रविवार, 15 जुलाई 2012

तोड़ दी प्रथम नागरिक की इज्जत की वर्जनाएं!


खण्डित हो गई है राष्ट्रपति भवन की गरिमा! . . . 7

तोड़ दी प्रथम नागरिक की इज्जत की वर्जनाएं!

(शरद खरे)

नई दिल्ली (साई)। श्रीमति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल के कार्यकाल में देश के पहले नागरिक अर्थात महामहिम राष्ट्रपति के पद की गरिमा तार तार हो गई। महामहिम के कुछ चित्र जो सोशल नेटवर्किंग वेब साईट पर सरेआम धड़ल्ले से शेयर हो रहे हैं, उन्हें भारत गणराज्य की जनता के साथ ही साथ सारा देश देख रहा है। इससे भारत की इज्जत पर बट्टा लग रहा है।
पिछले दिनों सोशल नेटवर्किंग वेब साईट पर देश की पहली महामहिम राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल के एक साक्षात्कार का चित्र डाला गया था। इस चित्र को देखकर प्रथम दृष्टया ही यह माना जा सकता है कि यह बेहद आपत्तिजनक और महामहिम राष्ट्रपति की गरिमा के प्रतिकूल है। सत्ता के मद में चूर सरकार में जनसेवक और नौकरशाहों को इस बात की कोई परवाह ही नजर नहीं आई।
इस चित्र में महामहिम का साक्षात्कार लेने कुछ लोग मौजूद हैं। इसमें महामहिम किसी प्रश्न का उत्तर देती दिखाई दे रही हैं। महामहिम की कुर्सी के ठीक बाजू में एक अन्य अधिकारी बैठे हुए हैं। महामहिम की कुर्सी के पीछे एक कोटधारी सज्जन दोनों हाथ मजे से टेककर इस तरह खड़े हैं मानो वे किसी मित्र की कुर्सी पर आराम से टिककर खड़े हैं।
चित्र में एक अन्य महिला ने तो गजब ही कर दिया। एक हाथ में डायरी लिए उक्त महिला का बायां हाथ महामहिम राष्ट्रपति की कुर्सी पर इस तरह रखा है मानो वे अपने किसी सगे संबंधी या मित्र के साथ खड़ी हों। चित्र में कुछ मीडिया कर्मी हाथ में डायरी लिए लिखते भी दिखाए गए हैं।
हो सकता है कि यह चित्र टीवी के साक्षात्कार का हो जिसमें महामहिम राष्ट्रपति के बतौर प्रतिभा पाटिल का सिर्फ चेहरा ही दिखाई पड़ रहा हो। अमूमन महामहिम राष्ट्रपति के बैठने के लिए सदा ही तीन शेर के प्रतीक चिन्ह से युक्त कुर्सी ही रखी जाती है, पर इसमें एक सादी कुर्सी पर ही प्रतिभा पाटिल को बैठा दिखाया गया है।
यह चित्र वास्तविक है या बनाया गया यह तो बनाने या फेसबुक पर डालने वाला ही जाने किन्तु इस चित्र से भारत गणराज्य के महामहिम राष्ट्रपति के पद की गरिमा को बहुत ज्यादा ठेस लगी है। यह हर दृष्टिकोण से भारत गणराज्य के महामहिम राष्ट्रपति की गरिमा के प्रतिकूल ही माना जाएगा। बावजूद इसके महामहिम राष्ट्रपति के कार्यालय और केंद्र सरकार के आईटी मंत्रालय की चुप्पी आश्चर्य जनक ही मानी जा रही है।

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