गुरुवार, 7 जून 2012


शराब व्यवसाई के आगे नतमस्तक कांग्रेस भाजपा!

कांग्रेस भाजपा की प्रतिष्ठा दांव पर!

निर्दलीय के जीतने की भविष्यवाणियां पैदा कर रही संदेह

(संजीव प्रताप सिंह)

सिवनी (साई)। जिले की लखनादौन नगर पंचायत के चुनावों में कांग्रेस और भाजपा की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। यहां निर्दलीय के जीतने की भविष्यवाणियों ने कांग्रेस और भाजपा की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है। कहा जा रहा है कि निहित स्वार्थ के चलते प्रमुख राजनैतिक दलों कांग्रेस और भाजपा ने एक शराब व्यवसाई के आगे घुटने टेक दिए हैं।
ज्ञातव्य है कि चुनाव आयोग द्वारा 4 जून को नगर पंचायत लखनादौन नगर पंचायत के चुनावों की घोषणा कर दी गई है। इस रण में प्रमुख राजनैतिक दल कांग्रेस और भाजपा द्वारा अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं। वहीं दूसरी ओर नगर पंचायत लखनादौन के पूर्व अध्यक्ष रहे मूलतः शराब व्यवसाई दिनेश राय मुनमुन ने अपनी मां को इस रण में उतारने का फैसला कर लिया है।
बताया जाता है कि दिनेश की माता जी श्रीमति सुधा हरिशंकर राय अगले मंगलवार 12 जून को अपरान्ह अपना चुनावी पर्चा दाखिल करेंगी। पिछली बार कांग्रेस और भाजपा के हथियार डालने के फलस्वरूप अध्यक्ष की कुर्सी पर काबिज हुए दिनेश राय इस बार अभिमान सहित कांग्रेस और भाजपा को उनकी औकात दिखाते हुए हुंकार लगाते हुए कहते हैं कि पिछली बार निर्दलीय के बतौर उन्होंने जीत हासिल की थी, इस बार उनकी माता जी निर्दलीय ही चुनावी समर में उतरेंगी।
कहा जाता है कि पैसे के दम पर अपनी लोकप्रियता का अभिमान करने वाले दिनेश राय द्वारा पिछली बार 2008 में जब बतौर लखनादौन नगर पंचायत के अध्यक्ष एक साल का कार्यकाल बचा था, तभी लखनादौन वासियों से नाता तोड़कर सिवनी का विधायक बनने की जुगत लगाई थी। विधानसभा चुनावों में निर्दलीय प्रत्याशी के बतौर उतरे दिनेश राय को कांग्रेस और भाजपा के कथित सहयोग के बाद भी मुंह की खानी पड़ी थी।
उस वक्त इसी लखनादौन नगर पंचायत की जनता दिनेश राय मुननुन से पूछा करती थी कि आखिर उसका क्या कसूर था कि दिनेश राय ने एक साल पहले ही लखनादौन का साथ छोड़ दिया। उल्लेखनीय होगा कि अगले वर्ष 2013 में फिर विधानसभा चुनाव हैं और इन चुनावों में उम्मीदवार बनने दिनेश राय की बाजू फड़कती दिखाई दे रही हैं। अगर वे सिवनी से चुनाव लड़ते हैं तो लखनादौन से उनका मोहभंग हो सकता है।
बहरहाल, जिला कांग्रेस कमेटी की कमान संभालने के बाद संभवतः हीरा आसवानी के लिए यह पहला मौका होगा जब वे नगरीय निकायों के चुनावों में कांग्रेस उनके नेतृत्व में उतर रही है वहीं कमोबेश जिला भाजपा अध्यक्ष बनने के उपरांत सुजीत जैन की स्थिति भी है। दोनों ही राजनैतिक दलों के सामने लखनादौन नगर पंचायत प्रतिष्ठा का प्रश्न बनना चाहिए, वस्तुतः एसा होता दिख नहीं रहा है।
लखनादौन नगर पंचायत के लिए जिस तरह से क्षेत्र में दिनेश राय मुनमुन की मां श्रीमति सुधा राय की जीत के दावे किए जा रहे हैं, उसे देखकर पिछली बार दिनेश राय की विजय की यादें ताजा हो जाती हैं। माहौल देखकर लगने लगा है कि मानो लखनादौन में कांग्रेस और भाजपा का वजूद ही नहीं रहा हो।
कहा तो यहां तक भी जा रहा है कि पिछले विधानसभा चुनावों में हैहय क्षत्रिय समाज के लोगों को किसी राजनैतिक दल विशेष के पक्ष में परोक्ष तौर पर संदेश देने वाले दिनेश राय का उपकार चुकाने के लिए कांग्रेस के एक बलशाली नेता द्वारा इस बार लखनादौन में कांग्रेस को शांत कर दिया है।
वहीं दूसरी ओर पिछले विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी के कनिष्ठ और वरिष्ठ नेताओं द्वारा दिनेश राय के चुनाव चिन्ह कप प्लेट के पक्ष में जिस तरह माहौल बनाने का प्रयास किया गया था और वर्तमान विधायक श्रीमति नीता पटेरिया को हरवाने की जुगत लगाई गई थी उसी तर्ज पर इस बार लखनादौन में भाजपा द्वारा भी हथियार डाल दिए गए हैं।
जिला मुख्यालय में व्याप्त चर्चाओं के अनुसार इस बार लखनादौन में अगर एक बार फिर निर्दलीय प्रत्याशी वह भी पूर्व अध्यक्ष दिनेश राय मुनमुन की माता जी विजयश्री का वरण करती हैं तो यही माना जाएगा कि सिवनी जिले में कांग्रेस और भाजपा का कोई वजूद नहीं बचा है, दोनों ही प्रमुख राजनैतिक दल पूरी तरह से शराब व्यवसाई दिनेश राय के सामने नतमस्तक ही नजर आएंगे।

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