मंगलवार, 21 अगस्त 2012

आड़वाणी की मंशा पर पानी फेरते कलेक्टर छिंदवाड़ा: वर्मा

आड़वाणी की मंशा पर पानी फेरते कलेक्टर छिंदवाड़ा: वर्मा

(संजीव प्रताप सिंह)

सिवनी (साई)। मुख्यमंत्री की सिंह गर्जना के बाद भी पेच योजना को छिंदवाड़ा के जिला प्रशासन का सहयोग ना मिलना राजनैतिक क्षेत्रों में चर्चा का विषय बन गया हैं। प्रमुख सचिव जुलानिया के दौरे के बाद भी विवादास्पद क्षेत्र में पक्के बांध का काम चालू नहीं हो पाया हैं। अब तक ठेकेदार को हर्जाने के रूप में देने वाली रकम 10 करोड़ रूपये हो चुकी हैं। विवाद वाले क्षेत्र में 14 मीटर लंबे दस गेट लगना हैं जिसके बिना पूरा प्रोजेक्ट ही बेकार हो जायेगा। जनहित में पुलिस सुरक्षा में इस काम को प्रारंभ कराने की मांग इंका नेता आशुतोष वर्मा ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर की हैं जिसकी एक प्रति पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवानी को भी भेजी हैं।
इंका नेता ने विज्ञप्ति में आगे उल्लेख किया है कि देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री श्री लालकृष्ण आडवानी जी की अक्टूबर 2011 में रथ यात्रा के दौरान हुये छिंदवाड़ा प्रवास में एक विशाल आम सभा में आपने यह घोषणा की थी कि कोई माई का लाल पेंच सिचायी परियोजना को बनने से रोक नहीं सकता हैं। आपकी इस घोषणा के बाद विभाग के तेज तर्रार प्रमुख सचिव श्री आर.एस.जुलानिया ने सिवनी और छिंदवाड़ा जिले का दौरा भी किया था और विभागीय अधिकारियों साथ ही प्रशासनिक एवं पुलिस विभाग के अधिकारियों को भी सहयोग देने के निर्देश दिये थे। इसके बाद योजना का काम तो शुरू हो गया हैं लेकिन विवादित स्थल पर आज भी बांध निर्माण का कार्य प्रारंभ नहीं हो पाया हैं।
सिवनी विस क्षेत्र के पूर्व इंका प्रत्याशी आशुतोष वर्मा ने विज्ञप्ति में आगे उल्लेख किया हैं कि पिछले कई वर्षों से यह योजना विवाद के कारण अटकी हुयी हैं। इससे छिंदवाड़ा और सिवनी जिले के जो हजारों किसान लाभान्वित होने वाले हैं उनके मन मंे निराश छा गयी थी जो कि आपकी घोषणा से एक बार फिर आश्वान्वित हो गयें थे कि पेंच का पानी अब जल्दी ही खेतों तक पहुंच जायेगा। इस परियोजना के कुछ तथ्यों से मै आपको अवगत कराना चाहता हूॅं। ग्राम बाम्हनवाड़ा की 25 हेक्टेयर भूमि विवादित है जो कि मात्र 12 किसानों की हैं। इन्हें 2006 एवं 2009 में दो चरणों में मुआवजा भी दे दिया गया हैं। नई दरों से 2011 . 2012 की गाइड लाइन के हिसाब से फरवरी 2012 में अतिरिक्त राशि भी स्वीकृत की जा चुकी हैं। ग्राम भुतेरा और माचागोरा के किसानों ने यह अतिरिक्त राशि ले भी ली हैं लेकिन ग्राम बाम्हनवाड़ा के इन 12 किसानों द्वारा शेष किसानों को भी यह अतिरिक्त राशि लेने से रोका जा रहा हैं। इसी गांव के ऐसे लगभग 40 प्रतिशत किसानों ने यह अतिरिक्त राशि भी ले ली हैं जो कि अब उस गांव में नहीं रहते हैं।
इंका नेता आशुतोष ने विज्ञप्ति में आगे उल्लेख किया है कि इस विवादित स्थल पर 400 मीटर बाय 200 मीटर भूमि पर 145 करोड़ रु. की लागत से पक्के बांध का निर्माण होना हैं जिसमें 14 मीटर लंबे 10 गेट बनाये जाना हैं। इस काम के लिये ठेकेदार से अक्टूबर 2010 में एग्रीमेन्ट भी हो गया हैं एवं ठेकेदार की पूरा अमला साइट में आ चुका हैं। लेकिन वोे अभी तक काम चालू नहीं कर पाया हैं क्योंकि सिचायी विभाग के आधिपत्य वाली भूमि पर भी ठेकेदार को सरकार बाधा मुक्त जमीन उपलब्ध नहीं करा पाया हैं। ठेकेदार से हुये एग्रीमेन्ट के आधार पर सरकार को उसे हर्जाना देना पड़ेगा जिसकी राशि अब तक लगभग 10 करोड़ रु. हो गयी हैं।
इंका नेता वर्मा ने आगे कहा है कि आपकी घोषणा और श्री जुलानिया के दौरे के बाद कच्चे बांध के निर्माण का 99 करोड़ रूपये का ठेका भी स्वीकृत हो गया हैं और पेंच नदी के दांये तरफ के दो गांवों भुतेरा और माचागोरा में कच्चे बांध के निर्माण का काम चालू भी हो गया हैं लेकिन नदी के बांयें तरफ के गांव बाम्हनवाड़ा में कच्चे बांध का काम भी शुरू नहीं हो पाया हैं। यदि ग्राम बाम्हनवाड़ा में बांध का काम नहीं हो पाया तो जो काम अभी चल रहा हैं वह भी बेकार हो जायेगा क्योंकि यदि पूरा बांध नहीं बन पाया तो पानी रुकने और सिचायी होने का सवाल ही नहीं उठता हैं।
विज्ञप्ति में इंका नेता आशुतोष वर्मा ने आगे लिखा है कि इन परिस्थितियों में एक प्रश्न स्वभाविक रूप से उठ खड़ा होता हैं कि आखिर वे मात्र 12 किसान कितने शक्तिशाली हैं कि मुख्यमंत्री की सर्वाजनिक घोषणा के बाद भी पेंच का काम प्रारंभ नहीं होने दे रहें हैं ? आखिर ऐसे कौन से राजनैतिक या प्रशासनिक कारण हैं कि छिंदवाड़ा जिले का जिला एवं पुलिस प्रशासन सुरक्षा के पुख्ता प्रबंधों के साथ विवादित स्थल पर काम चालू नहीं करा पा रहें हैं? क्या मात्र बारह किसानों के हितों के लिये सिवनी जिले के 134 गांवों की 33413 हेक्टेयर एवं छिंदवाड़ा जिले की 30364 हेक्टेयर सिंचिंत होने वाली कृषि भूमि के मालिक हजारों किसानों के हितों को अनदेखा करना उचित हैं? पेंच वृहद सिंचायी परियोजना, जिससे 500 मेगावाट बिजली का भी उत्पादन होना है,को आपकी सार्वजनिक घोषणा के बाद भी वांछित प्रशासनिक सहयोग ना मिलना सही माना जा सकता है?
विज्ञप्ति में इंका नेता आशुतोष वर्मा ने सदन की  कार्यवाही का जिक्र करते हुये कहा है कि शिवराज जी आपने फरवरी 2006 में विधानसभा में इस पिरयोजना की स्वीकृति पर केन्द्र सरकार के प्रति आभार व्यक्त करने हुये इसे प्रदेश के समग्र विकास के लिये मील का पत्थर निरूपित किया था और यह कहा था कि इस योजना को 6 साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया हैं लेकिन इस समयावधि में योजना का पूरा होना तो दूर अभी काम प्रारंभ भी नहीं हो पाया है जो कि चिंता का विषय हैं।
पत्र के अंत में इंका नेता ने अनुरोध किया है कि आप छिंदवाड़ा के जिला एवं पुलिस प्रशासन को निर्देशित कर पूर्ण सुरक्षा व्यवस्था के साथ शीघ्र विवादित स्थल पर काम प्रारंभ करने के निर्देश देने का कष्ट करें ताकि सरकार को ठेकेदारों को और अधिक हर्जाना ना देना पड़े और किसानों के प्यासे खेतों की प्यास भी जल्दी ही बुझ सके।

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