शुक्रवार, 8 फ़रवरी 2013

ईसी की शिकायत पर पुलिस प्रमुख हटे


ईसी की शिकायत पर पुलिस प्रमुख हटे

(महेश)

नई दिल्ली (साई)। मेघालय में निर्वाचन आयोग ने मेघालय के मुख्य निर्वाचन अधिकारी की शिकायत पर पुलिस प्रमुख कुलबीर कृष्ण को हटा दिया है। राज्य में इस महीने की २३ तारीख को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होना है। श्री कृष्ण के स्थान पर भारतीय पुलिस सेवा के १९७७ बैच के अधिकारी प्रेम सिंह को पुलिस प्रमुख बनाया गया है।
सरकारी सूत्रों के हवाले से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो ने बताया कि निर्वाचन आयोग ने पुलिस महानिदेशक को बदलने का फैसला मुख्य निर्वाचन आयुक्त वी एस सम्पत्त की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया। बैठक में चुनाव आयुक्त एच एस ब्रह्मा और नसीम जैदी भी उपस्थित थे। श्री बलबीर कृष्ण को महानिदेशक-जेल, बनाया गया है। उनके पास नागरिक सुरक्षा और होमगाड्घर््स का अतिरिक्त प्रभार भी होगा।
उधर, नगालैंड में विधानसभा चुनाव के लिए घर-घर जाकर प्रचार का काम जोर-शोर से चल रहा है। राजनीतिक दल तेईस फरवरी को होने वाले इन चुनावों के लिए मतदाताओं को अपने उम्मीदवारों के पक्ष में करने के लिए जनसभाएं और रैलियां कर रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कल दीमापुर और मोकोकचुंग में दो रैलियों के साथ अपनी पार्टी का चुनाव प्रचार औपचारिक रूप से शुरू किया। सत्तारूढ़ नगा पीपुल्स फ्रंट ने कांग्रेस पर प्रहार करते हुए दावा किया है कि कांग्रेस के स्टार चुनाव प्रचारकों से चुनाव परिणामों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
राज्य के समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया ब्यूरो से मिली जानकारी के अनुसार भारतीय जनता पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, जनता दल यूनाइटेड और यूएनडीपी ने भी ने भी चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है। इस बीच सभी २३२ नामांकन पत्र सही पाए गए हैं। उम्मीदवार शनिवार तक अपने नाम वापिस ले सकते हैं।
वही त्रिपुरा से साई न्यूज ब्यूरो ने बताया कि त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव के लिए तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। मतदान में अब केवल पांच दिन शेष रह गए हैं। हमारे संवाददाता ने बताया है कि प्रचार बारह तारीख की शाम को बन्द हो जाएगा। चौदह तारीख को वोट पड़ेंगे।
राज्य में सभी दल मतदान से पहले मतदाताओं को रिझाने में पूरे जोर-शोर से जुटे हुए हैं। दूसरी ओर, त्रिपुरा के मुख्य चुनाव अधिकारी आशुतोष जिंदल ने बताया है कि चुनाव प्रक्रिया के दौरान ड्यूटी पर मौजूद किसी भी मतदान कर्मी, अधिकारी या सुरक्षाबलों के साथ कोई दुर्घटना होने पर उन्हें एकमुश्त अनुदान दिया जायेगा।
श्री जिंदल ने कहा कि स्वाभाविक मौत होने पर मृतक के परिवार को पांच लाख रूपये और उग्रवादी घटना में मौत होने पर परिवार को दस लाख रूपये दिये जायेंगे। इसी तरह सामान्य दुर्घटना में अपाहिज होने पर पीड़ित को ढाई लाख रूपये और उग्रवादी घटना में ऐसा होने पर पांच लाख रूपये दिये जायेंगे। त्रिपुरा में मतदान ड्यूटी पर मौजूद करीब ५० हजार कर्मचारियों को इस योजना के दायरे में शामिल किया गया है।

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