सोमवार, 23 जुलाई 2012

इसी सत्र में आ सकता है सीबीएसई विधेयक


इसी सत्र में आ सकता है सीबीएसई विधेयक

(प्रियंका श्रीवास्तव)

नई दिल्ली (साई)। अगर सब कुछ ठीक ठाक रहा तो एक सोसायठी के तौर पर रजिस्टर्ड केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को वित्तीय और प्रशासनिक स्वायत्ता मिल जाएगी। वर्तमान में सीबीएसई द्वारा इससे संबद्ध शालाओं की परीक्षा का आयोजन ही प्रमुख कार्य है। मानसून सत्र में इससे संबंधित एक विधेयक आने की उम्मीद जताई जा रही है।
सीबीएसई को एक वैधानिक संस्था बनाने संबंधी प्रावधान संसद के मानसून सत्र में पेश किया जा सकता है। मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने उच्च शिक्षा में सुधारों से जुड़े अन्य लंबित विधेयकों को लेकर विपक्ष के नेताओं से विचार विमर्श शुरू कर दिया है।
सीबीएसई के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान कहा कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड विधेयक के पारित होने से बोर्ड को और अधिक प्रशासनिक तथा वित्तीय स्वायत्तता मिलेगी और उसका कार्यक्षेत्र व्यापक होगा। वैधानिक दर्जा मिलने से सीबीएसई अपने संचालक मंडल के माध्यम से अपने फैसले कर सकेगी। अधिकारियों के अनुसार वैधानिक इकाई बनने के बाद उसके आदेशों के प्रभाव भी कड़े होंगे।
फिलहाल सीबीएसई सोसायटी के तौर पर पंजीकृत है जो अपने संबद्ध स्कूलों में परीक्षा का आयोजन कराती है। यह सीधे तौर पर मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधीन काम करती है और सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर मंत्रालय के साथ विचार विमर्श करते हुए निर्णय लेती है।

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