गुरुवार, 30 जून 2011

12 साल बाद आरटीओ पर कसा सीबीआई ने शिकंजा

12 साल बाद आरटीओ पर कसा सीबीआई ने शिकंजा

एमपी के नौ आरटीओ को लिया जांच के दायरे में

चारा घोटाले से जुड़े मध्य प्रदेश के तार

दिग्विजय के शासनकाल में पदस्थ आरटीओ से होगी रांची में पूछताछ

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। लालू यादव के सत्ता के बाहर होने के बाद अब चारा घोटाले में सीबीआई का शिकंजा उन पर कसता जा रहा है। चारा घोटाले में मध्य प्रदेश के नौ क्षेत्रीय परिवहन अधिकारियों को पूछताछ के लिए रांची तलब किया है। अधिकारियों से पूछताछ के उपरांत परिवहन व्यवासाईयों (ट्रांसपोटर्स) को भी पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है।

सीबीआई के सूत्रों ने बताया कि चारा घोटाले में जिन परिवहन कार्यालयों से जारी परमिट और पंजीयन के नंबर चारा घोटाले में मिले हैं उनमें राजधानी भोपाल के तत्कालीन आरटीओ पी.एस.बम्हरोलिया, रीवा के व्ही. यादव, सतना के ए. सिंह, खण्डवा के संजय सोनी, जबलपुर के डी.के.जैन, खरगोन के एच. मुदगल, मंदसौर के एस.नागर, होशंगाबाद के अनिल श्रीवास्तव का नाम शामिल है।

सूत्रों ने आगे बताया कि चारा घोटाले में मध्य प्रदेश के ट्रक एवं अन्य वाहनों के होने के संकेत मिले हैं। सीबीआई यह जानने का प्रयास कर रही है कि कहीं किसी दबाव में आकर तो इन अधिकारियों द्वारा इन वाहनों के फर्जी परमिट तो जारी नहीं किए थे। यही कारण है कि अफसरान को उनके उपरोक्त वर्णित कार्यालयों में कार्य करने के दरम्यान जारी परमिट के साथ तलब किया गया है। इसमें यह देखा जा रहा है कि मध्य प्रदेश के कितने वाहनों को प्रदेश से बाहर परिवहन की अनुमति प्रदान की गई थी।

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