सोमवार, 25 मार्च 2013

मेरठ : आजादी के परवानो की कुर्बानी पर आज की व्यवस्था कंलक बन गई


आजादी के परवानो की कुर्बानी पर आज की व्यवस्था कंलक बन गई

(एस.के.धीमान)

मेरठ (साई)। राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के मेरठ कमिश्नरी स्थित चौ0 चरण सिंह पार्क में  आज धरने के 26 वे दिन जहॉं प्रातः यज्ञ कर अमर शहीद आजादी के परवाने भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरू को श्रद्धाजंलि दी गई वही शाम को धरना स्थल पर ही कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया।
यज्ञ के दौरान भारी संख्या में किसान मौजूद रहे सर्वप्रथम शहीदों के चित्रों पर पुप्षपाजलि अर्पित कि गई तत्तपश्चात आचार्य रवि शास्त्री ने यज्ञ विधि विधान से सम्मपन कराया यज्ञ के ब्रहाा सरदार वी0एम0 सिंह रहे। यज्ञ के बाद समस्त किसानों को लड्डुओं और खीर का प्रसाद वितरित किया गया यज्ञ के आयोजन में अमरिश त्यागी, नेहा त्यागी, विरेन्द्र बढला, जितेन्द्र सिंह बाहदरपुर का विशेष योगदान रहा। यज्ञ के दौरान ही मेरठ कॉलिज से सैकडो छात्र नेता नारे बाजी करते हुये अमर बलिदानियों को श्रद्धासुमन अर्पित करने आये साथ ही सरदार वी0एम0 सिंह के नेतृत्व में लडी जा रही किसानो कि लडायी के प्रति अपना कुल सर्मथन जता गये।
अधिकार धरने के 26 वे दिन भी भारी संख्या में आये  किसानो  को सम्बोधित करते हुये वी0एम0 सिंह ने अमर बलिदानियों को याद करते हुए कहॉ कि आजादी के उन महान परवानो कि कुर्बानी पर आज कि व्यवस्था ने कंलक लगाने का काम किया है। भगत सिंह का ये कहना  और आशंका जताना सही था कि कही गौरी चमडी वाले अग्रेजों के बाद काली चमड़ी वाले देशी अग्रेज हुकुमत में न आ जाये भगत कि बाते सही साबित हो रही है। हमें यह व्यवस्था बदलकर अमर सेनानियों के सपनों को साकार करना है। यही हमारी सच्ची श्रद्धाजलि देश के प्रति जान लुटाने वाले आजादी के परवानो के लिये होगी।
वी0एम0 सिंह ने कहा कि उन्होने हवा के साथ बदल जाना नही सीखा, वी0एम0 हवा का रूख बदलना जानता है। एक ही रस्ते पर चलना उनकी फितरत रही है। जो रास्ता बीस साल पहले पकडा था वही रास्ता आज भी है। किसानों को उनकी फसल का वाजिब मूल्य दिलाना और उनके अधिकारों की अदालत के माध्यम से दिलाना। वह जब अकेले थे तब नही बदले अब उनके साथ लाखों किसान है अब उन्हें कोई क्या बदल पायेंगा। अब तो नेता बदलेगा, व्यवस्था बदलेगी। उन्होंने कहा कि उन्हें आज यहां कोई सुझाव नहीं चाहिये आर्शिवाद चाहिये, ताकत चाहिये, निष्ठा चाहिये ताकि वह इस व्यवस्था परिवर्तन की लड़ाई को मजबूती से लड़ किसानों को उनका हक दिलाने के साथ ही उनके पैरांे पर खड़ा कर पाये। उन्हें मुद्दों की संख्या नहीं बढ़ानी जो मुद्दा सामने हैं उसे सुलझाना है।
उन्होंने कहा कि किसानों की अगवाई करने वाले बीके हुये हैं। मिलों के दलाल लोग किसानों को भरमाने और मुद्दों से भटकाने का काम कर रहे हैं। वह यह लड़ाई जीत चुके हैं। खातों में ब्याज आना शुरू हो गया है उनका सोचना यह है कि ब्याज अदालत के आदेशानुसार पहले दिन से किसानों के खाते में आये। इस वर्ष मिल जितना भी गन्ना भुगतान करने में विलम्ब करेंगी उतना ही उन्हें किसानों को 15 प्रतिशत की दर से भुगतान अधिक करना होगा। उन्होंने कहा कि चीनी मिलों के घाटे में जाने की बात पूरी बकवास है। दो मिलों से इस व्यवसाय में आने वाली बजाज चीनी मिलों की संख्या आज -17 हो चुकी और 8 नई चीनी मिलों के लिये वो लाईसेंस की मांग कर रहे है। 600 करोड़ रूपये का उनका रिजर्व पैसा अब बढ़कर 3000 करोड़ हो गया है और अगर घाटे में भी है तो भी किसान को उससे कोई फर्क नहीं पड़ता उसे अपनी फसल का भुगतान समय से चाहिये। किसान अगर घाटे में है या बर्बाद हो गया तब भी सरकार उसके विरूद्ध किसी प्रकार का आर0सी0 या अन्य वसूली कभी नहीं रोकती।
वी0एम0 सिंह ने कहा कि पिछले साल 5400 करोड़ रूपये पर ब्याज वसूला जाने लगा है। इस बार चालू वर्ष का विलम्ब से हो रहा भुगतान 5500 करोड़ रूपये से अधिक हो गया है। इस पर भी किसानों को ब्याज मिलेगा।
वी0एम0 सिंह ने कहा कि धरने पर बैठने के दौरान लगातार रात भर मच्छर उनका खून चूस रहे हैं। उन्हंे इसकी कोई परवाह नहीं है। उनकी इच्छा यही है कि ये मिल मालिक किसानों का खून न चूसने पायें।
आज धरने को सम्बोधित करते हुये पूर्व राज्य सभा सांसद हरेन्द्र मलिक ने कहा कि वह वी0एम0 सिंह और इस धरने पर सहयोग दे रहे किसानों के साहस और लड़ने की क्षमता की भूरी-भूरी प्रसंसा करते हैं। उन्होंने कहा कि आज शहीद दिवस पर शहीदों को कोटि-कोटि नमन् करता हँू लेकिन अफसोस के साथ कहता हँू कि देश का किसान अभी तक आजादी का अनुभाव नहीं कर पाया है। अब जाकर वी0एम0 सिंह किसानांे को न्यायपालिका के माध्यम से हक दिलाने मंे कामयाब हो पायें हैं। व्यवस्था ऐसी होनी चाहिये कि किसानों को उनका हक और अधिकार लेने और पाने के लिये सड़क अदालतों के चक्कर ना काटने पड़ंे।
कुतुबपुर से आये पूर्व प्रमुख विरेन्द्र सिंह ने कहा कि आज बहुत से संगठन सक्रिय हो गये है और वो किसानों भ्रमाकर मुद्दो से भटकाने के लिए पूरा प्रयास कर रहे है। उन्होने कहा कि दिनांक 24 मार्च की महापंचायत मंे भगत सिंह के भतीजे करनजीत सिंह धरने को समर्थन देने के लिए धरना स्थल पर आ रहे हैं।
आज धरने पर मुजफ्फरनगर से भारी संख्या में किसान आये। चौ0 उधम सिंह के नेतृत्व में ढोल बजाते हुये कई किसान जय-जयकार करते हुये आये।
सभा की अध्यक्षता चौ0 तेजराम राठी सोंटा और संचालन राजवीर सिंह मुंडेट ने किया।
मुख्य वक्ताओं मंे विकास बालियान, डा0 मेजर हिमांशु, विपूल , कांग्रेस नेता सलीम मलिक, गुफरान काजमी, मास्टर गजेन्द्र पाल सिंह, अमित राठी, पंकज राठी, इसरार सैफी साहब, वेद प्रकाश त्यागी, बाबा खुर्शीद, चौ0 मुनेश बरबाला, परीक्षितगढ़ चेयरमेन अमित मोहन गुप्ता, चौ0 उधम सिंह, राजेश्वर आर्य, रनधीर सिंह, जन सेवक, चौ0 बुद्धसिंह पहलवान, राजवीर सिंह विदरोही, चौ0 रिषीपाल, चौ0 धर्मवीर राठी, चौ0 रामवीर सिंह मण्डल प्रभारी, इं0 राजवीर सिंह, सुविश त्यागी एडवोकेट आदि थे। 
आज भी बढ़ला, भामौरी, झिटकरी, बहादरपुर, नया गांव आदि गावों से खाना एवं खीर हलवा आदि भेजा गया।
भामौरी गांव का सन् 1942 की ऐतिहासिक क्रान्ति से उल्लेखनीय योगदान रहा है। आज इस गांव से सैकड़ांे ग्रामीण ट्रेक्टर ट्रोलियांे में धरना स्थल पर आये और शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित किये। उल्लेखनीय है कि सन् 1942 की क्रान्ति के दौरान कई किसान अंग्रेजी हुकुमत के सिपाहीयों की सीधी गोली का शिकार हुये थे और जंगे आजादी में शहीद हुए लोगों में अपना नाम लिखवा गये थे।
आज राष्ट्रीय किसान एकता मंच ने भी धरने को आपना समर्थन दिया।
धरना स्थल पर हुऐ कवि सम्मेलन की अध्यक्षता कवि ईश्वर चन्द गम्भीर ने की और संचालन विरेन्द्र अबोध ने किया, कविगणों अमरनाथ मधुर, ब्रजपाल ब्रज, मुनेश त्यागी, हसरत मेरठी, राजेश्वर त्यागी घायल, विजय प्रेमी, वेद प्रकाश त्यागी, जयवीर यादव, सुमरेश सुमन, सी0पी0 सिंह सार्थी, ओमदत्त सत्यार्थी, क्षीतिज ढिल्लन, धर्मवीर सिंह कटोच, आदि थे। 

कोई टिप्पणी नहीं: