बुधवार, 28 सितंबर 2011

हाईकोर्ट में मामला एनएचएआई अंजान


हाईकोर्ट में मामला एनएचएआई अंजान

हम वेतन नहीं लेते इसलिए जानकारी हेतु बाध्य नहीं: सिंघई

नई दिल्ली (ब्यूरो)। उत्तर दक्षिण फोरलेन गलियारे में सिवनी जिले की क्या स्थिति है, उच्च न्यायालय में अज्ञात लोगों के खिलाफ लूट का मामला एनएचएआई ने दाखिल कराया है या किसी अन्य ने इस बारे में एनएचएआई के परियोजना निदेशक और पूर्व में सिंचाई विभाग में पदस्थ रहे एस.के.सिंघई को कुछ भी जानकारी नहीं है। दिल्ली प्रवास पर आए सिंघई ने दूरभाष पर चर्चा के दौरान कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि इस मार्ग का क्या हो रहा है।

एनएचएआई के सहायक परियोजना अधिकारी दिलीप पुरी ने इस संबंध में जानकारी मांगने पर अपने उच्चाधिकारी एस.के.सिंघई से संपर्क करने की बात कही। वहीं दूरभाष नंबर 9425426644 पर चर्चा के दौरान एस.के.सिंघई ने कहा कि वे सरकारी काम से दिल्ली आए हैं। मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में अस्थाई टोल बूथ किसके आदेश पर स्थापित हुआ था, इसका नोटिफिकेशन हुआ या नही, इसे किसने तोड़ा, इस मामले में पुलिस में क्या एफआईआर दर्ज की गई, इस मामले को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में किसने लगाया इस बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है।

श्री सिंघई ने कहा कि वे किसी के नौकर नहीं हैं और जनता के गाढ़े पीसने की कमाई से संचित धन से वेतन भी नहीं लेते हैं। इसके अलावा उन्होंने कहा कि वे अपने विभागीय मंत्री के अलावा किसी अन्य को जानकारी देने के लिए बाध्य नहीं हैं। गौरतलब है कि एस.के.सिंघई मूलतः मध्य प्रदेश शासन के सिंचाई विभाग के मुलाजिम हैं जो केंद्र सरकार के भूतल परिवन मंत्रालय के अधीन संचालित एनएचएआई में प्रतिनियुक्ति पर हैं। श्री सिंघई पूर्व में सिंचाई विभाग में लंबे समय से वे सिवनी में पदस्थ रहे हैं। उनकी बरघाट विधानसभा में पदस्थापना के दौरान विशेषकर अरी क्षेत्र में की गई अनियमितताओं के चलते वे चर्चाओं का केंद्र रहे हैं।

व्याप्त चर्चाओं के अनुसार सिवनी से विशेष दिलचस्पी रखने वाले परियोजना निदेशक एस.के.सिंघई के असहयोगात्मक रवैए के कारण सिवनी जिले में लखनादौन से खवासा तक के फोरलेन हाईवे में जगह जगह परखच्चे उड़ चुके हैं। एनएचएआई के सूत्रों का ही कहना है कि जब इस मामले को इस साल की शुरूआत में ही देश की सबसे बड़ी अदालत ने वाईल्ड लाईफ बोर्ड के पास भेज दिया है तब लगभग नौ माह बाद भी इस मार्ग के 8.7 किलोमीटर के विवादित हिस्से को छोड़कर शेष पर काम आरंभ न किए जाने के लिए प्रोजेक्ट निदेशक ही पूरी तरह जिम्मेदार माने ला सकते हैं। इसके साथ ही साथ सिवनी शहर में भी नगझर से लूघवाड़ा होकर शीलादेही जाने वाला मार्ग जो जिला मुख्यालय के अंदर से होकर गुजरता है का रखरखाव भी विभाग द्वारा नहीं किया गया है।

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