गुरुवार, 11 अक्तूबर 2012

भीमगढ़ पहुँची जाँच टीम: जानकारी देने से किया मना


भीमगढ़ पहुँची जाँच टीम: जानकारी देने से किया मना

(नियाज खान)

भीमगढ़ (साई)। मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में स्थित एशिया के सबसे बड़े मिट्टी के बांध संजय सरोवर परियोजना भीमगढ़ बांध की तकनीकी खामिया उजागर होते ही भोपाल से आया एक जाँच दल आज दोपहर करीब बांध पहुँचा जहाँ ये जाँच दल दिन भर रहा। इस दल के साथ चीफ इंजीनियर इरिगेशन व ई।ई। संजय सरोवर परियोजना भी थे।
विदित हो कि भीमगढ़ डेम में अनेकों ऐसी तकनीकी खामिया हैं जिन्हें अगर तत्काल नहीं सुधारा गया तो भू-गर्भीय हलचल इसे नुकसान पहुँचा सकती है। भीमगढ़ बांध के सारे के सारे फिल्टर्स चोक हो जाने के कारण पानी का सारा दबाव अब केवल मिट्टी की दीवार पर है। एक कोना ऐसा है जहाँ मिट्टी और क्रांक्रीट की दीवार के ज्वाइंट से लगातार पानी रिस रहा है, बांध के पीछे स्थित तालाब की हालत खराब है, गेट नंबर पाँच बुरी तरह खराब है इससे झरने की तरह पानी बह रहा है और तो और अंदर के सूत्र यह बताते हैं कि ये आपरेटिंग कंडीशन में ही नहीं है। इसके अलावा कुछ ऐसी तकनीकी खामिया और?भी है जिनके होने की खबर तो दी जा रही है किन्तु पुष्टी नहीं हो पा रही।
उपरोक्त सारी खामियों की संक्षेप में खबर एक स्थानीय समाचार पत्र संवाद कुंजद्वारा जल संसाधन विभाग के प्रमुख सचिव तेज तर्रार अधिकारी श्री राधेश्याम जूलानिया के स्टाफ को विगत दिनांक 8 अक्टूबर को ही दे दी गयी थी। इसके बाद उनके विभाग से मिली जानकारी के अनुसार गत दिनांक 9 अक्टूबर को संवाद कुंज में प्रकाशित समाचार न केवल श्री जूलानिया को फेक्स कर दिया गया था बल्कि उनके स्वयं के  मेल एड्रेस पर भी भेज दिया गया था एवं श्री जूलानिया के प्रेस अधिकारी श्री सी।के। साकल्ले को भी इससे अवगत करा दिया गया था।
इसके बाद आज अचानक इनोवा भोपाल की एक टीम सदस्यीय टीम आयी। टीम ने दिनभर बांध का निरीक्षण किया। संवाद कुंज के भीमगढ प्रतिनिधि ने जब पूछताछ करना चाही तो नाराज होते हुए चीफ इंजीनियर इरिगेशन ने यह कह दिया कि जाँच करने मै नहीं आया हूँ ये लोग आये हैं। टीम ने संवाद कुंज के भीमगढ के प्रतिनिधि को कोई विशेष जानकारी नहीं दी।
भोपाल से आया यह जाँच दल अपनी रिपोर्ट क्या बनाता है क्या नहीं किन्तु जाँच दल के आने से इस बात की पुष्टी हो जाती है कि  तेज तर्रार अधिकारी श्री जूलानिया इस मामले को लेकर सतर्क है वहीं सी।ई। इरिगेशन यह कहकर स्वयं का बचाव कर रहे हैं कि इलेक्ट्रीकल और मेकेनिकल विंग के एसई, सी।ई। सब अलग हैं और फिल्टर्स जो चोक हैं उनके लिये उनकी कार्यवाही जारी है।

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