मंगलवार, 14 फ़रवरी 2012

बिछ ही रही है पहाड़ों पर सफेद चादर


बिछ ही रही है पहाड़ों पर सफेद चादर



(शरद खरे)

नई दिल्ली (साई)। उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश व उत्तराखंड के ज्यादातर हिस्सों में सोमवार को भारी हिमपात हुआ। इसका तीनों राज्यों के जनजीवन पर भारी असर देखने को मिला। उधर, मैदानी इलाकों में तापमान तेजी से उपर चढ़ रहा है। दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान आदि राज्यों में भी लोगों ने ठंड से राहत महसूस की।
राजधानी दिल्ली में चटख धूप खिली और मौसम खुशगवार रहा। दिल्ली में सोमवार को न्यूनतम तापमान 11.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। पंजाब और हरियाणा के लोगों को ठंड से कुछ राहत मिली। अंबाला, लुधियाना और अमृतसर में हल्की बारिश के बाद न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई। राजस्थान को ठंड से निजात मिलने लगी है, जबकि मध्य प्रदेश व उत्तर प्रदेश के कई हिस्से अभी भी ठंड की चपेट में हैं।
कश्मीर में हिमपात के चलते जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग बंद हो गया है। कश्मीर का बाकी राज्यों से सड़क संपर्क पूरी तरह कट गया है। ताजा बर्फबारी से हिमस्खलन का भी खतरा बढ़ गया है। जम्मू संभाग में माता वैष्णो देवी भवन, भैरो घाटी और पत्नीटॉप में भी बर्फ की सफेद चादर बिछ गई है। मंगलवार को राज्य में मौसम और खराब रह सकता है। आपदा प्रबंधन विभाग ने हिमस्खलन की आशंका जताते हुए लोगों से सावधान रहने को कहा है। इस बीच राजौरी जिले में मकान ढहने और वैष्णो देवी में ठंड से दो महिलाओं की मौत हो गई। राज्य में सबसे कम तापमान शून्य से छह डिग्री नीचे गुलमर्ग में रिकॉर्ड किया गया।
शिमला से साई ब्यूरो स्वाति सिंह ने बताया कि हिमाचल प्रदेश फिर से शीतलहर की चपेट में है। सोमवार को शिमला सहित मध्यम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हिमपात हुआ, तो कुछ मैदानी इलाकों में बारिश। राज्य में सबसे कम तापमान केलंग में शून्य से सात डिग्री नीचे रिकॉर्ड किया गया। उत्तराखंड के ज्यादातर हिस्सों में चोटियां बर्फ से ढंक गई हैं, जबकि निचले क्षेत्रों में कहीं हल्की तो तेज बारिश हुई। कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि भी हुई। कई संपर्क मार्ग भी बाधित हो गए हैं और ठंडक काफी बढ़ गई है। यह बर्फबारी और बारिश पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने के कारण हो रही है।
साई ब्यूरो के अनुसार चंबा में मौसम ने एक बार फिर करवट बदल कर चंबा में बर्फीले तूफान की संभावनाओं को उजागर कर दिया है। पिछले करीब डेढ़ माह से खराब मौसम को झेल रहे जिलाभर के लोग अब इससे ऊब चुके हैं, लेकिन तूफान थम नहीं रहा है। सोमवार को हुए ताजा हिमपात में जनजातीय क्षेत्र समेत पूरे जिला में जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हो गया है। कई बस रूट फेल हो गए हैं व जगह-जगह गाड़ियों का जमघट लगा हुआ है।
शिमला जिले के बर्फबारी से प्रभावित स्कूलों में 16 फरवरी तक छुट्टियां घोषित कर दी गई हैं। डीसी ने सोमवार को इस संबंध में अधिसूचना जारी करते हुए यह निर्णय लिया। यह फैसला सिर्फ शीतकालीन अवकाश वाले स्कूलों में लागू होंगे, जबकि धामी, रामपुर क्षेत्र के स्कूलों में पढ़ाई चलती रहेगी। जिले में रविवार से लगातार बर्फबारी हो रही है, जिससे सोमवार को बच्चों को स्कूल जाने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। ऊपरी शिमला में तो इसी वजह से स्कूलों में बच्चों की काफी कम संख्या रही। वहीं जो बच्चे आए वह भारी बर्फबारी के बीच किसी तरह से स्कूल पहुंच पाए। बर्फबारी से यातायात व्यवस्था बाधित जिला प्रशासन ने शिक्षा विभाग और सरकार से विचार विमर्श कर 16 फरवरी तक छुट्टियों की घोषणा कर दी। इससे पूर्व पहली फरवरी को स्कूल खुलने थे, लेकिन उस समय भी भारी हिमपात की वजह से जिला प्रशासन ने 12 फरवरी तक छुट्टियां घोषित कर दी थी। डीसी ओंकार शर्मा ने बताया कि बर्फबारी की वजह से विंटर क्लोजिंग स्कूलों में 16 फरवरी तक छुट्टिया करने का फैसला लिया गया।
चंबा-भरमौर व चंबा-तीसा मार्ग भी बारिश व बर्फबारी की भेंट चढ़ चुका है। इनमें से चंबा-भरमौर मार्ग को खोलने में जुटे लोक निर्माण विभाग को ताजा हिमपात से बड़ा झटका लगा है। उक्त मार्ग कई दिनों की मेहनत के बाद खुलने के करीब पहुंच गया था। मार्ग को विभाग ने दोनों तरफ से जोड़ने की कोशिश की थी। ताकि दोनों तरफ से यातायात को शुरू करवाकर लोगों को गंतव्य तक पहुंचाया जा सके, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। फिलहाल, जनजातीय क्षेत्र भरमौर का संपर्क शेष दुनिया से कट चुका है व यहां आवाजाही पूरी तरह से बंद है। कुछ ऐसा ही हाल उपतहसील होली में भी बना हुआ है। भरमौर उपमंडल में अब तक करीब दो फुट ताजा हिमपात हो चुका है। गांवों को आपस में जोड़ने वाले रास्ते भी भारी बर्फबारी में दफन हो चुके हैं। जनजातीय क्षेत्र में पारा शून्य डिग्री से भी नीचे लुढ़क गया है।
उपमंडल मुख्यालय में लोगों की आवाजाही सोमवार को न के बराबर रही। सुबह से ही हो रही बर्फबारी के बीच लोग घरों में दुबके रहे। उधर, चंबा-तीसा मार्ग पर जगह-जगह ल्हासे गिरने से मार्ग बाधित रहा। इस दौरान सलूणी व तीसा की तरफ जाने वाले वाहन मार्ग में फंसे रहे। लोगों को भारी दिक्कत से जूझना पड़ा। वहीं, चंबा में दिन भर बारिश का माहौल बना रहा व लोग घरों में दुबके रहे। उपायुक्त शरभ नेगी ने मौसम मिजाज को देखते हुए लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी है।
देहरादून से साई ब्यूरो अर्जुन कुमार का कहना है कि प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी और राज्य के कुछ अन्य हिस्सों में बादल छाए रहने के साथ ही बूंदा-बांदी से तापमान में कमी दर्ज की गई है। देहरादून में आज सुबह से ही बादल छाए हुए हैं और छिटपुट बूंदा-बांदी भी हो रही है। उधर, चमोली जिले में कल देर रात से मौसम की खराबी के चलते लोगों को घरों में दुबकने के लिए विवश होना पड़ रहा है। बीती रात से ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी तथा निचले इलाकों में हल्की वर्षा होने से तापमान में भारी गिरावट आई है, जिसके कारण लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। रुद्रप्रयाग जिले की ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी जारी है। केदारनाथ, गौरीकुण्ड सहित अन्य ऊंची पहाड़ियों पर बर्फबारी से ठण्ड बढ़ गई है। पिथौरागढ़, अल्मोड़ा और नैनीताल में भी आज बादल छाए रहे।
चकराता में मौसम का मिजाज बिगड़ते ही छावनी बाजार में सोमवार को बारिश हुई और शाम को क्षेत्र की ऊंची पहाड़ियों पर बर्फबारी। मौसम के सातवें हिमपात से किसान व बागवानों के चेहरे खिले हुए हैं। वहीं, सैलानियों को बर्फबारी का आनंद लेने को एक मौका और मिल गया।
उधर, पछवादून व जौनसार-बावर में सोमवार को दिनभर घटाओं ने डेरा डाले रखा। अपराह्न करीब साढे तीन बजे मौसम का मिजाज बिगड़ते ही चकराता छावनी क्षेत्र में बारिश शुरू हो गई, जिसके कुछ देर बाद ही ऊंचाई पर बसे बुधेर, चुरानी, मुंडाली, लोखंडी, खडंबा, कांवतालानी, मोल्टा, रिंगाली, देववन, कोटी-कनासर, व जाड़ी की पहाड़ियों पर बर्फबारी शुरू हो गयी। मौसम के सातवें हिमपात के कारण सेब उत्पादन अच्छा होने की उम्मीद से बागवानों के चेहरे खिले हुए हैं। बारिश व हिमपात के कारण चकराता क्षेत्र में ठिठुरन बढ़ने से लोगों को घरों में कैद रहना पड़ा।
चकराता क्षेत्र की ऊंची पहाड़ियों पर हिमपात होने से त्यूणी-चकराता, लोखंडी-पिपरा, सिलीगाड़-कुनैन मोटर मार्ग अवरुद्ध हो गए हैं। लोनिवि चकराता खंड के अधिशासी अभियंता नवनीत पांडे का कहना है कि चकराता-त्यूणी मोटर मार्ग खोलने के लिए मौके पर जेसीबी भेजी गई है।
जम्मू से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो संदीप गुप्ता का कहना है कि मौसम के तेवर फिर तीखे हो गए हैं और ठंड जानलेवा बनती जा रही है। सोमवार को श्रीनगर व जम्मू संभाग के उच्चपवर्तीय इलाकों में जमकर बर्फबारी हुई और मैदानी इलाकों में बारिश। ताजा बर्फबारी से वादी में फिर हिमस्खलन का खतरा मंडराने लगा है। जवाहर टनल के पास भूस्खलन व हिमपात से जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग बंद हो गया है, जिससे कश्मीर का देश-दुनिया से सड़क संपर्क पूरी तरह कट गया है। हाइवे पर करीब 1800 वाहन फंस गए हैं। इससे जम्मू बस स्टैंड पर भी यात्रियों का जमावड़ा बढ़ने लाग है।
उधर, जम्मू संभाग में माता वैष्णो देवी भवन, भैरो घाटी और पत्नीटॉप में भी बर्फ की सफेद चादर बिछ गई है। इसके अलावा राजौरी जिले की बुद्धल तहसील में बर्फबारी से मकान गिरने से एक महिला कैलाश देवी की मौत हो गई। इसके अलावा वैष्णो देवी में भी ठंड से उड़ीसा की महिला जामाबाई बेहरा की जान चली गई। मौसम विभाग के अनुसार अगले चौबीस घंटों के दौरान भी मौसम का मिजाज बिगड़ा रहेगा।
पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने के कारण श्रीनगर में रविवार रात से ही बर्फबारी शुरू हो गई थी, जो सोमवार रुक-रुक कर जारी रही। जवाहर सुरंग के निकट भारी बर्फबारी से जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग को सोमवार तड़के दोनों तरफ के यातायात के लिए बंद कर दिया गया। हाइवे बंद होने से जवाहर सुरंग, रामबन, रामसू तथा ऊधमपुर में करीब 1800 छोटी-बड़ी गाड़ियां फंस गई हैं। अलबत्ता, आइजी ट्रैफिक हेमंत लोहिया के अनुसार करीब 400 वाहन फंसे हुए हैं। आइजी ने बताया कि रविवार रात दो बजे बर्फबारी और बारिश के कारण पस्सियां गिरने से राजमार्ग बंद हो गया था। सेामवार दोपहर करीब 12 बजे शैतानी नाले के नजदीक हिमस्खलन से दिक्कतें और बढ़ गई हैं।
बीकन विभाग के चीफ इंजीनियर डीके वोहरा ने कहा कि मार्ग से बर्फ हटाने का काम जारी है, लेकिन जबरदस्त बर्फबारी के चलते काम में बाधा आ रही है। उन्होंने कहा कि मंगलवार को मौसम में सुधार के बाद ही हाइवे को यातायात के लिए खोला जा सकता है। विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल गुलमर्ग व सोनमर्ग में भी खूब बर्फबारी हो रही है। गुलमर्ग में शाम तक एक फुट जबकि सोनमर्ग में डेढ़ फुट बर्फ की चादर बिछ गई थी। इस बीच श्रीनगर के जिग इलाके में बर्फीला तूफान आया, लेकिन जल्दी थम जाने से कोई नुकसान नहीं हुआ।
आपदा प्रबंधन विभाग ने हिमस्खलन की आशंका जताते हुए विशेषकर पर्वतीय इलाकों में रहने वाले लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी है। विभाग के संचालक आमिर अली ने कहा कि हिमस्खलन का सबसे ज्यादा खतरा टंगडार, मछेल, केरन, करनाह, गुलमर्ग व बनिहाल में है।
उधर, जम्मू में भी दिनभर बादल छाए रहे और रुक-रुक कर बारिश होती रही। जम्मू का अधिकतम तापमान 17.3 तथा न्यूनतम तापमान 8.3 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। बर्फ के योद्धा कहलाने वाले सेना के लद्दाख स्काउट्स ने बर्फ में तबदील हुई जंस्कार नदी के मार्ग से एक सप्ताह में पदम पहुंच कर उन दिनों की याद दिलाई जब लोग इसी मार्ग से होकर लेह तक पहुंचते थे। जंस्कार नदी हिमाचल प्रदेश के सारचु इलाके में ब्रांडी नाला से शुरू होती है। लद्दाख के नीमू इलाके में यह नदी सिंधु नदी में मिल जाती है। सेना में साहसिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए 14 कोर के चीफ ऑफ स्टाफ मेजर जनरल एके सीवच ने छह फरवरी को इस दल को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था।
लखनऊ साई ब्यूरो दीपांकर श्रीवास्तव ने बताया कि गाजीपुर में आज सुबह से छायी बदली के बाद दोपहर में जिले के कई क्षेत्रों में बारिश होने के साथ ही ओले पड़ने के बाद तापमान के अचानक नीचे चले जाने और शीतलहर चलने के कारण ठंड काफी बढ़ गई है, जिसके चलते वहां जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। बदले हुए मौसम की वजह से लोग एकबार फिर गर्म कपड़े निकाल कर उनका सदुपयोग करने लगे है।
गोरखपुर से साई ब्यूरो रश्मि कुलश्रेष्ठ ने बताया कि वहां मौसम विभाग ने अगले चोबीस घंटों में कुछ हिस्सों में गरज के साथ छीटे पड़ने और ओले गिरने की संभावनाएं जताई हैं। इसी बीच देश के पहाड़ी इलाकों में बर्फ गिरने और बारिश होने से अधिकांश भाग में शीतलहर का प्रकोप तेज हो गया है।
ईटानगर से साई ब्यूरो ने बताया कि अरूणाचल प्रदेश में आंशिक तौर पर बादल छाए रहे। कोहरा भी आधिक्य में होने से आवागमन काफी हद तक प्रभावित ही रहा। राजधानी ईटानगर में अधिकतम तापमान 25.6 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 9.2 डिग्री दर्ज किया गया।
जयपुर से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो शैलेन्द्र ने खबर दी है कि प्रदेश में ज्यादातर स्थानों पर रात के तापमान में बढ़ोतरी से लोगों को सर्दी से काफी राहत मिली है। आज सबसे कम साढ़े चार डिग्री सेल्सियस तापमान पाली ज़िले के एरनपुरा रोड़ में रिकॉर्ड किया गया। सीकर में रात का तापमान 4 दशमलव 8 डिग्री सेल्सियस रहा। माउण्ट आबू में न्यूनतम तापमान कल के मुकाबले ढ़ाई डिग्री बढ़कर साढ़े सात डिग्री सेल्सियस हो गया।
इसके अलावा श्रीगंगानगर और जैसलमेर में आठ, फलौदी, डबोक, पिलानी और वनस्थली में साढ़े आठ, चूरू में साढ़े नौ डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान रिकॉर्ड किया गया। प्रदेश के अन्य स्थानों पर न्यूनतम तापमान 10 डिग्री या इससे ऊपर हो गया है। हमारे झुंझुनू संवाददाता ने बताया कि पिछले दिनों पड़ी कड़ाके की सर्दी और पाले के कारण जिले में फसलों को नुकसान हुआ है। इसे देखते हुए किसानों ने सरकार से मुआवजे की मांग की है। जालौर जिले में भी पाले से फसलों को हुए नुकसान को देखते हुए किसान संघर्ष समिति ने जिले के प्रभारी मंत्री को किसानों को उचित मुआवजा देने की मांग करते हुए ज्ञापन दिया है। जिले में पाले से सरसों, जीरा और अरण्डी की फसल को काफी नुकसान हुआ है। उधर बीकानेर से हमारे संवाददाता ने बताया कि ज़िले में आज सुबह कोहरा और बादल होने से यातायात पर असर पड़ा।
पोर्ट ब्लेयर से साई ब्यूरो साक्षी शाह ने खबर दी है कि मौसम कार्यालय के अनुमान में बताया गया है कि अगले चौबीस घंटों के दौरान द्वीप समूह के अधिकांश इलाकों में आसमान में बादल छाए रहेंगे। पोर्ट ब्लेयर में आज का अधिकतम तापमान इकतीस दशमलव नौ डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान चौबीस दशमलव आठ डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।

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