रविवार, 15 जुलाई 2012

बारिश की फुहारों ने बनाया सप्ताहांत को खुशनुमा


बारिश की फुहारों ने बनाया सप्ताहांत को खुशनुमा

(प्रियंका श्रीवास्तव)

नई दिल्ली (साई)। उत्तर भारत में हल्की बारिश और हवाओं के कारण मौसम खुशनुमा बना रहा। सप्ताहांत दिल्ली वासियों के लिए काफी अच्छा रहा । यहां अधिकतम और न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री कम क्रमशरू 33 डिग्री सेल्सियस और 25.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किए गए। राजधानी दिल्ली में मानसून का आगमत पिछले सप्ताह ही हुआ है। हालांकि मौसम विभाग के अनुसार मानसून आने वाले कुछ दिनों में अवकाश लेने वाला है।
पंजाब और हरियाणा में भी अधिकतम तापमान सामान्य से कम रहा लेकिन आद्रता ज्यादा होने के कारण लोगों की गर्मी से ज्यादा राहत नहीं मिली। मौसम विभाग के अनुसार, चंडीगढ़ का अधिकतम तापमान सामान्य से दो डिग्री कम 32.5 डिग्री सेल्सियस रहा। हरियाणा के हिसार में अधिकतम तापमान सामान्य से पांच डिग्री कम 33 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। राजस्थान के जयपुर, बीकानेर और कोटा के कुछ इलाकों में कल से हल्की वष्रा हो रही है जिस कारण मौसम अच्छा बना हुआ है।
शुक्रवार शाम को हुई झमाझम बारिश से मौसम अच्छा हो गया। मौसम विभाग के अनुसार शनिवार को दिन में एक-दो बार बारिश के दौर और कुछ क्षेत्रों में भारी बारिश हो सकती है। दिल्ली में सबसे अच्छी बारिश पूर्वी दिल्ली में दर्ज की गई है। सबसे खराब स्थिति पश्चिम दिल्ली की है। यहां औसत से 92 फीसदी बारिश कम हुई है। बारिश का सबसे खराब असर सब्जियों पर हुआ है। टमाटर की कीमत ऐसी बढ़ी है कि ये किचन से गायब होने की स्थिति में पहुंच गया है। 20 रुपये किलो बिक रहा टमाटर एक सप्ताह में साठ रुपये तक पहुंच गया है।
दिल्ली में मदर डेयरी और सफल के आउटलेट पर एक हफ्ते पहले 25-30 रुपये किलो मिल रहा टमाटर अब 58 से 60 रुपये में मिल रहा है। टमाटर ही नहीं दूसरी सब्जियों का हाल भी बुरा है। होलसेल में गोभी के दाम 15-20 से उछलकर 30-35 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गए हैं। इसी तरह मटर 15-25 रुपये से बढ़कर 40-45 रुपये पर पहुंच गया है।
माना जा रहा है कि जून माह के दौरान पड़ी भयंकर गरमी के कारण ही सब्जियों की पैदावार पर असर पड़ा है। सब्जियों के लिए -30 डिग्री तक तापमान सही है, लेकिन इस बार जून में तापमान लगातार 40 से 46 डिग्री के बीच में रहा। नतीजतन टमाटर, बेल वाली सब्जियां, बैंगन इत्यादि की पैदावार पर असर पड़ा। दिल्ली के करीब गाजियाबाद और नोएडा में यह हाल है कि मंडियों में ही टमाटर पचास रुपये किलो बिक रहा है। सिर्फ करेला ही सस्ता है। वह 25 रुपये किलो मिल रहा है। बैगन 20 रुपये किलो मिल रहा है। गोभी और शिमला मिर्च में भी आग लग गई है।
उत्तर प्रदेश से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो दीपांकर श्रीवास्तव ने बताया कि लंबे इंतजार के बाद यूपी में मानसून ऐसा सक्रिय हुआ कि बारिश रूकने का नाम ही नहीं ले रही है। प्रदेश में पिछले चौबीस घंटे में लखनऊ समेत राज्य में अधिकांश स्थानों पर बारिश के चलते जहां लोगों जलभराव की समस्या से जूझते रहे वहीं मकान गिरने से एक महिला की मौत हो गयी।
प्रदेश में कभी रूक-रूक कर तो कभी तेज बारिश के चलते जलभराव की स्थिति बनी हुई है। लखनऊ के निगोहा इलाके में बारिश के दौरान एक मकान गिरने से एक महिला की मृत्यु हो गयी जबकि उसकी बहू गंभीर रूप से घायल हो गयी। वहीं अनेक स्थानों पर प्रमुख नदियों का जलस्तर भी चढऩे लगा है।
मौसम विभाग के अनुसार, बीते 24 घंटों के दौरान प्रदेश में व्यापक तथा पूर्वी अंचल में भारी वर्षा हुई है। इस दौरान सर्वाधिक वर्षा सिद्वार्थनगर जिले के बांसी में 210 मिलीमीटर पर दर्ज की गई है, जबकि ककरही में 170, भिंगा में 150, बलरामपुर में 140, तुर्तीपार में 130, अयोध्या में 120, बहराइच में 110 तथा कानपुर में 100 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है।
पश्चिमी अंचल को छोड़कर मानसून पूरे प्रदेश में सक्रिय है और बीते 24 घंटों के दौरान बलिया तथा गोरखपुर में 70-70 मिलीमीटर और लखनऊ, शारदानगर और पलियाकला में 60 मिलीमीटर वर्षा हुई है। केन्द्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, बीते दो दिनों के दौरान हुई व्यापक वर्षा से गंगा नदी का जल स्तर कानपुर, मिर्जापुर, वाराणसी, गाजीपुर और बलिया में ऊफान पर है, जबकि बरेली और शाहजहांपुर में रामगंगा, बांदा में यमुना तथा लखनऊ, सीतापुर तथा सुल्तानपुर में गोमती नदी बढ़ रही है।
रिपोर्ट के मुताबिक, घाघरा का जल स्तर बलिया और फैजाबाद में चढ रहा है, जबकि राप्ती नदी बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर और गोरखपुर में बढ़ रहा है। मौसम विज्ञानियों ने आगामी 24 घंटों के दौरान भी मानसून की सक्रियता बने रहने तथा प्रदेश के बड़े इलाके में व्यापक वर्षा की संभावना व्यक्त की है। बारिश के कारण सैकड़ों बीघा कृषि भूमि जलमग्न हो गयी है। मौसम विभाग ने अगले 36 घंटों में तेज बारिश होने की चेतावनी दी है।
उधर उन्नाव में शनिवार को हुई झमाझम बारिश ने जल निकासी व्यवस्था के प्रति लापरवाही बरते जाने की पोल खोल दी। जहां राजधानी मार्ग समेत ज्यादातर सड़कें जलभराव से लबालब हो गईं, वहीं तमाम गलियां पानी में डूबी हुई नजर आईं। दर्जनों इलाके जलभराव के कारण टापू बन गए। नगरवासियों को आवागमन में घोर दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
जलभराव के कारण जहां राजधानी मार्ग पर कई दर्जन दोपहिया और चौपहिया वाहनों के साइलेंसरों में पानी चला जाने के कारण वह खराब हो गए। वहीं जलभराव से बचाव करने के खातिर फुटपाथों से होकर निकलने वाले लोग कीचड़ और फिसलन के कारण रपटकर जमीन पर भी गिरे जिससे उनके वस्त्र आदि खराब हो गए। गलियों में जलभराव के कारण आवागमन लगभग न के बराबर ही रहा। घंटों बाद जब गलियों में भरा पानी किसी तरह निकल सका तब कहीं जाकर लोग आवाजाही कर सके।
बरसात का आलम यह रहा कि लगभग दर्जनों निचले इलाके टापू की शक्ल में तब्दील हो गए। निचले इलाकों के बाशिंदों को सबसे ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ा। पोनी रोड, बिंदा नगर, गांधी नगर, सर्वाेदय नगर, कंचन नगर, नाथूखेड़ा, मंशाखेड़ा, डाकतार कालोनी, ब्रह्म नगर, श्रीनगर, अहमद नगर, रहमत नगर, गायत्री नगर, भातूफार्म, मनोहर नगर, चंपापुरवा, सीताराम कालोनी, बालूघाट, हुसैन नगर, करबला, तेजीपुरवा, पसियाना आदि इलाकों में बारिश का पानी भरा रहा।
राजस्थान का भी कमोबेश यही आलम है। जयपुर से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो शैलेन्द्र ने खबर दी है कि सूबे में बारिश काफी अच्छी साबित हो रही है। फसलों के लिए बारिश जहां किसी वरदान से कम साबित नहीं हो रही। वहीं वार्ड एक की ढाणी सिक्खान में लबालब पानी भर गया। बारिश का पानी इस कदर है कि कई आशियानों के चबूतरे पानी से भरे हुए है। पिछले दो दिनों से हो रही बारिश से वार्ड के अधिकांश घरों में पानी घुस गया।
हकीकत यह है कि पानी घर के आंगन में जोहड़ का रूप ले लिया है। ढाणी में नालियां नहीं बनने के कारण यहां का पानी निकास नहीं हो पाता और नतीजतन सड़कें ओवरफ्लो हो जाती, जिससे वह पानी घरों और प्लाटों में घुस जाता है। शहर में जहां सीमेंटेड सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है। वहीं ढाणी में नालियां तक नहीं बनाई जा रही। वार्डवासियों ने बताया कि पानी भरने के कारण लोगों का घरों से निकला बंद हो गया है। पानी निकालने के लिए वे दो दिनों से एसडीएम, पालिकाध्यक्ष व अधिशासी अधिकारी से गुहार कर चुके हैं, लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं है।
उधर पंजाब से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो विक्की आनंद ने चंडीगढ़ से बताया कि सूबे के बठिंडा में शनिवार को हुई हल्की बारिश से लोगों को भारी राहत मिली। बारिश से एक बार फिर गर्मी धुल गई और लोगों ने राहत की सांस ली। लेकिन कई जगह जलभराव होने से निगम के प्रबंधों की पोल खुल गई। नौहरिया स्ट्रीट और बख्शी अस्पताल वाली गली में जलभराव होने से लोगों को परेशानी से जूझते पाया गया।
हालांकि बारिश के बाद एक बार फिर शहर को मौसम खुशगवार हो गया बारिश के बाद पारे में भी गिरावट दर्ज की गई। शनिवार को शहर का अधिकतम तापमान 31.6 और न्यूनतम 23.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। 24 घंटे में कुल 17.8 एसएम बारिश दर्ज की गई है।
सरकार की तरह अब इंद्र देव की भी टेढ़ी नज़र आम आदमी की जेब पर है। पहले मॉनसून में देरी और उसके बाद उम्मीद के मुताबिक बादलों के ना बरसने से मंडियों में कीमतों की आग सुलग रही है। पिछले दो हफ्तों में रोज़मर्रा इस्तेमाल होने वाली सब्ज़ियों के दाम आसमान छूने लगे हैं। दिल्ली की आज़ादपुर मंडी टमाटर और आलू की आवक आधे से भी कम है।
गर्मी के चलते सब्जियों के सड़ने की रफ्तार भी तेज़ हो गई है। सब्जी के कारोबारियों के मुताबिक इस साल कर्नाटक, महाराष्ट्र और हिमाचल प्रदेश से कम सप्लाई आ रही है। मौसम विभाग के मुताबिक मॉनसून इस बार सामान्य से 23 फीसदी कम बरसा है। महाराष्ट्र और कर्नाटक में हालात ख़ास तौर पर गंभीर हैं।
विदेश में भी बारिश कहर ढा रही है। चीन में मूसलाधार बारिश से हुए भूस्खलन और बाढ़ के कारण दक्षिणी चीन के गुझाऊ प्रांत में कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई है और 980,000 लोगों के घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। यह जानकारी अधिकारियों ने दी है।
चीन की समाचार एजेंसी सिन्हुआके मुताबिक प्रशासन ने राहत कार्य शुरू कर दिया है और बेघर लोगों को जरूरी सामान, जैसे बिस्तर, चावल, तेल उपलब्ध कराए जा रहे हैं। आपदा प्रभावित इलाके से सैकड़ों निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। बारिश ने पूर्वी प्रांत अनहुई और मध्यवर्ती प्रांत हुनान में भी तबाही मचा रखी है।
अनहुई प्रांत के अग्निशमन विभाग ने कहा है कि अग्निशमन और पुलिस को असहाय निवासियों के बचाव के लिए नौकाओं का इस्तेमाल करना पड़ा है। भारी बारिश से हुए भूस्खलन में शनिवार को युएक्सी काउंटी के शालिंग गांव में बीस महीने के एक बच्चे की मौत हो गई और उसके माता-पिता घायल हो गए।
हुनान के बाढ़ नियंत्रण विभाग ने कहा कि 317,000 से ज्यादा लोगों को उनके घरों से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। मौसम विभाग के अधिकारियों के मुताबिक आने वाले दिनों में भारी बारिश से जियांगसु, हुबेई, हुनान, यांग्शी, सिचुआन, युनान, गुइझाऊ और शंघाई प्रांत में भारी बारिश का सिलसिला जारी रहेगा।

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