गुरुवार, 28 जून 2012

अहंकार सर चढ़कर बोल रहा प्रत्याशियों का


अहंकार सर चढ़कर बोल रहा प्रत्याशियों का

मुनमुन की अहंकारोक्ति से जनता नाराज!

(संजीव प्रताप सिंह)

सिवनी (साई)। लखनादौन नगर पंचायत चुनावों में अब अध्यक्ष पद के लिए तीन बचे प्रत्याशियों के बीच गलाकाट स्पर्धा आरंभ हो गई है। तीनों प्रत्याशी एक दूसरे के खिलाफ हर संभव जतन कर रहे हैं। इनमें से एक प्रत्याशी के पुत्र द्वारा अहंकार भरे भाषण से निर्दलीय प्रत्याशी की हताशा ही सामने आ रही है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार नगर पंचायत लखनादौन के पूर्व अध्यक्ष दिनेश राय मुनमुन ने वार्ड नंबर 8 और 9 में अपनी मां निर्दलीय सुधा राय के पक्ष में सभा की। इस सभा में दिनेश राय ने कहा कि उनके कार्यकाल के शेष बचे कामों को उनकी माता जी पूरा करेंगी। उन्होंने लोगों से माता के पक्ष में समर्थन की गुहार भी लगाई।
सिवनी विधानसभा में कांग्रेस के प्रत्याशी प्रसन्न चंद मालू की जमानत जप्त करवाने के बाद अहंकार से भरे दिनेश राय मुनमुन ने यहां भी घमंड के साथ यह बात कही कि उन्होंने लखनादौन को गांव से कस्बा बनाया है और उनकी मां जीतने के बाद इस कस्बे को शहर बनाने में कोई कसर नहीं रख छोड़ेंगीं।
लखनादौन के प्रबुद्ध वर्ग में दिनेश राय मुनमुन की अहंकारोक्ति की प्रतिक्रिया बहुत अच्छी नहीं कही जा रही है। कहा जा रहा है कि दिनेश राय के इस बड़बोलेपन से आदिवासी बाहुल्य विधानसभा लखनादौन के तहसील मुख्यालय लखनकुंवर की नगरी लखनदौन की जनता काफी नाराज बताई जा रही है।
लखनादौन के एक प्रबृद्ध नागरिक ने नाम उजागर ना करने की शर्त पर समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से दूरभाष पर चर्चा के दौरान कहा कि अहंकार बहुत ही बुरी बात है। अहंकार से मनुष्य का पतन सुनिश्चित है। नगर पंचायत के चुनावों में दिनेश राय की माता की स्थिति बहुत अच्छी नहीं कही जा सकती है।
उन्होने कहा कि दिनेश राय शायद भूल गए कि आजादी के बाद ही लखनादौन को तहसील का दर्जा दे दिया गया था। सिवनी जिले के अस्तित्व में आने के उपरांत 01 नवंबर 1956 को जिले में सिवनी के साथ ही साथ लखनादौन तहसील अस्तित्व में थी। सिवनी और लखनादौन तहसील मुख्यालय दोनों ही को दिनेश राय मुनमुन ने गांव की संज्ञा देकर लखनादौन की जनता का अपमान किया है।
उन्होंने कहा कि लखनदौन शहर के विकास के लिए बसंत राव उईके, सत्येन्द्र सिंह, रणधीर सिंह, शशि ठाकुर आदि ने भरसक प्रयास किए हैं। दिनेश राय मुनमुन अगर पांच साल में ही लखनादौन को गांव से शहर बनाने के लिए खुद को जिम्मेदार मानते हैं तो वे पूरी तरह से अहंकार और घमंड में चूर ही दिख रहे हैं।
दिनेश राय की बातों से लगता है कि इक्कीसवीं सदी के आरंभ में लखनदौन छोटा सा गांव ही था। वस्तुतः दिनेश राय मुनमुन ने लखन कुंवर की नगरी को गांव से कस्बा बनाने की बात कहना लखनकुंवर की नगरी के लोगों का सरासर अपमान ही है। पैसे के बल पर दिनेश राय मुनमुन अगर चुनाव जीतने की बात सोच रहे हैं तो लखनादौन की जनता इस बार उन्हें इस अपमान के लिए सबक अवश्य ही सिखाएगी।

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