रविवार, 17 जून 2012

कहीं तपन तो कहीं बाढ़ का कहर!


कहीं तपन तो कहीं बाढ़ का कहर!

(महेश रावलानी)

नई दिल्ली (साई)। देश में मानसून की दस्तक के साथ ही मौसम में बदलाव तेजी से देखा जा रहा है। कहीं सूरज की तपन झुलसा रही है तो कहीं बूंदाबांदी के बाद उमस ने लोगों का जीना मुहाल कर रखा है। पूर्वोत्तर में बाढ़ के कारण हालात चिंता जनक बताए जा रहे हैं।
गुवहाटी से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया की ब्यूरो गायत्री बरूआ ने बताया कि असम के धेमाजी, बारपेटा, उदलगुड़ी और नलबाड़ी समेत सात जिलों में बाढ़ की स्थिति चिंताजनक है। बाढ़ से १०० गांवों के ५० हजार से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। ६०० हैक्टेयर से अधिक जमीन पर फसलों को नुकसान पहुंचा है। बाढ़ के अलावा भूमि कटाव से भी कुछ इलाकों में काफी नुकसान हुआ है। हमारे संवाददाता ने बताया कि असम सरकार ने बाढ़ पीड़ित जिलों में राहत और बचाव के कदम उठाए हैं।
सरकारी सूत्रों ने साई को बताया कि असम सरकार ने बाढ़ प्रभावित जिले में आपदा कार्रवाई बलों को सतर्क रहने को कहा है। जिला प्रशासन ने उदलगुड़ी जिले में चार और नलबाड़ी कल दो अस्थाई राहत शिविरों की स्थापना की है। धेमाजी जिले में राहत और बचाव के लिए नाव सेवाएं उपलब्घ किए गए हैं। बारपेटा जिले में कालद्या नदी के कई जगहों पर तटबंध टूटने से कई गांव बाढ़ की चपेट में है। पाठशालां में शिविर अस्पताल, शहर में बढ़ते जल स्तर के कारण खाली किए गए हैं। केन्द्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक कामरूप जिले में बुच्चीबाड़ी नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।
उधर, अगरतला से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया ब्यूरो से दीपमाला दत्ता ने बताया कि त्रिपुरा के दो जिलों के निचले इलाकों में पिछले २४ घंटों से जारी बारिश से बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। अगरतला में जारी सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार ढलाई जिले के कमालपुर सबडिविजन और खोवाई जिले के खोवाई सबडिवीजन के निचले इलाकों में लगातार बारिश से बाढ़ आने की खबर है। दोनों जिलों में कुल १३६ परिवारों पर बाढ़ का असर पड़ा है। प्रशासन ने अब तक छह राहत शिविर खोले हैं।
देश के हृदय प्रदेश में भी गर्मी उमस और बारिश का मौसम देखा जा रहा है। भोपाल से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया ब्यूरो से नंद किशोर ने बताया कि मध्य प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश और बूंदाबांदी का दौर जारी है और आगे भी ऐसी ही संभावना बनी हुई है। इसके बावजूद लोगों को गर्मी और उमस से राहत नहीं मिल रही है।
राज्य में सबसे गर्म सीधी, खजुराहो व दतिया रहे, जहां शुक्रवार को तापमान 45 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग के मुताबिक पिछले 24 घंटों के दौरान भोपाल सहित अन्य स्थानों पर बारिश हुई है, इसके चलते अधिकतम तापमान में गिरावट भी आई है, लू का असर कम हुआ है, लेकिन तीखी धूप के कारण गर्मी का असर बना हुआ है और उमस बेचौन कर देने वाली है।
राज्य में जारी तापमान के उतार-चढ़ाव के चलते राजधानी भोपाल का अधिकतम तापमान 38.6 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 26.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। राज्य के अधिकांश हिस्सों में अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना हुआ है।
मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि राज्य के कई हिस्सों में अगले 24 घंटों में बारिश हो सकती है जिससे तापमान में और भी कमी आ सकती है। उधर सतपुड़ा और महाकौशल अंचल से तेज बारिश होने की खबर भी मिली है। कहा जा रहा है कि महाकौशल में बारिश से तापमान में कमी दर्ज की गई है, किन्तु तेज धूप के चलते उमस ने लोगों को बेहाल कर दिया है।
पटना से समाचार एजेंसी ऑफ इडिया, साई के ब्यूरो से प्रतिभा सिंह ने बताया कि बिहार में तापमान बढ़ने का सिलसिला लगातार जारी है, इस कारण गर्मी से लोग बेहाल हैं। गया का शुक्रवार सुबह का तापमान ही 33 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया है जबकि गुरूवार को राजधानी पटना अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा दर्ज किया गया।
पटना मौसम विज्ञान केन्द्र के मुताबिक सुबह गया का तापमान 33.7 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया जबकि पटना का 30 डिग्री, भागलपुर का 29.6 डिग्री तथा पूर्णिया का सुबह का तापमान 28.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इधर, राज्य में गुरूवार को गया सबसे ज्यादा गर्म रहा जहां का अधिकतम तापमान 456 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जबकि पटना का अधिकतम तापमान भी 45.5 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया।
मौसमविदों के मुताबिक अभी 48 घंटे के दौरान बिहार में बारिश की कोई संभावना नजर नहीं आ रही है। बिहार के कुछ हिस्सों में प्री मानसून की बारिश आ भी गई तब भी लोगों को गर्मी से राहत मिलने की संभावना नहीं है। गर्मी से बेहाल लोग अब मानसून का इंतजार कर रहे हैं।

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