शुक्रवार, 31 अगस्त 2012

मुंबई हमले के अरोपियों पर पाक करे कार्यवाही: मनमोहन


मुंबई हमले के अरोपियों पर पाक करे कार्यवाही: मनमोहन

(साई इंटरनेशनल डेस्क)

नई दिल्ली (साई)। प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी से कहा है कि २६ नवम्बर, २००८ के मुंबई हमलों के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ पाकिस्तान की त्वरित कार्रवाई, दोनों पड़ोसी देशों के बीच भरोसा पैदा करने की दिशा में एक बड़ा कदम होगी।
प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह ने तेहरान में कल गुटनिरपेक्ष सम्मेलन से अलग पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के साथ मुलाकात में यह बात कही। बैठक के बाद विदेश सचिव रंजन मथाई ने संवाददाताओं को बताया कि डॉक्टर मनमोहन सिंह ने श्री जरदारी से कहा कि पाकिस्तान के साथ शांतिपूर्ण संबंध कदम दर कदम आगे बढ़ने चाहिए।
प्रधानमंत्री ने आतंकवाद से संबंधित चिंताओं को रेखांकित किया और उन्होंने मुम्बई हमलों में शामिल लोगों पर पाकिस्तान में चल रहे मुकदमे के जल्द और सफलतापूर्वक निपटान पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस क्षेत्र में कार्रवाई करने से दोनों देशों के बीच विश्वास बढ़ेगा। पाकिस्तान के राष्ट्रपति ने मुंबई हमलों के दोषियों को सजा दिलाने की उनके देश की प्रतिबद्धता दोहराई।
उधर, श्री जरदारी ने कहा कि आतंकवाद शांति और सुरक्षा के लिये खतरा है। दोनों नेताओं का कहना है कि एक सप्ताह बाद होने वाली दोनों देशों के विदेश मंत्रियों बैठक भविष्य की रूपरेखा तैयार करेगी। विदेश सचिव रंजन मथाई ने कहा कि श्री जरदारी ने डॉक्टर मनमोहन सिंह को पाकिस्तान आने का निमंत्रण दिया है और वे उचित समय पर वहां जाएंगे। दोनों नेताओं की बैठक आधे घंटे से अधिक समय चली। श्री मथाई ने कहा कि सीमा शुल्क में सहयोग के मुद्दे पर दोनों देशों के वाणिज्य सचिवों की मुलाकात का भी फैसला किया गया।
भारत ने मुम्बई हमलों के मास्टरमांइड साजिद मीर और कश्का-ए-तैयबा के सात अन्य सदस्यों को आतंकवाद विरोधी प्रतिबंधों के दायरे में लाने के अमरीकी फैसले का स्वागत किया है। श्री मथाई ने कहा कि भारत इस कदम को आतंकवाद से निपटने की दिशा में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के रूप में देखता है।
पाकिस्तान की विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार, गृह मंत्री रहमान मलिक, पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो और भारत के विदेश मंत्री एस एम कृष्णा तथा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन भी इस बैठक में उपस्थित थे। प्रधानमंत्री चार दिन की ईरान यात्रा के बाद आज स्वदेश लौट रहे हैं। प्रधानमंत्री की यात्रा को कवर करने गए हमारे संवाददाता ने खबर दी है कि डॉ। सिंह ने आज के उभरते भू-राजनीतिक माहौल में गुट-निरपेक्ष आंदोलन की प्रासांगिकता को रेखांकित किया।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री के तेहरान दौरे का एक अहम पहलू रहा उनकी पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी से मुलाकात। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करजई से मुलाकात में उन्होंने कहा कि भारत अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता बनाए रखने में हमेशा साथ रहेगा। डॉक्टर सिंह ने शिखर सम्मेलन के दौरान सदस्य देशों की सीरिया के मामले पर रूख कायम करने और संयुक्त राष्ट्र में सुधार जैसे मुद्दों पर जोर डालने की बात की। वे ईरान और बांग्लादेश के शीर्ष नेताओं से भी मिले। प्रधानमंत्री का तेहरान दौरा दुनिया के नक्शे पर भारत के लिए पहचान को आगे बढ़ाने की दिशा में एक महत्वूर्ण कदम है।
इससे पहले, सम्मेलन को संबोधित करते हुए डॉक्टर मनमोहन सिंह ने अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद और व्यापक विनाश के हथियारों के प्रसार के खिलाफ विश्व स्तर पर कार्रवाई पर जोर दिया है। प्रधानमंत्री ने गुट निरपेक्ष आंदोलन के सदस्य देशों से सीरिया के बारे में मान्य सिद्धांतों के आधार पर अपना रूख तय करने को भी कहा। उन्होंने कहा कि मौजूदा चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए विश्व शासन के नए साधनों की जरूरत है।
उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और विश्व वित्तीय संस्थानों में सुधारों पर जोर दिया। डॉक्टर मनमोहन सिंह ने कहा कि इस आंदोलन को ऐसे प्रशासनिक ढांचे तैयार करने की पहल करनी चाहिए, जो सबका प्रतिनिधित्व करते हो, भरोसेमंद हों और कारगर हों। उन्होंने सदस्य देशों से अफ्रीका की प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में भारत के साथ मिलकर काम करने का आग्रह किया। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस सम्मेलन की चर्चा से इस ऐतिहासिक आंदोलन को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर उसका सही स्थान मिलने में मदद मिलेगी।

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