शुक्रवार, 14 सितंबर 2012

मनमोहन मथ रहे अपने मंत्रिमण्डल को


मनमोहन मथ रहे अपने मंत्रिमण्डल को

(विपिन सिंह राजपूत)

नई दिल्ली (साई)। वजीरे आजम डॉ.मनमोहन सिंह अपनी और कांग्रेस की छवि को चमकाने के लिए अब जल्द ही सत्ता का चेहरा मोहरा बदलने की जुगत में दिख रहे हैं। घोटालों और कुशासन के आरोपों से परेशान यूपीए-2 सरकार चेहरा बदल कर छवि चमकाने में जुट गयी है. इसी कवायद के तहत कुछ मंत्रियों की छुट्टी होने और कुछ नये चेहरों को सरकार में शामिल किये जाने की संभावना है.
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी विदेश से लौट आयी हैं और उम्मीद जतायी जा रही है कि इस महीने के अंत में पितृपक्ष शुरू होने से पहले मंत्रिमंडल में बड़ा फेरबदल होगा. सरकार से कुछ दागी मंत्रियों की छुट्टी भी हो सकती है. वहीं, प्रणब मुखर्जी, वीरभद्र सिंह और विलासराव देशमुख की जगह भी भरी जानी है.
प्रणब मुखर्जी के राष्ट्रपति बनने के बाद पश्चिम बंगाल से कांग्रेस का कोई मंत्री नहीं है. दीपादास मुंशी या अधीर चौधरी को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रदीप भट्टाचार्य और बेनजीर मौसम नूर का नाम भी सामने आ रहा है. पंचायत चुनाव के पहले कांग्रेस नेतृत्व चाहता है कि राज्य के कांग्रेस नेताओं को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाये, ताकि वे तृणमूल कांग्रेस का सामना कर सकें. फिलहाल केंद्रीय मंत्रिमंडल में तृणमूल के एक कैबिनेट मंत्री व छह राज्य मंत्री शामिल हैं.
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि आला कमान मंत्रिमंडल में उन नेताओं को शामिल करने को प्राथमिकता देगा जो पहले मंत्री नहीं बने हों यानी नया चेहरा हो. अधीर रंजन चौधरी के मंत्रिमंडल में शामिल किये जाने की चर्चा पहले से ही है, क्योंकि मुर्शिदाबाद जिले की बहरमपुर लोकसभा सीट को उन्होंने वाम मोरचे के कब्जे से छीनकर कांग्रेस की झोली में डाल दिया था.
वह भी उस वक्त जब राज्य में वाम मोरचा की सरकार थी. इलाके में कांग्रेस का वर्चस्व बढ़ाने में चौधरी की अहम भूमिका रही है. दूसरी ओर दीपा दासमुंशी की पृष्ठभूमि भी काफी मजबूत है. मंत्रिमंडल में शामिल किये जाने की संभावना को लेकर पूछने पर चौधरी ने कहा कि यह फैसला कांग्रेस आला कमान को करना है. वैसे उनका लक्ष्य तो विकास ही है. मंत्रिमंडल में शामिल होने का यदि मौका मिला तो आम लोगों से जुड़ने व विकास कार्य करने का ज्यादा मौका मिल पायेगा. इधर सांसद व कांग्रेस प्रमुख नेता दीपा दासमुंशी का इस बारे में कहना है कि आला कमान जो भी फैसला लेगा उन्हें मंजूर होगा. बंगाल से मंत्रिमंडल में यदि किसी सांसद को शामिल किया जायेगा तो यह राज्य के लिए अच्छा और गौरव की बात होगी.
उधर, शशि थरूर फिर मंत्री बनने की कोशिश में हैं. आइपीएल में अनियमितता के मामले को लेकर उन्हें मंत्री पद छोड़ना पड़ा था. वह विदेश राज्य मंत्री थे. कहा जा रहा है कि मनीष तिवारी, मीनाक्षी नटराजन, ज्योति मिर्धा और मनिका टैगोर को राज्यमंत्री बनाया जा सकता है, जबकि वरिष्ठ नेता जनार्दन द्विवेदी को कैबिनेट मंत्री का पद मिल सकता है. कैबिनेट में चिरंजीवी का आना भी लगभग तय माना जा रहा है और रेणुका चौधरी को भी मंत्री बनाये जाने की अटकलें हैं. वहीं, राज्य मंत्री ऑस्कर फर्नांडीस और के रहमान खान प्रमोट करके कैबिनेट मंत्री बनाये जा सकते हैं.
सलमान खुर्शीद और कपिल सिब्बल से एक-एक मंत्रालय का कार्यभार वापस लिया जा सकता है. खुर्शीद के पास फिलहाल अल्पसंख्यक मामलों का मंत्रालय और कानून मंत्रालय हैं, जबकि सिब्बल के पास टेलिकॉम और मानव संसाधन विकास मंत्रालय हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, खुर्शीद से अल्पसंख्यक मामलों का मंत्रालय और सिब्बल से मानव संसाधन विकास मंत्रालय वापस लिये जा सकते हैं.
कैबिनेट में फिलहाल कम से कम आठ मंत्रियों के पास एक से ज्यादा विभाग हैं और कई मंत्री तो ऐसे हैं जिनके पास पार्टी में भी पद हैं. खुर्शीद और सिब्बल के अलावा वायलर रवि (लघु उद्योग मंत्रालय, साइंस ऐंड टेक्नॉलजी, अर्थ साइंस और प्रवासी भारतीयों का मंत्रालय), वीरप्पा मोइली (पावर और कॉर्पाेरेट अफेयर्स), आनंद शर्मा (कॉमर्स के साथ-साथ इंडस्ट्री एंड टेक्सटाइल), पवन कुमार बंसल (संसदीय कार्य और जल संसाधन) और कुमारी शैलजा (हाउसिंग ऐंड अर्बन पॉवर्टी एलिवेशन और कल्चर) इनमें प्रमुख हैं.

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