बुधवार, 7 नवंबर 2012

असैन्य परमाणु सहयोग समझौते पर हुई चर्चा


असैन्य परमाणु सहयोग समझौते पर हुई चर्चा

(महेश रावलानी)

नई दिल्ली (साई)। भारत और कैनडा ने कल असैन्य परमाणु सहयोग समझौते को लागू करने के बारे में बातचीत पूरी की। इस समझौते पर २०१० में हस्ताक्षर किए गए थे। यह घोषणा, प्रधानमंत्री डॉ० मनमोहन सिंह और कैनडा के प्रधानमंत्री स्टीफन हॉर्पर ने नई दिल्ली में संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में की। बातचीत के बाद, तीन और समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए।
सरकारी सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि इनमें एक समझौता और दो सहमति ज्ञापन हैं जो सामाजिक सुरक्षा, सूचना और संचार प्रौद्योगिकी तथा रक्षा अनुसंधान और विकास में  सहयोग के बारे में हैं।  वार्ता के बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने टोरन्टो में हुए असैन्य परमाणु समझौते को लागू करने के तौर तरीके तय करने की दिशा में हुई प्रगति की सराहना की।
उन्होने कहा कि हम टोरंटो में २०१० में हुए असैनिक परमाणु ऊर्जा सहयोग समझौते को प्रभावी रूप से लागू करने के तरीके तय करने में हुई प्रगति का स्वागत करते हैं। कैनडा के प्रधानमंत्री स्टीफन हॉर्पर ने भी कैनडा की कंपनियों की तरफ से भारत को परमाणु तकनीक निर्यात करने की इच्छा जाहिर की।

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