शुक्रवार, 1 मार्च 2013

समयसीमा में बिजली उत्पादन आरंभ नही कर सकते गौतम थापर!


0 रिजर्व फारेस्ट में कैसे बन रहा पावर प्लांट . . . 11

समयसीमा में बिजली उत्पादन आरंभ नही कर सकते गौतम थापर!

(एस.के.खरे)

सिवनी (साई)। मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में आदिवासी बाहुल्य घंसौर तहसील के बरेला में देश के मशहूर उद्योगपति गौतम थापर के स्वामित्व वाले अवंथा समूह के सहयोगी प्रतिष्ठान मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड द्वारा डाले जा रहे 1260 मेगावाट के पावर प्लांट में नई मुसीबतें आरंभ हो गई हैं। मध्य प्रदेश सरकार के साथ किए करार में इस पावर प्लांट को विद्युत उत्पादन की समय सीमा अब समाप्त होने जा रही है और बिजली उत्पादन तो छोड़िए यहां काम पूरा भी नहीं हो सका है।
मध्य प्रदेश सरकार के उर्जा मंत्रालय के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड और मध्य प्रदेश सरकार के बीच हुए करार के तहत इस इकाई द्वारा मार्च 2013 से बिजली का उत्पादन आरंभ कर दिया जाना चाहिए। मार्च का महीना आरंभ हो चुका है और संयंत्र में अभी निर्माण काम मंथर गति से ही चल रहा है, जिससे उम्मीद जताई जा रही हे कि कम से कम इस माह तो बिजली का उत्पादन आरंभ हो ही नहीं सकता है।
ज्ञातव्य है कि वर्ष 2009 से इसकी स्थापना के पहले दिन से ही यह संयंत्र विवादों के दायरे में रहा है। आरंभ में लोकसुनवाई के पहले और उसके बाद यहां मजदूरों और संयंत्र प्रबंधन के बीच समन्वय का अभाव साफ दिखाई पड़ता रहा है। दिल्ली में बैठे संयंत्र के असली डायरेक्टर्स को जमीनी हकीकत कुछ और ही दर्शाई गई जबकि वास्तव में यहां की स्थितियों उत्तर प्रदेश के भट्टा परसौला से भिन्न कतई नहीं थीं।
संयंत्र के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान कहा कि महाकौशल के कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के ठेकेदार नुमा नेता क्षत्रपों ने इस संयंत्र में निर्माण के काम में अपना एकाधिकार जमा लिया है। यही कारण है कि स्थानीय स्तर पर आदिवासियों के विरोध का बुरी तरह सामना कर रहा है यह संयंत्र। इस संयंत्र में मजदूरों द्वारा जब तब हड़ताल की जाकर संयंत्र के निर्माण में अवरोध खड़ा कर दिया जाता है जिससे दिल्ली में बैठा प्रबंधन अनजान ही रहता है।
(क्रमशः जारी)

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