मंगलवार, 9 अक्तूबर 2012

56 पैसे सस्ता हुआ पेट्रोल, आधी रात से कीमतें लागू

56 पैसे सस्ता हुआ पेट्रोल, आधी रात से कीमतें लागू

(आकाश कुमार)

नई दिल्ली (साई)। पेट्रोल खरीदने वालों के लिए राहत की खबर है. तेल कंपनियों ने पेट्रोल के दाम 56  पैसे लीटर घटा दिए हैं. पेट्रोल की घटी हुई कीमतें आज रात बारह बजे से लागू हो जाएंगी. नई दरें लागू होने के बाद दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल 68 रुपये 46 पैसे की बजाए  67 रुपये 90 पैसे में मिलेगा.
मुंबई में एक लीटर पेट्रोल के लिए आपको अब 74 रुपये 43 पैसे चुकाने होगें. इसी तरह कोलकाता में अब एक लीटर पेट्रोल के लिए आपको 75 रुपये 44 पैसे देने होंगे. चेन्नई में भी पेट्रोल की कीमत अब 71 रूपये 48 पैसे प्रति लीटर हो जाएगी. तेल कंपनियों के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें कम होने और डॉलर के मुकाबले रुपये में आई तेजी की वजह से पेट्रोल सस्ता हुआ है.
इंडियन ऑयल कारपोरेशन (आईओसी) के एक बयान में कहा गया, कि पेट्रोल मूल्य में 56 पैसे नकारात्मक संशोधन (इसमें दिल्ली में राज्य सरकार द्वारा लगाया जाने वाला शुल्क शामिल नहीं है) करने का फैसला किया गया है, जो नौ अक्टूबर से लागू होगा. बयान के मुताबिक तेल की अंतर्राष्ट्रीय कीमत जस की तस है, लेकिन रुपये में डॉलर के मुकाबले मजबूती आई है. इसलिए पेट्रोल मूल्य में संशोधन का फैसला लिया गया.
आईओसी ने कहा, ‘अंतर्राष्ट्रीय तेल बाजार और मुद्रा विनिमय दर पर लगातार नजर रखी जाएगी और इसमें होने वाला कोई बदलाव भविष्य में पेट्रोल की कीमत में दिखाई पड़ेगा.
उधर, वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि रसोई गैस की कीमतों पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है और इसकी कीमतें गैस कंपनियां ही तय करती हैं। हालांकि कुछ वस्तुओं पर सब्सिडी पूरी तरह समाप्त नहीं की जा सकती है। पी चिदंबरम ने पत्र सूचना कार्यालय द्वारा आयोजित वार्षिक आर्थिक संपादक सम्मेलन के उद्घाटन के दौरान ये बातें कहीं।
वित्त मंत्री ने कहा कि सब्सिडी जितनी अधिक बढ़ेगी, महंगाई और वित्तीय घाटा भी उतना अधिक बढे़गा। लेकिन कुछ क्षेत्रों जैसे खाद्य, उर्वरक और कुछ पेट्रोलियम उत्पादों पर सब्सिडी पूरी तरह से समाप्त नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में अभी 800 रूपए की कीमत वाला रसोई गैस सिलेंडर लोगों को 400 रूपए में दिया जाता है और इसकी शेष राशि का भुगतान सरकार करती है।
उन्होंने कहा कि इन कीमतों से सरकार का कोई लेना देना नहीं है। ये कीमतें कई कारको पर निर्भर करती हैं, जिसमें परिवहन, पैकिंग, सिलेंडर की कीमत, डीलर कमीशन और गैस के मूल्य शामिल हैं। मालूम हो कि सरकार ने एक साल में रियायती रसोई गैस सिलेंडरों की संख्या छह तक सीमित कर दी है। इससे अधिक सिलेंडर बाजार मूल्य पर दिये जाएंगे।

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