शनिवार, 24 दिसंबर 2011

क्यों डाला था पहली लोकसुनवाई का अस्पष्ट कार्यवाही विवरण?


0 घंसौर को झुलसाने की तैयारी पूरी . . . 37

क्यों डाला था पहली लोकसुनवाई का अस्पष्ट कार्यवाही विवरण?

क्या अवंथा समूह के इशारों पर चल रहा है एमपीपीसीबी?



(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। प्रसिद्ध उद्योगपति गौतम थापर के स्वामित्व वाले अवंथा समूह के सहयोगी प्रतिष्ठान मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड के द्वारा केंद्र सरकार की छटवीं सूची में अनुसूचित मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के आदिवासी बाहुल्य विकासखण्ड घंसौर के ग्राम बरेला में डाले जाने वाले 1200 मेगावाट (अब 1260 मेगावाटा) के पावर प्लांट की जनसुनवाई में मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण मण्डल द्वारा लगातार ही मेसर्स झाबुआ पावर प्लांट के पक्ष में माहौल बनाने का काम किया जाना आश्चर्यजनक ही माना जा रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार भारत सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की प्रर्यावरण प्रभाव आंकलन अधिसूचना क्रमांक 1533 के तहत मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड द्वारा मंत्रालय के समक्ष आवेदन किया गया था। मंत्रालय के द्वारा झाबुआ पावर को एक अक्टूबर 2008 को जारी टीओआर में लोकसुनवाई की शर्त रखी गई थी। इसी शर्त को पूरा करने के लिए सिवनी जिले में लोकसुनवाई आहूत करना अत्यावश्यक ही था।
22 अगस्त 2009 को आहूत पहली ही लोकसुनवाई में संयंत्र प्रबंधन ने अपने झूठ के सहारे इस संयंत्र को स्थापित करने का खेल खेला गया। इस लोक सुनवाई में संयंत्र प्रबंधन द्वारा कहा गया कि उसे इस संयंत्र के लिए कुल 220 हेक्टेयर भूमि की आवश्यक्ता होगी। वहीं दूसरी ओर मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण मण्डल को दिए गए इस संयत्र के कार्यकारी सारांश में लिखित तौर पर संयंत्र के लिए 600 एकड़ भूमि की आवश्यक्ता दर्शाई थी।
मण्डल के सामने इस तरह की विसंगति होने के बाद भी मण्डल के आला अधिकारियों की चुप्पी से मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण मण्डल और संयंत्र प्रबंधन के बीच मिलीभगत के संदेहों के बादल और गहरा जाते हैं। मण्डल के पास सात पेज के इस कार्यवाही विवरण की अस्पष्ट प्रति से साफ हो जाता है कि संयंत्र प्रबंधन द्वारा मण्डल की मिली भगत से इस संयंत्र के स्थापित होने से पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभावों आदि को दबाना चाहा जा रहा है। जिसे मण्डल के अधिकारी अपनी निहित स्वार्थों की पूर्ती के चलते अंजाम भी दे रहे हैं।
किसी नस्ती के पेज नंबर 61 से 67 तक की छाया प्रति का प्रयोग मण्डल के कारिंदों द्वारा इसकी सूचना मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण मण्डल की आधिकारिक वेब साईट पर पब्लिक हियरिंग का बटन क्लिक करते ही 191 नंबर पर जो इबारत सामने आती है उसमें 22 अगस्त 2009 को संपन्न हुई पब्लिक हियरिंग को क्लिक करने पर मण्डल की वेब साईट में कार्यवाही का विवरण अस्पष्ट ही सामने आता है।
मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण मण्डल द्वारा मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड के पक्ष में इस तरह की मदद क्यों की जा रही है यह यक्ष प्रश्न आज भी अनुत्तरित ही है। हालात देखकर लोगों को अब भ्रम होने लगा है कि मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण मण्डल मध्य प्रदेश सरकार के नहीं वरन् मशहूर उद्योगपति गौतम थापर के स्वामित्व वाले अवंथा समूह के इशारे पर उसके सहयोगी प्रतिष्ठान मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड को लाभ पहुंचाने के लिए काम कर रहा है।

(क्रमशः जारी)

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