सोमवार, 25 मार्च 2013

मुजफ्फरनगर : दो जिलों की 11 चीनी मिलों पर 8 अरब 22 करोड 1 लाख 21 हजार रूपया बकाया


दो जिलों की 11 चीनी मिलों पर 8 अरब 22 करोड 1 लाख 21 हजार रूपया बकाया

(सचिन धीमान)

मुजफ्फरनगर (साई)। दो जिले के किसानों का 11 चीनी मिलों पर 8 अरब 22 करोड 1 लाख 21 हजार रूपया बकाया है। बकाया भुगतान में देरी किये जाने से किसान संगठनों में उबाल है। राष्ट्रीयच किसान मजदूर संगठन पिछले 26 फरवरी से बकाया गन्ना भुगतान तथा ब्याज व 14 दिन के अंदर गन्ना भुगतान की मांग को लेकर मेरठ कमीशनरी पर धरने दिये हुए है लेकिन बावजूद इसके सरकार इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है।
उल्लेखनीय है कि मुजफ्फरनगर व शामली में 11 चीनी मिले है। मुजफ्फरनगर जिले में आठ चीनी मिलों में खतौली, तितावी, मंसूरपुर, रोहाना, मोरना, टिकौला, भैसाना, खाईखेडी चीनी मिले है तथा शामली जिले में तीन चीनी मिले में शामली, ऊन व थानाभवन चीनी मिले शामिल है। दोनों जिलों की चीनी मिले अब तक 7 करोड 7 लाख 99 हजार कुन्तल गन्ने की पैराई कर चुकी है। दोनों जिलों की 11 चीनी मिलों में अब तक 62 लाख 37 हजार कुन्तल चीनी का उत्पादन हो चुका है। किसान चीनी मिलों में 19 अरब 70 करोड 56 लाख 14 हजार रूपये का गन्ना डाल चुके है। चीनी मिलों ने अब तक केवल 11 अरब 48 करोड 54 लाख 93 हजार रूपये का भुगतान ही किया है। कानून के प्रावधान के अनुसार देखा जाये तो चीनी मिलों को 14 दिन के अंदर भुगतान किये जाने का निर्देश है। किसानों का 14 दिन पूर्व का भी 5 अरब 69 करोड 91 लाख 13 हजार रूपया बकाया है।
गौरतलब है कि जिलों मेें लगभग ढाई लाख हैक्टेयर भूमि पर खेती होती है जिसमें एक लाख 94 हजार 771 हैक्टेयर भूमि में इस वर्ष गन्ने का उत्पादन हुआ है। किसानों की मुख्य फसल यहां गन्ना ही है। भुगतान में देरी होने से दोनों जिलों के किसान बेहद परेशान है। वहीं दूसरी ओर मेरठ कमीशनरी स्थित चौ। चरण सिंह पार्क में राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के राष्ट्रीय संयोजक सरदार वीएम सिंह एवं विकास बालियान के नेतृत्व में किसान बकाया गन्ना मूल्य के पाने एवं देरी से हुए भुगतान का ब्याज व 14 दिन के अंदर गन्ने का तोलने के बाद भुगतान किये जाने सहित की मांग को लेकर धरना दिये हुए है। धरने के 27 दिन होने के बाद भी किसानों की मांग को मानने के लिए हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद भी मिल मालिक किसानों का वाजिब गन्ना भुगतान करने को तैयार नहीं है। जिस कारण मजबूर होकर राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन को धरने पर बैठना पडा। राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन की माने तो किसानों के धरने से सरकार बौखला गयी है और जल्द ही किसानांे के अडिग हौंसले के आदेश सरकार को झुकना पडेगा और हाई कोर्ट के आदेश को लागू कराकर मिल मालिकों से किसानों के गन्ना रूपये को उनके खातों में भिजवाया जायेगा।

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