शुक्रवार, 3 अगस्त 2012

वरिष्ठ नेताओं से नाराज हैं विधायक


वरिष्ठ नेताओं से नाराज हैं विधायक

(संतोष पारदसानी)

भोपाल (साई)। कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई में गुटबाजी एक बार फिर चरम पर आ गई है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरवंश सिंह की भूमिका पर भी प्रश्न चिन्ह लगने लगे हैं। विवादों में फंसे विधायकों ने दिल्ली जाकर आला नेताओं के सामने अपनी पीड़ा का इजहार किया।
बहाली के बाद दिल्ली पहुंचे कांग्रेस विधायक चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी और कल्पना परुलेकर ने आलाकमान को सफाई दी कि गुटबाजी के कारण प्रदेश को नेताओं ने उन्हें मझधार में छोड़ दिया। बहाली के लिए पहले उनसे खेद जताने वाला पत्र लिखवाया गया। बाद में बवाल मचने पर बड़े नेताओं ने इस घटनाक्रम से पल्ला झाड़ लिया।
कांग्रेसी सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि चतुर्वेदी और परुलेकर सोमवार को प्रदेश प्रभारी राष्ट्रीय महासचिव बीके हरिप्रसाद से भेंट कर जानकारी दी। चतुर्वेदी के लिए पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सुरेश पचौरी और परुलेकर के लिए केंद्रीय मंत्री कमलनाथ लॉबिंग कर रहे हैं। दोनों विधायकों और पचौरी व कमलनाथ खेमे का तर्क है कि राष्ट्रपति चुनाव पर मतदान के दौरान विधानसभा उपाध्यक्ष हरवंश सिंह और नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने ही मध्यस्थता की पहल की।
इन दोनों ने ही विधानसभा अध्यक्ष ईश्वरदास रोहाणी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात कर बहाली का रास्ता निकाला। इस दौरान बनी सहमति के बाद ही दोनों ने खेद जताने वाला पत्र लिखा। इस पत्र में भी माफी शब्द का उल्लेख नहीं है, लेकिन इसके बाद गुटबाजी के चलते उन्हें मझधार में छोड़ दिया गया। पचौरी और कमलनाथ खेमा यह सवाल भी उठा रहा है कि विधानसभा अध्यक्ष के बर्खास्तगी के फैसले का विशेष सत्र में विरोध क्यों नहीं हुआ?
उधर एक समाचार पत्र से चर्चा के दौरान विधानसभा उपाध्यक्ष हरवंश सिंह ने स्वीकार किया कि विधायकों के पत्र लिखने की बात उनकी जानकारी में थी। संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा के माध्यम से यह पत्र विधानसभा अध्यक्ष ईश्वरदास रोहाणी को भेजा गया। उन्होंने कहा कि अब बहाली हो गई है, पुरानी बातों को छोड़ आगे देखना चाहिए।
इसके साथ ही साथ नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कि विशेष सत्र बहाली के एजेंडे पर बुलाया गया था। उस दौरान अन्य मामलों को उठाना उचित नहीं था, लेकिन इसका आशय यह नहीं है कि हमने उन मुद्दों को छोड़ दिया है। हम न केवल सदन के आगामी सत्रों में बल्कि सड़क पर भी इस मुद्दे को उठाएंगे।

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