गुरुवार, 17 मई 2012

फोरलेन मामले में सद्भाव की भूमिका संदिग्ध!


फोरलेन मामले में सद्भाव की भूमिका संदिग्ध!

बरसात में बंद हो जाएगी उत्तर दक्षिण की जीवनरेखा

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। स्वर्णिम चर्तुभुज सड़क योजना के अंग उत्तर दक्षिण गलियारे पर संकट के बादल मण्डरा चुके हैं। विध्न संतोषियों द्वारा मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों के दरम्यान दिसंबर 2008 में लगाया गया बीज अब कटीली घनी और बहुत बड़ी झाड़ियों में तब्दील हो चुका है। फोरलेन मामले में मध्य प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा और केंद्र की कांग्रेस द्वारा गेंद को एक दूसरे के पाले में फेंककर जनता को गुमराह किया जा रहा है। इस मामले में सिवनी से खवासा तक के सड़क निर्माण के ठेकेदार मेसर्स सद्भाव कंस्ट्रक्शन कंपनी की भूमिका पर सिवनी की विधायक श्रीमति नीता पटेरिया द्वारा सवालिया निशान लगाने के बाद अब इस कंपनी की भूमिका और अधिक संदिग्ध हो चुकी है।
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश से होकर गुजरने वाले उत्तर दक्षिण गलियारे में सिवनी जिले में जबर्दस्त फच्चर फंसाए गए हैं। इसके लिए तत्कालीन भूतल परिवहन मंत्री और छिंदवाड़ा के सांसद कमल नाथ पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र जिला छिंदवाड़ा में नेशनल हाईवे का सबसे बड़ा चौराहा बनाने की गरज से महाकौशल के सिवनी जिले के साथ अन्याय किया है। 2008 में सर्वोच्च न्यायालय में इस मार्ग से वन्य प्राणियों के लिए खतरे की बात कहकर अशोक कुमार की याचिका सामने आई तब कहा गया कि अशोक कुमार मूलतः कमल नाथ के रिश्तेदार हैं।
इस सड़क के लिए आंदोलन आरंभ हुआ, सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया गया, पर हासिल कुछ नहीं हुआ। कांग्रेस ने कभी इसका श्रेय लिया तो कभी भाजपा ने। भाजपा के विधायक कमल मस्कोेले ने इसके लिए अनशन किया और भूख हड़ताल की घोषणा के पहले ही वे रणछोड़दास हो गए। बताया जाता है कि कांग्रेस के एक क्षत्रप और भाजपा के एमपी सुप्रीमो प्रभात झा के बीच हुई सौदे बाजी के बाद भाजपा द्वारा कमल मस्कोले को उठने के निर्देश दिए गए। अब 16 मई के जनांदोलन में भाजपाध्यक्ष सुजीत जैन और विधायक कमल मस्कोले भी मौके पर जा रहे हैं।
एनएचएआई के सूत्रों का कहना है कि सिवनी जिले में राजलक्ष्मी नामक कंपनी ने विवादित सड़क के पुर्ननिर्माण हेतु टेंडर भरा था। इस कंपनी के पीछे सद्भाव का हाथ बताया जाता है। प्राप्त जानकारी के अनुसार सिवनी से खवासा तक के मार्ग में विवादित 8.7 किलोमीटर को छोड़कर शेष भाग में मंथर गति से काम करने का ईनाम इस कंपनी को मिला। इसे नरसिंहपुर से बरास्ता छिंदवाड़ा, सौंसर, नागपुर मार्ग के निर्माण की जवाबदारी दे दी गई है। इस कंपनी की नीयत पर भाजपा विधायक नीता पटेरिया ने प्रश्न चिन्ह लगाया तो जिला भाजपा आश्चर्यजनक तरीके से इस मामले में मौन साध गई।
सूत्रों का कहना है कि उनके पास जमीनी हकीकत आई तो आला अफसरान के पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई। क्षतिग्रस्त कुरई घाट की एक जर्जर पुलिया को रेत की बोरियों से संभाला गया है। शेष लगभग आधा दर्जन पुलिया इस साल की बरसात सहने की स्थिति में नहीं हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम उजागर ना करने की शर्त पर कहा कि कांग्रेस के एक बड़े नेता और भाजपा के क्षत्रपों के इशारों पर इस सड़क को मझधार में छोड़ दिया गया है। इस साल बारिश में यह सड़क हर हाल में बंद हो जाएगी। तब मजबूरी में वाहनों को सिवनी से कुरई खवासा के स्थान पर वैकल्पिक छिंदवाड़ा सौंसर होकर नागपुर जाने पर मजबूर होना पड़ेगा।

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