सोमवार, 18 फ़रवरी 2013

अजीब सी विज्ञप्ति जारी की है जनसंपर्क ने


लाजपत ने लूट लिया जनसंपर्क ------------------ 56

अजीब सी विज्ञप्ति जारी की है जनसंपर्क ने


(अखिलेश दुबे)

सिवनी (साई)। सिवनी जिले के जिला जनसंपर्क कार्यालय द्वारा 14 फरवरी को जारी विज्ञप्ति के मायने लोगों द्वारा अनेक तरह से लगाए जा रहे हैं। जिला जनसंपर्क कार्यालय द्वारा इस दिन जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि नगर के सर्व धर्मगुरूओं ने नागरिकों से शांति और संयम बरतकर हर हाल में हर संभव तरीके से शहर में अमन-चौन कायम रखने की अपील की है। धर्मगुरूओं ने कहा है कि हम सब भारतवंशी है, आपसी सौहार्द्र और शांतिप्रियता सदियों से हमारी संस्कृति रही है। हम सभी अपनी इस गौरवमयी संस्कृति के संवाहक और शांतिदूत बने।
धर्मगुरूओं ने आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में नगर में शांति कायमी के लिये प्रशासन द्वारा आहूत सर्व धर्मगुरूओं की एक संयुक्त बैठक में नागरिकों से यह अपील की। बैठक की अध्यक्षता अपर कलेक्टर आर।बी। प्रजापति ने की। इस मौके पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मुकेश श्रीवास्तव, सिटी मजिस्ट्रेट चन्द्रशेखर शुक्ला, नगर निरीक्षक हरिओम शर्मा, नगर के सभी मंदिरों के महन्त/पुजारी, मस्जिदों के मौलवी, गुरूद्वारा प्रमुख, पादरी सहित सर्व धर्मगुरूजन, प्रबुद्वजन एवं वरिष्ठजन उपस्थित थे।
बैठक में सर्वधर्म समभाव की भावना के अनुरूप सभी ने नागरिकों से अपील की कि सभी एक दूसरे के धर्म एवं पूजा स्थलों का सम्मान करें और अपने मोहल्ले व शहर में शांति बहाली के लिये प्रशासन की मदद करें। धर्मगुरूओं ने कहा कि शहर हम सबका है, हम सभी को मिलजुलकर रहना है, इसलिये कोई भी नागरिक अपनी धाघ्मक पूजा/उपासना की कोई नई परम्परा स्थापित न करें और पूर्व स्थापित परम्पराओं का ही पालन कर एक अश्छे और जिम्मेदार नागरिक होने का परिचय दें। बैठक में सभी समाज के धर्मगुरूओं और प्रबुद्वजनों द्वारा अपने-अपने तरीके से सभी नागरिकों से शांति बरतने की अपील की गई। बैठक में अपर कलेक्टर आर।बी। प्रजापति, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मुकेश श्रीवास्तव ने धर्मगुरूओं से अपील की कि वे सभी से नगर में शांति बहाली के लिये प्रशासन व पुलिस का हर तरीके से सहयोग करने के लिये कहें।
अब लोग यह सोचने पर मजबूर हैं कि आखिर इस बैठक में प्रशासनिक अमले के अलावा नगर के वे सभी सम्माननीय सभी मंदिरों के महन्त/पुजारी, मस्जिदों के मौलवी, गुरूद्वारा प्रमुख, पादरी सहित सर्व धर्मगुरूजन, प्रबुद्वजन एवं वरिष्ठजन कौन थे, जिनका नाम जनसंपर्क कार्यालय द्वारा जारी करने में गुरेज किया गया है। वहीं प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि जिला प्रशासन की ओर से इनके नाम उजागर ना करने के लिए कोई निर्देश जारी नहीं किए गए थे, फिर भी इस तरह की गतिविधि कर जनसंपर्क कार्यालय द्वारा आखिर साबित क्या करना चाहा है यह बात ना तो मीडिया ही समझ पा रहा है और ना ही आम जनता!

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