शुक्रवार, 2 नवंबर 2012

आयोग जैसी संवैधानिक संस्था भी मोदी के विरोध में!

आयोग जैसी संवैधानिक संस्था भी मोदी के विरोध में!

(प्रदीप चौहान)

नई दिल्ली (साई)। महिला आयोग को संवैधानिक संस्था का दर्जा दिया गया है। केन्द्रीय मंत्री शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर पर की गई टिप्पणी को लेकर चल रही जुबानी जंग में अब दिल्ली की महिला आयोग की अध्यक्ष भी कूद पड़ी है। आयोग की अध्यक्ष बरखा सिंह ने मोदी से तुरंत माफी मांगने को कहा है। उन्होंने कहा कि मोदी ने नारी जाति का अपमान किया है इसलिए देश की सारी महिलाओं को आगे आना चाहिए।
बरखा सिंह ने एक प्रेस वार्ता में मोदी पर हमला बोलते हुए एक शेर सुनाया। उन्होंने कहा कि नफरत पालना दुर्भाग्य रहा हो जिसका वो किसी रिश्ते की अजमत कहां पहचानता है,प्यार को पैसे में इस तोलने वाले से कहो, कोई बंदर कहां अदरक का मजा जानता है। उन्होंने कहा कि पुरूषों के बीच चल रहे विवाद या राजनीतिक मंशा पूरी करने के लिए किसी महिला के नाम का इस्तेमाल करना गलत है।
अगर मोदी माफी नहीं मांगते हैं तो आयोग गुजरात की महिलाओं से अपील करेगा कि वे मोदी को माफी मांगने के लिए मजबूर करें क्योंकि यह मामला किसी व्यक्ति विशेष का नहीं बल्कि देश की महिलाओं के सम्मान का है। जब बरखा से कांग्रेस महासचिव दिग्विजिय सिंह की टिप्पणी को लेकर सवाल किया गया उन्होंने इसकी जानकारी होने से इनकार कर दिया।
जब उनसे यह पूछा गया कि क्या वह दिग्विजय के बयान का भी विरोध करती हैं तो उन्होंने कहा कि किसी भी महिला के खिलाफ गलत टिप्पणी या व्यवहार की आयोग निंदा करता है। अगर इस मामले में कोई शिकायत आएगी तो आयोग उस पर कार्रवाई करेगा। एक ही तरह की दो शिकायतों में मोदी के खिलाफ तो बरखा सिंह ने विषवमन कर दिया पर जब दिग्गी राजा की बारी आई तो उन्होंने यू टर्न लेकर यह कह दिया कि इस मामले में शिकायत करें, आयोग कार्यवाही करेगा, की प्रतिक्रिया अच्छी नहीं कही जा सकती है।

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