सोमवार, 9 जनवरी 2012

ममता ने बढ़ाई त्रिवेदी से दूरी


ममता ने बढ़ाई त्रिवेदी से दूरी



(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। त्रणमूल कांग्रेस के कोटे वाले रेल मंत्रालय को जल्द ही कोई नया निजाम मिल सकता है। त्रणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो सुश्री ममता बनर्जी इन दिनों रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी से अच्छी खासी नाराज बताई जा रहीं हैं। रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी का कार्पोरेट चाल ढाल ममता बनर्जी को नागवार गुजर रहा है।
ममता बनर्जी के करीबी सूत्रों का कहना है कि त्रणमूल कांग्रेस सुप्रीमो सुश्री ममता बनर्जी इन दिनों केंद्रीय रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी से एक बार फिर खासी खफा नजर आ रही हैं। ममता के करीबी सूत्र कह रहे हैं कि वे इस बारे में भी विचार कर रही हैं कि केंद्र में चंद्राबाबू नायडू पेटर्न (नायडू ने एनडीए को बाहर से समर्थन दिया था) को अपनाया जाए। ममता भी बिना मंत्री पद लिए त्रणमूल का बाहर से केंद्र को समर्थन दे सकती हैं।
सूत्र बताते हैं कि ममता इस वक्त सबसे ज्यादा खफा केंद्रीय रेल मंत्री से हैं। केंद्रीय रेल मंत्री का कार्पोरेट चाल चलन उन्हें कतई रास नहीं आ रहा है। बताते हैं कि ममता की त्योंरियां तब चढ़ गईं जब उनके संज्ञान में यह लाया गया कि दिनेश त्रिवेदी के मंत्री बनते ही सबसे पहला फोन गुजरात के निजाम नरेंद्र मोदी का आया।
रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी के करीबी सूत्रों का कहन है कि पूर्व रेल मंत्री और त्रणमूल अध्यक्ष ममता बनर्जी और वर्तमान रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी के बीच रिश्तों में खटास आ चुकी है। ममता के संज्ञान में यह लाया गया है कि दिनेश त्रिवेदी जानबूझकर त्रणमूल के सांसदों को तवज्जो नहीं दे रहे हैं। दिनेश त्रिवेदी पर आरोप है कि उन्होंने ममता कोटरी को दूध में से मख्खी की तरह निकालकर बाहर कर दिया है।
सूत्रों के मुताबिक दिनेश त्रिवेदी ने ममता के करीबी रहे अशोक सुब्रहमण्यम, रतन मुखर्जी, जयंतो साहा आदि के लिए अपने मंत्रालय के दरवाजे बंद करवा दिए हैं। इतना ही नहीं दिनेश त्रिवेदी ने अपनी पीएस भी बंगाल काडर की एक भारतीय प्रशासनिक सेवा की महिला अधिकारी को बनाया है पर वे हैं पंजाबी। ममता को यह नागवार गुजर रहा है। उक्त अधिकारी भी त्रणमूल की सिफारिशों पर कान नहीं दे रही हैं।
उधर ममता के करीबी सूत्रोें का कहना है कि पिछले दिनों जब रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी पश्चिम बंगाल प्रवास पर थे तब उन्होंने कलकत्ता मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से सोजन्य भेंट की थी। इस सोजन्य भेंट में ममता बनर्जी काफी उग्र नजर आईं। ममता ने दो टूक शब्दों में इस बात पर आपत्ति दर्ज कराई कि आखिर क्या वजह है कि दिनेश त्रिवेदी उद्योगपतियों से अपने रेल मंत्रालय के सरकारी कार्यालय में मिलने के बजाए अपने घर पर क्यों मिला करते हैं। सूत्रों ने संकेत दिए कि रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने अपना रवैया नहीं बदला तो उनकी रेल कभी भी पटरी से उतर सकती है।
कहा जा रहा है कि ममता ने अब त्रिवेदी और मोदी के बीच के कनेक्शन खोजने के लिए अपने बंदे पाबंद कर दिए हैं। सूत्र यह भी बता रहे हैं कि रेल मंत्री रहते हुए ममता बनर्जी के करीबी अफसरान को भी उन्होंने पबांद कर दिया है कि वे इस बारे में पूरी मालूमात करें कि रेल मंत्रालय कहीं गुजरात से तो नहीं संचालित हो रहा है?

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