रविवार, 17 जून 2012

शिव के राज में अन्न की बर्बादी!


शिव के राज में अन्न की बर्बादी!

(संतोष पारदसानी)

भोपाल (साई)। भले ही राज्य की शिवराज सिंह सरकार मध्य प्रदेश के जनसंपर्क महकमे के जरिए जनता के गाढ़े पसीने की कमाई से संचित राजस्व को दोनों हाथों से लुटाकर विज्ञापनों के माध्यम से गेंहू खरीदी के दावे करे किन्तु जमीनी सच्चाई यह है कि रखरखाव के अभाव में खरीदा गया गेंहू बर्बाद हो रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार शाजापुर जिले में समर्थन मूल्य पर खरीदे गए 24 लाख 80 हजार क्विंटल गेहूं में से लाखों रुपए का गेहूं जिम्मेदारों की अनदेखी की भेंट चढ़ गया। परिवहन के अभाव में सिर्फ शाजापुर मंडी में ही 5 हजार क्विंटल गेहूं की बोरियों में बारिश के पानी के कारण फफूंद लगकर डले बन गए।
प्रत्यक्षदर्शियों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के शाजापुर संवाददाता को बताया कि मंडी में करीब 5 लाख क्विंटल गेहूं की खरीदी हुई लेकिन समय पर भंडारण नहीं हो सका। इस कारण मंडी में रखा शाजापुर व पतोली सोसायटी का 5 हजार क्विंटल गेहूं बारिश का पानी लगने से खराब हो गया। जिसकी कीमत समर्थन मूल्य के मान से 69 लाख 25 हजार रुपए है। संबंधितों ने करीब 300 बोरी गेहूं परिसर में बह जाने की बात भी कही है, जिसकी कीमत 4 लाख 15 हजार के करीब है।
उधर नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंधक हेमंत तलेगांवकर का कहना है कि कुछ गेहूं खराब हुआ है जिसे सोसायटी को वापस कर दिया गया है, क्योंकि खरीदी के साथ उसे सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी भी उन्हीं की है। गेहूं कितना खराब हुआ है। इसके लिए जल्द ही पंचनामा बनवाकर रिपोर्ट प्रशासन को भेजी जाएगी।
उधर, इटारसी में भी 20 ट्रक अनाज के सड़ने की खबर है। समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के होशंगाबाद ब्यूरो विवेक गौर न ेबताया कि इटारसी में समर्थन मूल्य पर सोसायटियों द्वारा खरीदा गया अनाज भीग गया है। पिछले तीन दिनों में करीब 20 ट्रक अनाज वेयरहाउस कापरेरेशन ने रिजेक्ट कर लेने से इनकार कर दिया।
ऐसे में खराब हुए अनाज की रिकवरी की चिंता ने समिति प्रबंधकों को परेशानी में डाल दिया है। आनन-फानन में समिति प्रबंधन अनाज को सुखाने और साफ करने में जुट गया है। कृषि उपज मंडी में लगभग 13 हजार क्विंटल अनाज परिवहन के लिए शेष बचा है। मप्र वेयरहाउस लॉजिस्टिक्स कापरेरेशन के प्रबंधक जीके गौतम का कहना है कि गीला गेहूं गोदाम में रखे अनाज को भी सड़ा देगा। इसी वजह से रिजेक्ट किया जा रहा है।
इधर तीन दिन पहले हुई बारिश में भी गेहूं के बोरे भीग गए थे। यह अनाज वेयरहाउस कारपोरेशन ने लेने से इंकार कर दिया है। कृषि मंडी से अनाज लादकर वेयरहाउस जा रहे ट्रकों में गेहूं की जांच पहले मंडी परिसर के धर्मकांटे में हो रही है, इसके बाद वेयरहाउस में एक-एक बैग जांचा जा रहा है। बरसात से प्रभावित अनाज के अलावा मिट्टी अधिक मिलने पर भी गेहूं रिजेक्ट किया जा रहा है। रैसलपुर सोसायटी के प्रबंधक किशोर चौधरी ने बताया गेहूं सुखाकर फिर से भेजेंगे।
शिव के राज में अन्न की बर्बादी!
(संतोष पारदसानी)
भोपाल (साई)। भले ही राज्य की शिवराज सिंह सरकार मध्य प्रदेश के जनसंपर्क महकमे के जरिए जनता के गाढ़े पसीने की कमाई से संचित राजस्व को दोनों हाथों से लुटाकर विज्ञापनों के माध्यम से गेंहू खरीदी के दावे करे किन्तु जमीनी सच्चाई यह है कि रखरखाव के अभाव में खरीदा गया गेंहू बर्बाद हो रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार शाजापुर जिले में समर्थन मूल्य पर खरीदे गए 24 लाख 80 हजार क्विंटल गेहूं में से लाखों रुपए का गेहूं जिम्मेदारों की अनदेखी की भेंट चढ़ गया। परिवहन के अभाव में सिर्फ शाजापुर मंडी में ही 5 हजार क्विंटल गेहूं की बोरियों में बारिश के पानी के कारण फफूंद लगकर डले बन गए।
प्रत्यक्षदर्शियों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के शाजापुर संवाददाता को बताया कि मंडी में करीब 5 लाख क्विंटल गेहूं की खरीदी हुई लेकिन समय पर भंडारण नहीं हो सका। इस कारण मंडी में रखा शाजापुर व पतोली सोसायटी का 5 हजार क्विंटल गेहूं बारिश का पानी लगने से खराब हो गया। जिसकी कीमत समर्थन मूल्य के मान से 69 लाख 25 हजार रुपए है। संबंधितों ने करीब 300 बोरी गेहूं परिसर में बह जाने की बात भी कही है, जिसकी कीमत 4 लाख 15 हजार के करीब है।
उधर नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंधक हेमंत तलेगांवकर का कहना है कि कुछ गेहूं खराब हुआ है जिसे सोसायटी को वापस कर दिया गया है, क्योंकि खरीदी के साथ उसे सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी भी उन्हीं की है। गेहूं कितना खराब हुआ है। इसके लिए जल्द ही पंचनामा बनवाकर रिपोर्ट प्रशासन को भेजी जाएगी।
उधर, इटारसी में भी 20 ट्रक अनाज के सड़ने की खबर है। समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के होशंगाबाद ब्यूरो विवेक गौर न ेबताया कि इटारसी में समर्थन मूल्य पर सोसायटियों द्वारा खरीदा गया अनाज भीग गया है। पिछले तीन दिनों में करीब 20 ट्रक अनाज वेयरहाउस कापरेरेशन ने रिजेक्ट कर लेने से इनकार कर दिया।
ऐसे में खराब हुए अनाज की रिकवरी की चिंता ने समिति प्रबंधकों को परेशानी में डाल दिया है। आनन-फानन में समिति प्रबंधन अनाज को सुखाने और साफ करने में जुट गया है। कृषि उपज मंडी में लगभग 13 हजार क्विंटल अनाज परिवहन के लिए शेष बचा है। मप्र वेयरहाउस लॉजिस्टिक्स कापरेरेशन के प्रबंधक जीके गौतम का कहना है कि गीला गेहूं गोदाम में रखे अनाज को भी सड़ा देगा। इसी वजह से रिजेक्ट किया जा रहा है।
इधर तीन दिन पहले हुई बारिश में भी गेहूं के बोरे भीग गए थे। यह अनाज वेयरहाउस कारपोरेशन ने लेने से इंकार कर दिया है। कृषि मंडी से अनाज लादकर वेयरहाउस जा रहे ट्रकों में गेहूं की जांच पहले मंडी परिसर के धर्मकांटे में हो रही है, इसके बाद वेयरहाउस में एक-एक बैग जांचा जा रहा है। बरसात से प्रभावित अनाज के अलावा मिट्टी अधिक मिलने पर भी गेहूं रिजेक्ट किया जा रहा है। रैसलपुर सोसायटी के प्रबंधक किशोर चौधरी ने बताया गेहूं सुखाकर फिर से भेजेंगे।

कोई टिप्पणी नहीं: