रविवार, 30 मार्च 2014

सहूलियत के बजाए नासूर बन रही है मॉडल रोड

सहूलियत के बजाए नासूर बन रही है मॉडल रोड

लोगों का घरों से निकलना हुआ दुश्वार, जगह जगह बगरी है निर्माण सामग्री

(अखिलेश दुबे/अय्यूब कुरैशी)

सिवनी (साई)। जैसे ही जबलपुर नाके से नागपुर नाके तक मॉडल रोड के निर्माण की बात फिजां में तैरी वैसे ही सिवनी के निवासी खुशी से झूम उठे थे। युवा एवं ऊर्जावान अध्यक्ष राजेश त्रिवेदी के मार्गदर्शन और निर्देशन में नगर पालिका परिषद कहीं न कहीं अपने पथ से भटक रही है। सिवनी शहर की जीवनरेखा कही जाने वाली जीएन रोड पर जगह-जगह निर्माण सामग्री बगरे होने से राहगीरों और इसके आसपास निवास करने वालों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
जबलपुर नाके के आगे से नागपुर नाके के आगे तक बनने वाली मॉडल रोड, अब लोगों की सुविधा के बजाए लोगों के लिए मुसीबत का कारण बनती जा रही है। इसकी वजह यह है कि इस सड़क का निर्माण अत्यंत ही कच्छप गति से होना है। आज भी जबलपुर नाके पर निर्माण कार्य के चलते लगभग एक पखवाड़े से ज्यादा समय से मार्ग बेहद सकरा हो चुका है। यहां आवागमन ज्यादा रहता है, जिससे दुर्घटना की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है।

यह है माप जोख
इस सड़क की अनुमानित लंबाई साढ़े चार किलोमीटर बताई जा रही है। पालिका के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि बीच का डिवाईडर दो मीटर (जहां बन चुका है वहां उतना ही रहेगा) के अलावा दोनों ओर की चौड़ाई सात मीटर होगी। इस सड़क की मोटाई में साढ़े सात एमएम का बीएम और 25 एमएम का एडीडीसी वर्क होना है। नियमानुसार इस सड़क के सिरों या मध्य में सूचना पटल पर इस सड़क के स्पेसीफिकेशन का उल्लेख किया जाना चाहिए, जो पालिका सीमा के अंदर कहीं भी देखने को नहीं मिल रहे हैं। इस सड़क के निर्माण का ठेका, गुना की राजलक्ष्मी कंस्ट्रक्शन कंपनी को दिया गया है। यह काम पिछले साल नवंबर से आरंभ हुआ है और इसे इस साल अक्टूबर तक (महज सात माह बाद) पूरा किया जाना प्रस्तावित है। इस सड़क की लागत 11 करोड़ 70 लाख रूपए है और इसमें सड़क निर्माण, डिवाईडर, नाली निर्माण, पोल को सरकाना, मार्ग में आने वाले वृक्षों की कटाई आदि का काम शामिल है।

नहीं मिली जरूरी अनुमतियां!
पालिका के सूत्रों ने आगे बताया कि इस मार्ग के निर्माण का कार्य नवंबर में आरंभ करवा दिया गया है किन्तु इस मार्ग में आने वाली बाधाओं जिसमें पोल शिफ्टिंग, वृक्षों को हटाना आदि शामिल है की अनुमतियां जारी ही नहीं की गई हैं। इससे कार्य की गति प्रभावित हो रही है। वैसे देखा जाए तो ये जरूरी अनुमतियां नगर पालिका प्रशासन को स्वयं ही देना है, पर पता नहीं नगर पालिका प्रशासन द्वारा इन अनुमतियों को जारी किए बिना ही कार्य को कैसे आरंभ करवा दिया गया है। सूत्रों ने आगे बताया कि मॉडल रोड के निर्माण हेतु खंबे हटाने और पेड़ कटाई का कार्य या तो विभागीय स्तर पर किया जाएगा या फिर ठेके पर। अगर इसका कार्य ठेके पर कराया जाना है तो इसके लिए अभी तक निविदा जारी कर उसका प्रकाशन भी नहीं करवाया गया है। मई के अंतिम सप्ताह में आचार संहिता की समाप्ति के उपरांत संभव है कि इसकी अनुमतियां और निविदा जारी कर दी जाएं। मई के बाद पांच माहों में इस कार्य को अंजाम दिए जाने की बात पर संशय ही प्रतीत हो रहा है।

निर्माण राशि का अभाव!
पालिका के सूत्रों ने आगे बताया कि इस सड़क के निर्माण के लिए पालिका को ऋण की राशि प्राप्त होना है। सूत्रों की मानें तो इसकी पहली किश्त अवश्य ही पालिका को प्राप्त हो चुकी है पर आगामी किश्तों के अभाव मेें इसका कार्य अभी भी मंथर गति से ही संपादित किया जा रहा है।

सुपरविजन के लिए उपयंत्रियों का अभाव
वहीं, पालिका के सूत्रों ने आगे बताया कि इस कार्य के लिए सबसे जरूरी काम निरीक्षण का है। इसके लिए पालिका में उपयंत्रियों का टोटा है। कुछ दिन पूर्व पालिका के दो उपयंत्रियों को निलंबित कर दिया गया था। प्रशासन की ओर से अब नई व्यवस्था की गई है। उपयंत्रियों के अभाव में इस सड़क के निर्माण में गुणवत्ता प्रभावित होने की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता है।

हादसों का है भय!
ज्यारत नाके से जिला चिकित्सालय तक इस सड़क में निर्माण हेतु इसे खोदा गया है। सड़क के दोनों सिरों पर हुई खुदाई के कारण वाहनों के आने जाने में जमकर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस कार्य के चलते सड़क पर अनेक छोटे-बड़े हादसे घट रहे हैं। इस सड़क के निर्माण में खुदे हिस्से पर अनेक वाहन दुर्घटना का शिकार हो चुके हैं। सड़क निर्माण के कार्य में हो रहे हीला हवाला के चलते लोगों के मन में भय समा गया है।

कब तक होगा पूर्ण पता नहीं

इस सड़क के निर्माण का काम कब तक पूरा हो पाएगा इस बारे में कोई भी दावे के साथ कहने की स्थिति में नहीं है। पालिका के सूत्रों का कहना है कि इस साल के अंत में नगर पालिका चुनाव हैं और इसकी वर्तमान गति देखकर लग रहा है कि नई परिषद के आने पर ही इसको पूर्ण किया जा सकेगा, क्योंकि बीच में वर्षाकाल के चार माह काम शायद ही हो पाए। इसके साथ ही साथ वर्षाकाल के चार माह लोगों के लिए यह सड़क नासूर से कम साबित नहीं होने वाली है।

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