सोमवार, 19 नवंबर 2012

पत्रकारिता को बदनाम करने के बजाए खोल लें परचून की दुकान: लिमटी खरे


आज की पत्रकारिता सूर्पणखा वाली: शलभ भदौरिया

पत्रकारिता को बदनाम करने के बजाए खोल लें परचून की दुकान: लिमटी खरे

गैर पत्रकारों को ना बनाया जाए संघ का सदस्य: शिरीष

(शिवेश नामदेव)

सिवनी (साई)। ‘‘पत्रकारिता के मापदण्डों की कसौटी को देखकर उसे परखककर ही अपनी लेखनी का उपयोग करना चाहिए। आज सूर्पणखा वाली पत्रकारिता पूरी तरह हावी है। एक समय था जब श्वेत पन्नों पर काली स्याही की चार लाईन की खबर ही तहलका मचा देती थी, पर आज रंगीन पूरे पेज की खबर भी कोई असर नहीं डाल पा रही है। हमें सोचना होगा एसा क्यों हुआ? आखिर पत्रकारिता के मायने क्यों बदलते जा रहे हैं।‘‘ उक्ताशय की बात श्रमजीवि पत्रकार संघ के सम्मेलन में प्रदेशाध्यक्ष शलभ भदौरिया द्वारा कही गईं।
जिला मुख्यालय सिवनी के नेशनल लॉन में आयोजित इस सम्मेलन में श्री भदौरिया ने कहा कि पहले तीन तरह की पत्रकारिता होती थी। एक थी नारद जी वाली, जिनका सम्मान असुर भी करते थे। देवराज इंद्र जब विलासिता में डूब जाते तब नारद जी जाकर असुरों से कहते कि यही सही समय है हमला कर दो। नारद जी का चहुंओर सम्मान का कारण उनकी सत्यवादिता थी। दूसरी पत्रकारिता हनुमान जी वाली थी। जिन्हें भगवान राम ने सीता माता को खोजने भेजा था। सीता माता के हाल सुनकर भगवान राम के हाल उन्हें बताए और वे वापस आ गए। हनुमान जी चाहते तो सीता माता को लेकर आ जाते, किन्तु उन्हें जो कहा गया था वही किया। आज का समय सूर्पणखा वाला आ गया है। सूर्पणखा ने गलत जानकारी रावण को दी और अर्थ का अनर्थ ही हो गया।
उन्होंने पत्रकारों से आव्हान करते हुए कहा कि अपने निजी हितों स्वार्थों एक ओर रखकर पत्रकारिता के मापदण्डों को अपनाने की बात कही। उन्होंने बताया कि श्रमजीवि पत्रकार संघ 1952 से अस्तित्व में है एवं वे इसके 17वें अध्यक्ष हैं। श्री भदौरिया ने कहा कि संघ ने 21 मांगे सरकार के समक्ष रखीं थीं, जिनमें से 19 मांगें स्वीकार कर ली गई हैं। उन्होंने इस तरह के आयोजन तहसील और ब्लाक स्तर पर कराने की बात भी कही। श्री भदौरिया ने कहा कि नवीन सदस्यता अभियान के लिए जिला, तहसील और ब्लाक स्तर पर तीन तीन सदस्यीय छानबीन समिति बनाने के उपरांत ही वास्तविक पत्रकारों की सदस्यता कराई जाए।
इस अवसर पर प्रदेश सरकार के मंत्री नाना भाउ माहोड ने कहा कि पत्रकार और समाचार पत्रों के कारण ही सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी घरों घर तक पहुंच रही है। उन्होंने पत्रकारों का आव्हान करते हुए कहा कि पत्रकारिता जैसे पुनीत पेशे को अपनी और अपने परिवार की आवश्यक्ताओं के लिए बदनाम ना करें। महाकौशल विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष नरेश दिवाकर ने इस तरह के आयोजन के लिए पत्रकार संघ को बधाई दी।
इस अवसर पर मध्य प्रदेश भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष श्रीमति नीता पटेरिया ने कहा कि नेताओं को अब समाज में अच्छी नजारों से नहीं देखा जाता और पत्रकारों की भी कमोबेश यही स्थिति है। पत्रकारों को उन्होंने आचरण सुधारने की नसीहत परोक्ष तौर पर दे डाली।
इस अवसर पर पत्रकारों को संबोधित करते हुए वरिष्ठ पत्रकार लिमटी खरे ने कहा कि पत्रकारों को अपनी सीमाओं का ज्ञान होना अवश्यक है। उन्होंने श्रीमति नीता पटेरिया के कथन से इत्तेफाक जताते हुए कहा कि नीता पटेरिया जी नेताओं को संभाल लें पत्रकारों को संभालने का जिम्मा पत्रकार स्वयं ही उठा लेंगे। उन्होंने कहा कि सांसद विधायकों से विज्ञापन लेकर उसका बिल विधायक सांसद की जनसंपर्क निधि से प्रत्यक्ष या परोक्ष तौर पर लेना निंदनीय है। इस तरह की परंपरा से पत्रकारिता जैसा पवित्र पेशा बदनाम होता है। उन्होंने कहा कि पत्रकार स्वयं किसी दल विशेष के प्रति अपना झुकाव रख सकता है किन्तु उसके अखबार या मीडिया संस्थान पर इसका असर नहीं पड़ना चाहिए वरना मीडिया की साख नष्ट होने से कोई नहीं रोक सकता है।
समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के संपादक श्री खरे ने कहा कि आज पत्रकारिता का ग्लेमर इतना ज्यादा है कि जहां देखो वहां वाहनों पर प्रेस लिखा दिख जाता है। उन्होंने श्रमजीवी पत्रकार संघ के अध्यक्ष से अनुरोध किया कि वे सरकार के समक्ष यह बात अवश्य रखें कि जिस तरह अधिमान्यता प्राप्त पत्रकारों का हर साल नवीनीकरण के समय औपचारिकताएं करवाई जाती हैं उसी तरह की औपचारिकताएं जिला स्तर पर अवश्य करवाई जाए ताकि वास्तविक और छद्म पत्रकारों की पहचान हो सके। आज पुलिस, आरटीओ, टोल टेक्स आदि से बचने के लिए लोग प्रेस शब्द का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिस पर रोक लगनी चाहिए। इस तरह से इस पवित्र पेशे को बदनाम करने वाले, अनैतिक तरीके से धन कमाने वाले छद्म पत्रकारों से लिमटी खरे ने गुजारिश की कि इस पवित्र पेशे को बदनाम करने के बजाए इससे बेहतर तो यह है कि वे परचून की दुकान खोलकर पैसा कमाएं।
इस अवसर पर ब्लाक अध्यक्ष शिरीष अग्रवाल ने एक सनसनीखेज खुलासा करते हुए कहा कि जब वे अपने एक परिचित के पास गए और उनके घर पर पत्रकार का परिचय पत्र देखा और उन्होंने जब उनसे इस बारे में पूछा तो उनके परिचित ने कहा कि यह बडे काम की चीज है इससे टोलटेक्स में बचत, आरटीओ, पुलिस आदि के झमेले से मुक्ति और समाज में रसूख बढ़ता है। अतः कोई भी समाचार पत्र का परिचय पत्र जारी करने के पहले इसकी पड़ताल अवश्य की जाए कि उसे पाने वाला सच्चा हकदार है अथवा नहीं।
इस अवसर पर नगर पालिका अध्यक्ष राजेश त्रिवेदी ने पत्रकारों की बहुप्रतिक्षित मांग के मार्ग प्रशस्त कर दिए। श्री त्रिवेदी ने पत्रकार भवन के लिए सिवनी शहर में जमीन निशुल्क देने की घोषणा कर दी। वहीं दूसरी ओर भाजपा के जिलाध्यक्ष, पूर्व विधायक और महाकौशल विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष नरेश दिवाकर, विधायक श्रीमति नीता पटेरिया, कमल मस्कोले ने प्रत्यक्ष तौर पर इसके निर्माण के लिए पांच पांच लाख रूपए तो मोबाईल पर विधायक श्रीमति शशि ठाकुर द्वारा भी भाजपाध्यक्ष को पांच लाख रूपए की सहमति प्रदान कर दी गई। भाजपाध्यक्ष नरेश दिवाकर ने सांसद के.डी.देशमुख से भी इसके निर्माण के लिए पर्याप्त आर्थिक सहायता दिलवाने का भरोसा जताया गया। लिमटी खरे द्वारा भाजपा के द्वारा पत्रकारों के हित में उठाए गए इस कदम के लिए भाजपा जिला अध्यक्ष और विधायकों एवं नगर पालिका अध्यक्ष का आभार व्यक्त करते हुए यह आग्रह किया कि इस काम को समय सीमा में बांध दिया जाए, वरना यह कहीं चुनावी वायदा ना बनकर रह जाए।

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