडिया द्वारा लगाया जा रहा था। इस इल्जाम के बाद नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह श्राहुल्य ने न सिर्फ प्रेसनोट जारी कर सरकार को कटघरे में खड़ा किया, बल्कि इस मामले की जांच सीबीआई से कराने के लिए राज्यपाल रामनरेश यादव को ज्ञापन भी सौंपा। इसके बाद कांग्रेस विधायक दल की ओर से मुख्यमंत्री से पूछे गए 11 सवालों से संबंधित एक विज्ञापन सभी अखबारों के लिए जारी किया गया। इस विज्ञापन को छापना तो दूर अखबारों ने नेता प्रतिपक्ष के 11 सवाल तक नहीं प्रकाशित किए। यहां तक कि सरकार की पोल खोलने का दावा करने वाले एक दैनिक अखबार ने भी विज्ञापन छापने से परहेज किया। इससे लगता है कि अब अखबार भी सरकार के दबाव में काम करने लगे हैं। सूत्रों के अनुसार सरकार के खिलाफ कांग्रेस विधायक दल द्वारा होर्डिंग भी लगाए गए थे, जिन्हें रातोंरात उतरवा दिया गया।
0 कांग्रेस विधायक दल की दोहरी भूमिका
आयकर छापों से पहले कांग्रेस विधायक दल ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र में अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से दिलीप सूर्यवंशी और सुधीर शर्मा को कटघरे में खड़ा किया था। इसके बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया ने इस लड़ाई को संगठन के माध्यम से सड़कों पर लडने का ऐलान किया था। आज जब आयकर विभाग ने इन व्यवसायियों पर शिकंजा कसा है तब कांग्रेस संगठन लगभग चुप्पी साधे बैठा हुआ है। उधर कांग्रेस विधायक दल जिसका काम विधानसभा में सरकार को घेरना है वह सड़कों पर पैदल मार्च कर विरोध प्रदर्शित कर रहा है। इस स्थिति में अब भूरिया पर सवालिया निशान भी लगने लगे हैं।
0 व्यक्तिगत थे विज्ञापन
मीडिया द्वारा कांग्रेस विधायक दल के विज्ञापन प्रकाशित न करने के पीछे इनका व्यक्तिगत होना बताया जा रहा है। नाम न छापने की शर्त पर कुछ मीडिया से जुड़े लोगों ने बताया कि यह विज्ञापन दिलीप और सुधीर के खिलाफ व्यक्तिगत था इसलिए इसे नहीं छापा गया। दरअसल सत्ता और विपक्ष की लड़ाई में मीडिया मोहरा नहीं बनना चाहती है। वहीं कुछ मीडिया कर्मियों का कहना था कि कांग्रेस के लोग सड़क पर उतरने के बजाए एयरकंडीशन में बैठकर सिर्फ बयानबाजी करते रहते हैं। ऐसे बयानों को मीडिया कहां तक तवज्जो दे। 

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