गुरुवार, 19 जुलाई 2012

ईवनिंगर न्यूजपेपर नहीं भा रहे शिवराज को


ईवनिंगर न्यूजपेपर नहीं भा रहे शिवराज को

शाम पांच बजे तक नहीं होती जनसंपर्क की वेब साईट अपडेट

(नन्द किशोर)

भोपाल (साई)। या तो दोपहर या सांयकालीन समाचार पत्र मध्य प्रदेश के निजाम शिवराज सिंह चौहान को नहीं भा रहे हैं, या फिर सरकार की छवि निर्माण का काम करने वाला भारी भरकम अफसरों की फौज वाला मध्य प्रदेश जनसंपर्क महकमा जनहितकारी सामाचार पत्रों की ओर ध्यान नहीं दे रहा है।
संभवतः ये ही दो कारण हो सकते हैं जबकि संचार क्रांति के इस युग में जबकि समाचार पत्र, इलेक्ट्रानिक मीडिया, वेब मीडिया आदि जो मध्य प्रदेश जनसंपर्क की वेब साईट से समाचार लेते हैं, को शाम पांच बजे तक साईट पर एक दिन पुरानी खबरों से ही दो चार होना पड़ता है।
अमूमन देखा जा रहा है कि मध्य प्रदेश जनसंपर्क की वेब साईट पिछले एक डेढ़ माह से सुबह से शाम तक एक दिन बासे समाचार ही दिखाता रहता है। शाम के समाचार पत्रों को अगर शिवराज सरकार की उपलब्धियां आदि को अपने प्रचार माध्यम में स्थान देना हो तो वे इसके लिए तरस ही जाते हैं।
ज्ञातव्य है कि पूर्व में जनसंपर्क संचालनालय द्वारा प्रेस नोट बांटे जाते थे। ये प्रेस नोट दिन में दो बार बांटे जाते थे। इनमें दोपहर एवं शाम के समाचार पत्रों के लिए दो बजे तक और सुबह के अखबारों के लिए रात आठ बजे तक बांट दिए जाते थे। अन्य के लिए डाक से प्रेस नोट भिजवाने की व्यवस्था प्रथक से की जाती रही है।
संचार क्रांति के युग में व्यवस्थाएं बदल गईं। अब ईमेल के माध्यम से प्रेस नोट भेजे जाने की व्यवस्था लागू हो चुकी है। इससे कागज की बचत हो रही है। भोपाल के समाचार पत्रों को संभवतः ईमेल के माध्यम से प्रेसनोट भेज दिए जाते हैं, किन्तु देश की राजधानी दिल्ली सहित अन्य प्रदेशों के समाचार पत्र अब भी जनसंपर्क की आधिकारिक वेब साईट से ही समाचार लेने पर विवश हैं।
इन प्रचार माध्यमों के हाथ उस वक्त मायूसी लगती है जब ये दिन में कई कई बार भगवा रंग में रंगी जनसंपर्क की आधिकारिक वेब साईट को खोलते हैं। इसमें एक दिन पुरानी खबरों का ही शुमार हुआ करता है। मजबूरी में मध्य प्रदेश सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों, प्रदेश सरकार की खबरों आदि को इन प्रचार माध्यमों में स्थान नहीं मिल पाता है।

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