मंगलवार, 14 फ़रवरी 2012

ईटिकिट के लिए प्रिंट की जरूरत समाप्त


ईटिकिट के लिए प्रिंट की जरूरत समाप्त


(यशवंत श्रीवास्तव)

नई दिल्ली (साई)। टेक्नालाजी के क्षेत्र में निरंतर अग्रसर भारतीय रेल अब पेपर लेस होने की दिशा में आगे बढ़ रही है। रेल में सफर के दौरान लिए गए ई टिकिट के लिए यात्री को अब प्रिंट आउट के बजाए मोबाईल पर आया एसएमएस और परिचय पत्र ही पर्याप्त होगा। यही टिकिट का काम करेगा।
रेल मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि आईआरसीटीसी और रेलवे, ई-टिकट धारक के लिए एसएमएस भेजता है। एसएमएस में ट्रेन का नंबर, पीएनआर नंबर, सफर की तारीख, सफर शुरू करने और खत्म करने के स्टेशनों के नाम के अलावा पैसेंजरों का नाम और किराए की राशि होती है। इस तरह यह जानकारी ही टिकट के बराबर मानी जाएगी।
रेलवे सूत्रों का कहना है कि सफर के दौरान अगर कोई रेल अधिकारी जांच करने के लिए आता है तो पैसेंजर यह एसएमएस दिखा सकते हैं। अगर पैसेंजर एसएमएस नहीं दिखा पाता लेकिन उसके पास अपना आई कार्ड है, जिससे उसकी पहचान संभव है तो उसे ट्रेन में सफर करने की इजाजत दी जाएगी लेकिन ऐसे पैसेंजर से जुर्माने के रूप में 50 रुपये वसूले जाएंगे। इस राशि के लिए रेल कर्मचारी अतिरिक्त किराया टिकट जारी करेंगे।
सूत्रों का कहना है कि इस एसएमएस के साथ पैसेंजर के पास नौ पहचान पत्रों में से कोई एक होना चाहिए। इन नौ पहचान पत्रों में वोटर आई कार्ड, पासपोर्ट, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, केंद्र या राज्य सरकार का फोटो पहचान पत्र, मान्यता प्राप्त स्कूल या कॉलेज का आई कार्ड, राष्ट्रीयकृत बैंक की फोटो लगी पासबुक, बैंकों की ओर से जारी लेमिनेटिड फोटो वाले क्रेडिट कार्ड और आधार कार्ड शामिल हैं।

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