गुरुवार, 19 अप्रैल 2012

अटल जी राजधर्म सिखाते रहे, नरेन्द्र मोदी बेशर्म होकर मुस्कुराते रहे


अटल जी राजधर्म सिखाते रहे, नरेन्द्र मोदी बेशर्म होकर मुस्कुराते रहे
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अंग्रेजी मुखपत्र आर्गेनाइजर ने अटल जी के राजधर्म की याद एक बार फिर करा दी है. नरेन्द्र मोदी की प्रशंसा में लिखे गये संपादकीय में आर्गेनाइजर ने लिखा है कि नरेन्द्र मोदी गुजरात में राजधर्म का ही पालन कर रहे हैं. आर्गेनाइजर की इस पहल से पूरी गुजरात सरकार हरकत में आ गई और उसने वह विडियो फुटेज खोज निकाला है जिसमें वाजपेयी जी अहमदाबाद में नरेनद्र मोदी को राजधर्म सिखाते नजर आ रहे हैं. लेकिन आश्चर्य देखिए कि वाजपेयी जी नरेन्द्र मोदी को राजधर्म सिखाते रहे और नरेन्द्र मोदी बेशर्म होकर मुस्कुराते रहे. आखिर में वाजपेयी जी अपनी बात अधूरी छोड़कर उठ खड़े होते हैं.
हालांकि यह विडियो नरेन्द्र मोदी की तारीफ के लिए जारी किया गया है लेकिन यही वीडियो नरेन्द्र मोदी की पोल भी खोलता है. 17 अप्रैल 2012 को इसे यूट्यूब पर लोड किया गया है जिसमें एक महिला पत्रकार अटल जी से सवाल करती है कि आपकी इस यात्रा में चीफ मिनिस्टर साहब के लिए भी कोई मैसेज है? इसी के जवाब में अटल जी का वह ऐतिहासिक बयान है जिसका उल्लेख आज तक किया जाता है. जिस वक्त अटल जी नरेन्द्र मोदी को राजधर्म का पाठ सिखा रहे थे उस वक्त नरेन्द्र मोदी ठीक बगल में बैठे थे लेकिन वे अटल जी की बात पर बड़ी बेशर्मी से मुस्कुराते रहे और अटल जी धीरे से कहा भी हम भी तो वही कर रहे हैं.
महिला पत्रकार द्वारा पूछे गये सवाल के जवाब में अटल जी कहते हैं ष्चीफ मिनिस्टर के लिए मेरा एक ही संदेश है कि वे राजधर्म का पालन करें. राजधर्म. ये शब्द काफी सार्थक है. मैं उसी का पालन कर रहा हूं. पालन करने का प्रयास कर रहा हूं. राजा के लिए शासक के लिए प्रजा प्रजा में भेद नहीं हो सकता. न जन्म के आधार पर, न जाति के आधार पर और न संप्रदाय के आधार पर.ष्
इतने पर नरेन्द्र मोदी कुटिल मुस्कान के साथ अटल जी को टोंक देते हैं कि ष्हम भी यही कर रहे हैं साहबष्. जिसके जवाब में अटल बिहारी वाजपेयी कहते हैं कि ष्मुझे विश्वास है कि नरेन्द्र भाई यही कर रहे हैं.ष् लेकिन नरेन्द्र मोदी की यह टोंकाटोंकी अटल जी को अच्छी नहीं लगी और अपनी बात अधूरी छोड़कर उठ खड़े हुए.
(विस्फोट न्यूज नेटवर्क)

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