गुरुवार, 7 जून 2012

गैंगवार का नतीजा था हमला


गैंगवार का नतीजा था हमला
(विपिन सिंह राजपूत)
नई दिल्ली (साई)। नजफगढ़ के विधायक भरत सिंह पर जानलेवा हमला करने के मामले में सनसनीखेज खुलासा हुआ है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने इस मामले में चार अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें एक ने विकास उर्फ विक्की व उसके साथियों को मोहरा बनाकर विधायक पर हमला कराया था। उसने चारों को अत्याधुनिक हथियार व पैसा भी मुहैया कराया था।
इस मामले में पुलिस ने घटना के अगले दिन यानी तीन जून को विक्की व उसके तीन अन्य साथियों कुलदीप मित्तल, सुमित सिंह व वीरेंद्र सहरावत को गिरफ्तार किया था। उसी समय विधायक के परिजन समेत उनके समर्थकों को यह बात हजम नहीं हो रही थी कि ये लोग व्यक्तिगत रंजिश व किसी प्रकार के डर से वारदात को अंजाम दे सकते हैं। कयास लगाया जा रहा था कि इसके पीछे जरूर किसी न किसी बड़े गिरोह व विरोधी गुट का हाथ है, जिसने हमलावरों को मोहरा बनाया है। विधायक के बड़े भाई निगम पार्षद किशन पहलवान का कहना था कि घटनास्थल से जिस तरह 0.300.38 के कारतूस मिले हैं, वे हथियार हमलावर नहीं खरीद सकते हैं। क्योंकि कई हमलावरों की पारिवारिक हैसियत वह जानते हैं। अब जब इस मामले में चार अन्य लोग पकड़े गए हैं तब जाकर पता चला कि उक्तघटना पुराने गैंगवार का परिणाम था।
सेल के अधिकारी ने अभी गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं की है, किंतु सूत्रों के मुताबिक इस मामले में उदयवीर (40), सतीश (25, झड़ौदा कलां), नवीन (25) व रविंदर (25, झड़ौदा कलां) को गिरफ्तार किया गया है। विक्की के साथ हमला करने में सतीश, नवीन व रविंदर भी था। हमलावर न केवल तीन मोटरसाइकिल पर थे, बल्कि इनोवा में भी सवार थे। उदयवीर ढिचाऊं कला का रहने वाला है। इसके पिता व भाई की गुड़गांव में वर्ष 2002 में हत्या कर दी गई थी, जिसमें किशन पहलवान का नाम उछला था।
उसी समय से उदयवीर ने बदला लेने की ठान ली थी, किंतु उसे उपयुक्त मौका नहीं मिल रहा था। इस बीच जब उसने विक्की को देखा कि वह कई बार विधायक से झगड़ा कर चुका है और उन्हें सरेआम थप्पड़ मारकर जलील भी कर चुका है तब उसने विक्की पर हाथ रखना शुरू कर दिया। उसी ने हथियार व पैसा मुहैया कराया था। 

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