सोमवार, 9 जनवरी 2012

नियमविरूद्ध संलग्लनीकरण कर रहे एसी ट्रायबल


नियमविरूद्ध संलग्लनीकरण कर रहे एसी ट्रायबल


(अखिलेश दुबे)

सिवनी (साई)। आदिवासी विकास विभाग में इन दिनों नियम विरूद्ध संलग्नीकरण का खेल खेला जा रहा है जिससे विभागीय शैक्षणिक संस्थाओं में शिक्षक और प्राचार्य अपना मूल काम छोड़कर लिपिक और लेखापाल के काम में लगे हुए हैं। वर्तमान में जिले के आधा दर्जन से ज्यादा स्कूलों के लेखापाल आश्चर्यजनक तौर पर आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त कार्यालय में संलग्न हैं। इन लेखापालों की फौज से सहायक आयुक्त क्या काम ले रहे हैं यह बात शोध का विषय ही मानी जा रही है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक शाला गणेशगंज के लेखापाल पी.के.राय, शासकीय हाई स्कूल पीपर वानी की लेखापाल उषा फरबे, शासकीय हाई स्कूल देवगांव के लेखापाल सुधीर राजनेगी, शासकीय आदर्श शाला घंसौर के यशवंत एवं उत्कृष्ठ शाला घंसौर के लेखापाल हेमंत पटेल इन दिनों सहायक आयुक्त कार्यालय में प्रतिनियुक्ति पर हैं।
यहां उल्लेखनीय होगा कि पिछले शैक्षणिक सत्र में जबलपुर संभाग का परीक्षा परिणाम सबसे कम आया था। दूबरे पर दो असाढ़ की तर्ज पर सिवनी जिला इसमें भी सबसे निचली पायदान पर ही था। इनमें भी ट्रायबल विभाग की शालाओं का परीक्षा परिणाम सबसे कम था। लेखापालों के संलग्न हो जाने से प्राचार्य और शिक्षकों को बाबूगिरी का काम करना पड़ रहा है जिससे अध्ययन अध्यापन कार्य बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।
चर्चाओं के अनुसार आखिर सहायक आयुक्त कार्यालय में एसा कौन सा बड़ा वित्तीय कार्य हो रहा है कि सहायक आयुक्त द्वारा आधा दर्जन लेखापालों को संलग्न कर रखा है। नियमानुसार लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण, शिक्षा एवं आदिवासी विकास विभाग में संलग्नीकरण की प्रथा बंद की जा चुकी है। गोरतलब है कि जिला पंचायत सिवनी में संलग्न शासकीय हाई स्कूल गोसांई खमरिया के बाबू को जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने आते ही तत्काल प्रभाव से वापस शाला में भेज दिया था।
कहा जा रहा है कि जितने भी लेखापाल एसी ट्रायबल कार्यालय में संलग्न हैं वे से सहायक आयुक्त को मासिक चढोत्री के दम पर सिवनी में नियम विरूद्ध पदस्थ हैं। विभागीय सूत्रों का कहना है कि एसी कार्यालय में पदस्थ लिपिक योगेश शर्मा इन दिनों एसी के मुंह लगे हैं और वे अपनी हुकूमत विभाग में चला रहे हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार योगेश शर्मा को कोई काम नहीं दिया गया है। उनके जिम्मे एसी के लिए नेताओं से लाईजनिंग की अघोषित जवाबदारी सौंपी गई है।

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