शुक्रवार, 19 जुलाई 2013

क्या सम्मेलन से गायब पार्षदों पर कार्यवाही करेगा संगठन!

क्या सम्मेलन से गायब पार्षदों पर कार्यवाही करेगा संगठन!

(दादू अखिलेंद्र नाथ सिंह)

सिवनी (साई)। नगर पालिका परिषद का हंगामेदार साधारण सम्मेलन आज अनेक विवादों के साथ अंततः संपन्न हो ही गया। इस सम्मेलन में 36 बिन्दुओं पर चर्चा होनी थी किन्तु आधे प्रस्तावों पर ही सहमति बन सकी। इस सम्मेलन में सात पार्षद गायब रहे, जबकि गत दिवस भाजपा संगठन ने इन पार्षदों की बैठक भी ली थी। माना जा रहा है कि बैठक से गायब पार्षदों की मश्कें संगठन द्वारा खींची जा सकती है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार आज आहूत साधारण सम्मेलन में नगर विकास, पेयजल, कार्यालय भवन, मॉडल रोड, मछली मार्केट सहित अन्य 36 बिंदुओ पर विचार विमर्श किया जाना था। आज जिस समय साधारण सम्मेलन शुरू हुआ उस समय सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के लिए उपहास की स्थिति निर्मित हो गई।
इस सम्मेलन में कांग्रेस के सभी एक दर्जन पार्षद उपस्थित रहे पर भारतीय जनता पार्टी के महज चार पार्षद ही मौके पर उपस्थित थे। इससे भाजपा के नगर पालिका अध्यक्ष राजेश त्रिवेदी काफी हद तक असहज ही प्रतीत हो रहे थे। भाजपा की ओर से श्रीमती विमला पाराशर, श्रीमती सरोज सुरेश भांगरे, श्याम शोले और राजा पराते सहित नगर पालिका अध्यक्ष राजेश त्रिवेदी मौजूद थे। शहर में चल रही चर्चाओं के अनुसार आखिर यह 07 पार्षद क्यों नहीं आए? किसने इन्हें नगरपालिका न जाने की हिदायत दी? और 07 पार्षदों को नदारत रहना कहीं आपसी फूट का नतीजा तो नहीं?
आज संपन्न इस सम्मेलन में भीमगढ़ जलावर्धन योजना की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति, राजस्व शाखा में काम्पलेक्स निर्माण, कार्यालय भवन, मीटिंग हॉल, नागपुर मार्ग पर साई मंदिर के सामने काम्पलेक्स, शादी घर, सभी वार्डों के मछली बेचने वालों को एक स्थान देने, मुख्यमंत्री कन्या अभिभावक योजना के आवेदन पर विचार आदि की स्वीकृति प्रदाय की गई।
वहीं अब भाजपा के अंदर यह चर्चा भी तेज हो गई है कि वर्चस्व की जंग अब भाजपा में आरंभ हो चुकी है। कल तक जो पार्षद भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष के कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे थे, वे अचानक पार्श्व में कैसे और किसके कहने पर चले गए? इसके साथ ही साथ इस बात की चर्चा भी जमकर हो रही है कि क्या भाजपा का जिला या नगर संगठन सम्मेलन से नदारत पार्षदों से जवाब तलब कर अनुशासनात्मक कार्यवाही करेगा?

चुनाव सर पर हैं, तब भाजपा में वर्चस्व की जंग से कार्यकर्ताओं में प्रतिकूल संदेश ही जा रहा है। वैसे भी नगर में व्याप्त अव्यवस्थाओं और गंदे बदबूदार पेयजल मिलने के चलते लोग भाजपा से नाराज इसलिए भी होते जा रहे हैं क्योंकि भाजपा का कब्जा नगर पालिका सिवनी पर है। ऐसी स्थिति में अगर नगर पालिका के सम्मेलन में कथित तौर पर किसी के षणयंत्र के चलते चार ही पार्षद पहुंचे तो यह भाजपा के लिए वाकई शर्म की बात है।

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