बुधवार, 26 सितंबर 2012

बीस साल का रिकार्ड खंगालेगी सीबीआई


बीस साल का रिकार्ड खंगालेगी सीबीआई

(महेंद्र देशमुख)

नई दिल्ली (साई)। भ्रष्टाचार पर नजर रखने वाली देश की प्रमुख संस्था केंद्रीय सतर्कता आयोग - सी वी सी ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो- सी बी आई से १९९३ से आवंटित सभी कोयला खंडों की जांच करने को कहा है। पिछले हफ्ते कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने सी वी सी को पत्र लिखकर १९९३ से आवंटित सभी कोयला खंडों के आवंटन की जांच करने को कहा था।
सी बी आई से जांच की मांग करते हुए श्री जायसवाल ने सात सांसदों द्वारा सी वी सी को लिखे उस पत्र को भी भेजा है जिसमें कहा गया था कि १९९३ से २००४ के बीच आवंटित कोयला खंडों की भी सी बी आई जांच कराई जाय। इन सांसदों ने राजनीतिक दबाव के तहत कुछ कंपनियों को कथित रूप से लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया था।
सी बी आई, केंद्रीय सतर्कता आयोग द्वारा भेजे गये ६७ कोयला खंडों के आवंटन के मामले की जांच पहले ही शुरू कर चुका है। इसके आधार पर सी बी आई ने सात मामले दर्ज किये हैं।
इसके साथ ही साथ केन्द्रीय जांच ब्यूरो-ने समुद्री क्षेत्र में मौजूद हजारों करोड़ रुपये की खनिज संपदा का पता लगाने के लिए देश में पहली बार दिये गए लाइसेंसों में हुई अनियमितताओं की जांच शुरू कर दी है। सरकारी सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि इस मामले में सीबीआई ने भारतीय खान ब्यूरो के कुछ अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है जिनकी अभी पहचान नहीं हुई है। आरोप है कि बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में समुद्र की गहराई में  खनिजों का पता लगाने के लिए लाइसेंस देने में कुछ कंपनियों को फायदा पहुंचाया गया।
फिलहाल जांच 2006 से 2009 के बीच के अलॉटमेंट की जांच हो रही है। अब सीबीआई 1993 से लेकर अभी तक हुए सभी कोयला ब्लॉक अलॉटमेंट की जांच करेगी। इनमें बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के 6 साल के शासनकाल में किए गए अलॉटमेंट भी शामिल हैं। 1993 से ही सरकार ने प्राइवेट कंपनियों को सीमित इस्तेमाल के लिए कोयला ब्लॉक अलॉट करना शुरू किया था।
इस संबंध में जांच करने के लिए सीबीआई को सोमवार को सेंट्रल विजिलेंस कमिशन (सीवीसी) की ओर से आदेश मिला। गौरतलब है कि कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने पिछले हफ्ते सीवीसी को चिट्ठी लिखकर 1993 से हुए कोल ब्लॉक अलॉटमेंट की सीबीआई जांच कराने की मांग की थी। सीएजी ने हाल में कहा था कि कोयला ब्लॉकों के आवंटन में नीलामी न करने से 186 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। सीबीआई ने 7 कंपनियों के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की थी। अब तीसरी एफआईआर दर्ज होने का अनुमान है।
बीजेपी का कहना है कि 1993 से कोयला ब्लॉक अलॉटमेंट की सीबीआई जांच संबंधित सीवीसी के आदेश से हमें कोई चिंता नहीं है, क्योंकि एनडीए के पास छुपाने के लिए कुछ नहीं है। सवाल यह है कि 1993 का मामला कौन सामने ला रहा है। यह कांग्रेस है, जो हर चीज में देरी चाहती है। बीजेपी प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने सोमवार को कहा कि सीएजी ने 2004 को बेंचमार्क माना था। 1993 में कांग्रेस सत्ता में थी। इंद कुमार गुजराल और देवगौड़ा की सरकार को कांग्रेस का समर्थन हासिल था।
यहां उल्लेखनीय होगा कि 21 जून 1991-16 मई 96 तक देश में पी.वी.नरसिंह राव, 16 मई 1996-1 जून 1996 तक अटल बिहारी वाजपेयी, 1 जून 1996-21 अप्रैल 1997 तक एच.डी.देवगौड़ा, 21 अप्रैल 1997 - 19 मार्च 1998 तक इंद कुमार गुजराल, 19 मार्च 1998 - 22 मई 2004 तक अटल बिहारी वाजपेयी एवं 22 मई 2004 - अब तक मनमोहन सिंह की सरकार रही है।

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